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  • Hindi Grammar /

Formal Letter in Hindi: कक्षा 6 से 9 के लिए औपचारिक पत्र कैसे लिखें?

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  • Updated on  
  • नवम्बर 25, 2023

Formal Letter in Hindi

हिंदी कक्षा 6 से 9 के छात्रों के लिए व्याकरण काफी महत्वपूर्ण होती है। इसमें छात्रों को कई बुनियादी विषयों के बारे में बताया जाता है। इनमें से एक है औपचारिक पत्र लेखन। Formal Letter in Hindi उन्हें कहा जाता है जो प्रोफेशनल कार्यों के लिए लिखे जाते हैं। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। आइए Formal Letter in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं।

This Blog Includes:

औपचारिक पत्र क्या होते हैं, औपचारिक पत्र क्यों लिखते हैं, पत्र लेखन के प्रकार, औपचारिक पत्र के प्रकार, याद रखने योग्य बातें, औपचारिक पत्र का फॉर्मेट, एप्लीकेशन फॉर प्रिंसिपल इन हिंदी, औपचारिक पत्र सैंपल 1, प्रधानाचार्य को हिन्दी में औपचारिक पत्र, ऑफिसियल लेटर फॉर्मेट इन हिंदी, कक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्र, कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्र.

वे पत्र जो किसी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति को भेजे जाते हैं या ऐसे व्यक्तियों को जो व्यावसायिक जीवन से जुड़े हों औपचारिक पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लिखने के लिए औपचारिक शब्दों जैसे कि श्रीमान, श्रीमति, निवेदन का प्रयोग किया जाता है। Formal letter in Hindi लिखते वक़्त अनौपचारिक (इनफॉर्मल) भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

औपचारिक पत्र का काम किसी भी कार्य के लिए किया जा सकता है। जैसे, स्कूल में अपनी मैडम, प्रिंसिपल के लिए, कॉलेज में अपने प्रोफेसर या डीन के लिए, नौकरी के लिए, किसी आधिकारिक कार्य को पूरा करवाने के लिए औपचारिक पत्र लिखने की आवश्यकता होती है।

पत्र लेखन दो प्रकार के होते हैं:

  • औपचारिक पत्र (Formal Letter)
  • अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

Formal Letter in Hindi को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

  • प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कूल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं।
  • कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
  • व्यवसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यवसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।

ज़रूर पढ़ें: पत्र लेखन उदाहरण कक्षा 6, 7, 8, 9 और10 के लिए

औपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें इस प्रकार हैं:

  • औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
  • इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
  • पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
  • पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
  • यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
  • पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें।
  • पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे।
  • प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।

Formal Letter in Hindi के (फॉर्मेट) के निम्नलिखित 9 अंग होते हैं, जैसे-

  • ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
  • विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
  • संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
  • विषय-वस्तु – इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
  • पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
  • दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
  • हस्ताक्षर व नाम – धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
  • प्रेषक का पता – शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।

Formal Letter in Hindi

प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।

Formal Letter in Hindi

कार्यालयी-पत्र बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।

सेवा में, अध्यक्ष, हिमाचल राज्य परिवहन निगम, शिमला। दिनांक- 25 अप्रैल, 2019 विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना। महोदय, कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया। मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था। मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ। धन्यवाद। भवदीय, रमेश कुमार 38/5 हीमुंडा कॉलोनी, शिमला। दूरभाष – xxxxxxxxxx

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Formal Letter in Hindi

कक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्रों को कई उपवर्गों में बाँटा जा सकता है; जैसे –

  • प्रधानाचार्य को लिखा जाने वाला प्रार्थना पत्र
  • कार्यालयों को लिखा जाने वाला प्रार्थना पत्र
  • शिकायत सुझाव संबंधी पत्र
  • संपादकीय पत्र

इन पत्रों को लिखने का ढंग तथा इनकी भाषा-शैली में अंतर होता है। इन पत्रों का प्रारूप समझ लेने से पत्र लेखन में सुविधा होती है तथा परीक्षा में पूरे अंक लाए जा सकते हैं। आइए इनके प्रारूप और उदाहरण देखते हैं।

औपचारिक पत्र

कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है –

  • प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र (प्रार्थना-पत्र)।
  • कार्यालयी प्रार्थना-पत्र-विभिन्न कार्यालयों को लिखे गए पत्र।
  • आवेदन-पत्र-विभिन्न कार्यालयों में नियुक्ति हेतु लिखे गए पत्र ।
  • संपादकीय पत्र-विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराने वाले संपादक को लिखे गए पत्र।
  • सुझाव एवं शिकायती पत्र-किसी समस्या आदि के संबंध में सुझाव देने या शिकायत हेतु लिखे गए पत्र।
  • अन्य पत्र-बधाई, शुभकामना और निमंत्रण पत्र ।

फॉर्मल लेटर उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधित, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टतापूर्ण होती है।

सबसे पहले सादे कागज पर बायीं ओर जिसके द्वारा पत्र लिखा जा रहा है उसका पता व दिनांक लिखी जाती है तत्पश्चात बायीं ओर ‘सेवा में’ लिखने के बाद प्रेषित (पत्र भेजने के लिए) के लिए संपादक, समाचार-पत्र का नाम, शहर का नाम लिखा जाता है।

औपचारिक पत्र के भाग पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का पता औपचारिक पत्र लिखते समय सर्वप्रथम पत्र – भेजने वाले का पता लिखा जाता है। प्रेषक का पता बायीं ओर लिखा जाता है। तिथि/दिनांक प्रेषक के पते के ठीक नीचे जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है उस दिन की दिनांक लिखी जाती है।

औपचारिक पत्र के छ अंग होते है जो ये है, जैसे महोदय, प्रिय महोदय. अभिवादन भी व्यक्ति के पद या मर्यादा के अनुरूप लिखा जाता है. जैसे सादर प्रणाम, नमस्कार, आशीर्वाद लिखा जाता है।

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  • Complete Letter Writing in Hindi with 50+ Examples

Complete Letter Writing in Hindi with 50+ Examples image 0

Letter Writing in Hindi with more than 50 examples in Formal and Informal format. हिंदी पत्र लेखन एक ऐसी विधा है जिसका प्रयोग सामाजिक, व्यक्तिगत, प्रशासकीय जैसे स्तर पर होता है। दूर स्तिथ अपने परिचित लोगों से भी सम्बन्ध स्तापित करने के लिए पत्र लेखन एक महत्वपूर्ण साधन है। दूर रहने वाले अपने सगे-सम्बन्धियों, व्यापारियों, सरकारी-गैरसरकारी कार्यालयों के अधिकारियों से सम्पर्क करने के लिए पत्राचार का उपयोग करते है।

Types of Letter Writing in Hindi

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Table of Contents

पत्र लेखन अनेक प्रकार के होते है जैसे व्यक्तिगत या पारिवारिक पत्र, कार्यालयी पत्र, आवेदन पत्र, सार्वजनिक पत्र, व्यावसायिक पत्र आदि। मुख्या पत्र दो प्रकार के होते हैं। सभी पत्र दो मुख्य श्रेणियों में शामिल हैं।

  • औपचारिक पत्र (Formal letter)
  • अनौपचारिक पत्र (Informal letter)

औपचारिक पत्र ऐसे लोगों को लिखा जाता है, जिनसे लिखने वाले का कोई पारिवारिक या व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं होता है। इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग कार्यालयों व सरकारी काम – काजों में निवेदन, शिकायत आदि करने के लिए होता हैं। औपचारिक पत्र को कार्यालय पत्र भी कहते है।

  • सरकारी पत्र (Official Formal Letter)
  • कार्यालय पत्र (Office Formal Letter)
  • ज्ञापन (Memorandum)
  • अर्ध सरकारी पत्र (Demi Official Letter)
  • कार्यालय आदेश (Office Order)
  • अनुस्मारक (Remainder)
  • अधिसूचना (Notification Letter)
  • तार (Telegram)
  • सर्कुलर (Circular in Hindi)

सरकारी पत्र विदेशी सरकार को, राज्य सरकार को, विभिन्न विभागों को, संगठनों को, सार्वजनिक संस्थानों या व्यक्तियों को लिखे जाते है।

Format of Formal Letter in Hindi

संख्या ७/१५/२०२० गृह मंत्रालय भारत सरकार

प्रेषक, रतन शेट्टी आई.ऐ.इस उपसचिव, भारत सरकार

प्रेषित, मुख्य सचिव महाराष्ट्र सरकार मुंबई

नई दिल्ली – २१ मार्च २०१९

विषय- निकेतन भवन दुर्घटना

महोदय, मुझे आपको यह सूचित करने का निदेश हुआ है की भारत सरकार मुंबई में हुए निकेतन भवन की दुर्घटना से बड़ी चिंतित है, तथा उससे प्रभावित सभी व्यक्तियों को संपूर्ण विवरण चाहती है। जो परिवार प्रभावित हुए थे, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।

भारत सरकार का विचार है की इस दुर्घटना की पूरी जांच की जाए। यदि इसके पीछे किसी का हाथ पाया जाए तो तुरंत कारवाही की जाए। और इस घटना को भविष्य में दोहराया नहीं जाना चाहिए।

भवदीय (रतन शेट्टी) उपसचिव, भारत सरकार

Hindi Grammar for Class 10

अर्ध सरकारी पत्र औपचारिक होते है, और उस पत्र को सरकारी अधिकारियों के मध्य लिखा जाता है। इस पत्रों का उद्देश्य भी विचार, जानकारी के आदान-प्रदान के लिए होता है।

पत्र संख्या – ४५७/७३/२०१९ गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड कॉमर्स आदर्श नगर,उत्तर प्रदेश

दिनांक – ०४/०६/२०१९

श्री. नीलेश कुमार प्रमुख सचिव, डायरेक्टरेट ऑफ़ एजुकेशन लखनऊ उत्तर प्रदेश

नीलिश जी, इस वर्ष के परिणाम लगभग सभी कक्षाओं में १५% अधिक आये है, इसलिए महाविधालय में प्रवेश छात्रों के लिए एक समस्या हो गयी है।

जैसे पहले हमने चर्चा की थी की प्रत्येक कक्षा में कम से कम १ डिवीज़न और बढ़ाने होंगे। कृपया हमें अतिरिक्त कक्षाएं खोलने की अनुमति दें और हमें अतिरिक्त शिक्षक भी प्रदान करें।

आपका रामदास केलेकर

श्री. नीलेश कुमार प्रमुख सचिव लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

सरकारी पत्र व्यवहार के इस रूप कार्यालय ज्ञापन का प्रयोग सरकार के विभिन्न कार्यालयों, मंत्रालय या कोई अन्य कार्यस्थल में होता है। ऑफिस मेमोरेंडम में कोई सम्बोधन नहीं होता है।

पत्र क्रमांक – ३६५४/४९७/२०१९ वित्त मत्रांलय भारत सरकार नई दिल्ली १५ अप्रैल २०१९

कार्यालय ज्ञापन

विषय – महंगाई भत्ते की नई दर

वेतन आयोग की सिफारिश पर विचार करने के बाद यह फेसला किया है की महंगाई भत्ते की वर्त्तमान दरो में परिवर्तन करना आवश्यक है। केंद्र सरकार सितंबर २०१९ से वेतन में ८% की वृद्धि करेगी।

राधेलाल प्रसाद सचिव, वित्त मंत्रालय भारत सरकार

प्रतिलिपि – भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागीय कार्यालयों में

किसी भी कार्यालय या मंत्रालय के कर्मचारियों को सुचना देने के लिए लिखने वाले पत्र को ऑफिस आर्डर कहते है। आदेश की रचना में उत्तम पुरुष का प्रयोग नहीं होता है। कार्यालय आदेश सीधी और सरल भाषा में होते है।

Example of Office Order in Hindi

क्रमांक- २७/४७८७/२०१९ सामाजिक कल्याण कार्यालय भोपाल, मध्य प्रदेश दी. ०५ अक्टूबर २०१९

कार्यालय आदेश

सामाजिक कल्याण का कार्यालय अपने नए भवन में स्थानांतर किया जा रहा है। इसलिए १३ अक्टूबर से २१ अक्टूबर तक किसी बभी वर्ग के कर्मचारी को कोई अवकाश प्रदान नहीं किया जायेगा।

Complete Letter Writing in Hindi with 50+ Examples image 1

प्रतिमा शिंदे सचिव सामाजिक कल्याण

जब सब राज्यों के सरकारों को कोई एक सरकारी पत्र भेजना है तो उसे परिपत्र यानी सर्कुलर कहते है।

सुचना व प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली

प्रेषक, आरोही पाटिल अवर सचिव, भारत सरकार

सेवा में, निदेशक दूरदर्शन नई दिल्ली

दी- ०३ अप्रैल २०२०

विषय- प्रसारण समय के सम्बन्ध में

महोदय, मुझे यह सूचित करने का आदेश हुआ है की दूरदर्शन के कार्यक्रमों के प्रसारण के समय में श्रेताओं का क्या अभिप्राय है यह जाना जाये।

यदि प्रसारण समय में इन कार्यक्रमों की लोकप्रियता मालूम होगी तो हम भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रम कर सकते हैं।

आपसे अनुरोध है कि इस प्रति को सभी विभागों में भेजें।

इसे आवश्यक समझकर तुरंत कार्यवाही करे।

आपकी विश्वसनीय आरोही पाटिल अवर सचिव, भारत सरकार

Moral Stories in Hindi

सेवा में, महाप्रबंधक राजस्थान परिवहन निगम, जयपुर, राजस्थान

२१ जून, २०२०

विषय – बस कंडक्टर की शिकायत

महोदय, सविनय निवेदन यह है कि मैं झोटवाड़ा का निवासी हूँ। मैं प्रतिदिन ७:०० बजे शक्ति नगर की बस, नंबर २४ से रघुनाथ मंदिर के लिए यात्रा करता हूँ। इस बस का कंडक्टर यात्रियों के साथ काफी दुर्व्यवहार करता है। बस स्टॉप आने पर बस नहीं रोकता है। महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांगों के साथ भी उसका व्यव्हार अच्छा नहीं है।

अतः आपसे अनुरोध है कि इस बस कंडक्टर को यहाँ से हटा दिया जाये अथवा यात्रियों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की हिदायत दें। आशा है कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आप उचित करवाई करेंगे।

भवदीय मुकेश कुमार स्वप्निल रेसीडेंसी झोटवाड़ा जयपुर राजस्थान

सेवा में, मुख्याधापाका जी, सांता क्रूज़ स्कूल, मुंबई

१८ जनवरी, २०२०

विषय – स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र के लिए आवेदन।

श्रीमती जी, मेरा निवेदन यह है की मैं आपके स्कूल के ग्यारवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरी पिताजी की नौकरी बंगलोरे में लगी है इसलिए मेरा परिवार बंगलौर में शिफ्ट कर रहे हैं। हमने इस महीने स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए मैं स्कूल छोड़ रहा हूँ। कृपया करके आप मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र देने की कृपा करे। मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।

आपका छात्र, केतन कदम कक्षा ग्यारवीं D, रोल नम- २५

सेवा में, हेडमास्टर, गवर्नमेंट हाई स्कूल, पंजिम गोवा

महोदया, सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा आठ ‘बी’ का छात्रा हूँ। मुझे कल रात से बहुत तेज़ बुखार है। डॉक्टर ने मुझे एक सप्ताह तक, विश्राम करने के लिए कहा है। इसलिए मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ।

अतः आपसे प्रार्थना है कि मुझे दिनांक 02-11-2019 से 09-11-2019 तक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

आपका आज्ञाकारी शिष्या राजेंद्र शिरोडकर ०२ नवंबर, २०१९

सेवा में, श्रीमान अध्यक्ष महोदय, नगर महापालिका भोपाल, मध्य प्रदेश

११ फरवरी, २०२०

—————सन्देश———-

धन्यवाद। भवदीय, अभिनव शर्मा

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Inspirational Quotes in Hindi

अनौपचारिक पत्र अपने सगे-सम्बन्धियों को लिखना, विवाह में उपस्थित होने के लिए आमंत्रण, किसी शुभ कार्य में उपस्थित होने के लिए, बधाई संदेश देने के लिए, माता-पिता, परिजनों, दोस्तों, आदि के लिए उपयोग होता है। इनफॉर्मल लेटर हम केवल उन्हें लिखते है जिसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध हो। अनौपचारिक पत्र लिखने में कुछ खास नियमों का पालन करना नहीं पड़ता है। इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातों का भी समावेश होता है।

  • पारिवारिक या घरेलु पत्र
  • सामाजिक पत्र

पारिवारिक या घरेलु पत्रों के माध्यम से हम दूर रहने वाले अपने सगे-सम्बन्धियों को किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए, विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र, कोई सलाह आदि देने के लिए देने के लिए जैसे पत्र लिखते है।

सामाजिक पत्र के अंतर्गत निमंत्रण पत्र, बधाई पत्र, शोक-पत्र आदि की गणना होती है। सामाजिक पत्र में प्रेषक का नाम पत्र में सबसे ऊपर रहता है।

मोहनदास मार्ग, घर क्र. ५१४ पश्चिम विहार, नई दिल्ली

दिनांक : __

प्रिय मित्र,

नमस्कार/नमस्ते!

————————– संदेश (Message) ————————

तुम्हारा मित्र, (नाम) शुभकामनाएं

Dreams Meanings in Hindi

११४/८७ रामनगर, जयपुर ३०२००१

मुझे यह जानकर बहुत कष्ट हुआ कि कल रात के हाइवे एक्सीडेंट में तुम्हारे अपने माता-पिता दुर्घटना से ग्रसित हुए हैं। तुम चिंता मत करो वह शीघ्र ही ठीक हो जाएंगे। मेरी जो भी सहायता चाहिए मैं अपनी ओर से तुम्हारी अवश्य सहायता करूंगा। तुम बस उनकी चिकित्सा पर ध्यान दो। उनका ख्याल रखो। मैं अगले हफ्ते जयपुर आऊंगा, उस समय हम मिलेंगे।

तुम्हारा प्रिय नेहाल

निकेतन कॉलेज, गर्ल्स हॉस्टल

दिनांक- १५ फरवरी, २०२०

प्रिय बहन, सदा खुश रहो।

मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। अभी-अभी मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ और उनसे घर के सभी समाचार ज्ञात हुए। साथ ही साथ यह भी पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो।

तुम्हें तो पता ही है कि पहला सुख स्वस्थ शरीर को कहा जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि तुम हमेशा योगासन किया करो। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त रहने के कारण कोई भी स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता। योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है।

आशा करती हूँ कि तुम मेरी इस सलाह को मानोगी तथा अपने जीवन में योग को महत्त्व दोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी। माता-पिता को प्रणाम और भाई को मेरा प्यार देना।

तुम्हारी बहन, अस्लेशा

४७८, दीनानाथ मंगेशकर मार्ग, मुंबई – ४०००११

दिनांक : ५ अक्टूबर २०२०

प्रिय दोस्त शुभम ,

आशा है तुम स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे और अपने स्कूल की पढ़ाई में व्यस्त होंगे। मैं आज तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से यह पत्र लिख रहा हूं। दरअसल मेरे बड़े भाई की शादी १७ अक्टूबर २०२० को होनी निश्चित हुई है। शादी का कार्यक्रम दो दिवसीय है। अतः आप सपरिवार मेरे बड़े भाई की शादी में आमंत्रित हैं।

मैं आशा करता हूं कि तुम अपने परिवार के साथ मेरे बड़े भाई की शादी में सम्मिलित होने अवश्य आओगे। मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा।

तुम्हारा दोस्त, रोहित

आदर्श कॉलोनी कोलकाता

दिनांक – २० अप्रैल २०२०

प्रिय बंधू शर्मा जी, नमस्कार!

मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि आपको मुंबई क्रिकेट टीम में चुना गया है। यह सब आपकी मेहनत का फल है। इस सफलता पर मेरी हार्दिक बढ़ाई। आशा ही नहीं, पूरा विश्वास भी है की आगे भी तुम कड़ी मेहनत करते रहेंगे।

तम्हारा मित्र, रामपाल कुमार

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हिंदी में पत्र लेखन- Letter Writing in Hindi

In this article, we are providing detailed information on Letter Writing in Hindi. हिन्दी पत्र लेखन, औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन उदाहरण। How to Write a Letter in Hindi, Patra Lekhan in Hindi Format, Hindi Letter Writing.

हिंदी में पत्र लेखन- Letter Writing in Hindi

Hindi Patra Lekhan (हिन्दी पत्र लेखन) – किसी भी कागज या अन्य किसी चीज पर लिखा गया कोई भी समाचार पत्र कहलाता है। प्राचीन काल में खबरों का और एक दुसरे का कुशल मंगल जानने का एकमात्र साधन पत्र ही थे जिनसे जानकारी मिलने में बहुत समय लगता था। आज के तकनीकी युग में पत्रों का स्थान टेलीफॉन ,टैलिग्राम,फैक्स आदि ने ले लिया है और पत्रों का चलन खत्म हो गया है हालांकि अभी भी व्यवसाय,बैंक और सरकारी कार्यालयों आदि में पत्रों का प्रयोग किया जाता है। पत्र को अंग्रेजी में लैटर कहा जाता है।

पत्र लेखन के प्रकार (Types of Letters in Hindi)

हम अलग अलग लोगों को पत्र लिखते है और उसी के आधार पर पत्रों को विभाजित किया गया है–

1. औपचारिक पत्र  2.अनौपचारिक पत्र 

औपचारिक पत्र (Aupcharik Patra in Hindi) – यह वह पत्र होते है जो हम किसी सरकारी, अर्धसरकारी, व्यवसाय आदि से जुड़े लोगो को लिखते है। इनकी भाषाशैली औपचारिक होती है और इनका स्वरूप भी निश्चित साँचे में ढला होता है। इसके अंतर्गत किसी सरकारी या गैर सरकारी विभाग को शिकायत पत्र,निमंत्रण पत्र, सुझाव पत्र आदि आते है।

अनौपचारिक पत्र (Anaupcharik Patra in Hindi) – यह पत्र उन लोगों को लिखे जाते है जिनसे हमारा घनिष्ठ संबंध होता है। यह परिवार वालों, रिश्तेदारों और मित्रों आदि को लिखे जाते है। इनकी भाषा बहुत ही सामान्य होती है। इन पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है और इनका विषय भी निजी और घरेलू ही होता है।

पत्र के अंग- पत्र चाहे औपचारिक हो या अनौपचारिक दोनों के ही बहुत से अंग होते है- 1. पता तथा दिनांक 2.संबोधन और अभिवादन शब्दावली का प्रयोग 3. विषय सामग्री 4.पत्र समाप्ति,स्वनिर्देश और हस्ताक्षर

1. पता तथा दिनाक- पत्र के आरंभ में बाई और पर पत्र लिखने वाले का पता लिखा जाता है और उसके नीचे दिनांक लिखते है। औपचारिक पत्रों में दिनांक के नीचे जिसको पत्र भेज रहे है उनका भी पता लिखा जाता है।

2. संबोधन और अभिवादन शब्दावली- अपनी बातें लिखने से पहले हमें सामने वाले को किसी न किसी शब्द से संबोधित करना होता है। अनौपचारिक पत्रों में पूज्य ,नमस्कार आदि शब्द अपने से बड़ो के लिए प्रयोग किए जाते है और छोटो के लिए स्नेह,प्रिय आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है और इन संबोधन शब्दों के अंत में अल्प विराम लगाया जाता है। अनौपचारिक पत्रो में संबोधन के लिए महोदय ,मान्यवर आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है और संबोधन से पहले अपना विषय बताते है जिसके बारें में आपका पत्र है।

3. विषय सामग्री- इसमें हम अपने भाव और विचार लिखते है जो कि हम इस पत्र के माध्यम से व्यक्त करना चाहते है। हमारी लिखने की भाषा स्पष्ट और सरल होनी चाहिए।

4. पत्र समाप्ति और हस्ताक्षर- पत्र की समाप्ति सामने वाले की उमर और पद के अनुसार होती है। अगर हमसे बड़े है तो आपका आघ्याकारी, आपका विशवसनीय आदि शब्दों का प्रयोग कर सकते है और अगर छोटे का पत्र लिखा है तो तुम्हारा प्यारा जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। अंत में नाम और हस्ताक्षर किए जाते है।

Hindi Letter Format

कुछ औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन उदाहरण (पत्र लेखन नमूना) Letter Writing in Hindi-

#Informal Letter in Hindi Format

1. निजी पत्र-

हाउस नंबर– 177 सैक्टर 36 ए, चण्डीगढ़। 22 मई, 2018 प्रिय मित्र,

———————————————–संदेश————————————————–

तुम्हारा मित्र नाम ।

2. प्रार्थना पत्र-

सेवा में, श्रीमान् प्रधानाचार्य महोदय पब्लिक स्कूल, चण्डीगढ़। दिनांक- 22 मई, 2018 विषय- बिमारी के कारण दो दिन के अवकाश हेतु मान्यवर

धन्यवाद । आपका आग्याकारी शिष्य नाम कक्षा

3. व्यवसायिक पत्र-

सेवा में, मैनेजिंग महोदय, गोयल फैसन हाउस, नई दिल्ली। दिनांक- 22 मई, 2018 विषय– समान मंगवाने हेतु मान्यवर

धन्यवाद। नाम राषट्रपति भवन, 110067 नई दिल्ली।

4. सरकारी पत्र-

सेवा में, श्रीमान् मुख्य सचीव, नगरपालिका, असंध। दिनांक– 22 मई, 2018 विषय– शहर में साफ सफाई करवाने हेतु मान्यवर

धन्यवाद। नाम गीता कॉलोनी, असंध।

पत्र लिखते समय सावधानियाँ- आप का पत्र शिष्टतापूर्ण होना चाहिए। आपकी भाषा साफ और स्पष्ट होनी चाहिए जिससे कि पत्र के माध्यम से आप जो भाव व्यक्त करना चाहते हो वो सामने वाले को आसानी से समझ में आ सके। औपचारिक पत्रों की भाषा अच्छी होनी चाहिए और निश्चित रूप से होनी चाहिए।

पत्रों का हमारे जीवन का एक अहम स्थान है। हमारे सभी सरकारी कार्यों में पत्रों का ही प्रयोग होता है क्योंकि यह हस्ताक्षर के साथ पक्के दस्तावेज होते है। हर किसी को अपनी जिंदगी में कभी न कभी पत्र तो लिखना ही पढ़ता है। पत्र हमें बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी बात व्यक्त करने का मौका देते है। हम सब को पत्र लेखन आना ही चाहिए।

#Patra Lekhan in Hindi Format #Formal Letter in Hindi to Principal

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Patra Lekhan in Hindi – पत्र लेखन (Letter Writting) – हिन्दी

February 16, 2023 by Prasanna

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पत्र-लेखन – Letter-Writing in Hindi

पत्र- व्यवहार ऐसा साधन है जो दूरस्थ व्यक्तियों की भावना को एक संगम भूमि पर ला खड़ा करता है और दोनों में आत्मीय सम्बन्ध स्थापित करता है। सुप्रसिद्ध अंग्रेज़ लेखक जेम्स हाडल का कथन सत्य ही है कि “जिस प्रकार कुंजियाँ मंजूषाओं के पत्र लेखन एक कला है जो दो व्यक्तियों के विचारों को साहित्यिक तकनीक में समेट कर प्रस्तुत करती है। पत्र मनुष्य के विचारों का आदान-प्रदान सरल, सहज, लोकप्रिय तथा सशक्त माध्यम से करता है।

पत्र के प्रकार

पत्र व्यक्ति के सुख-दुःख का सजीव संवाहक होने के साथ यह पत्र-लेखक के व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब भी होता है। निजी जीवन से लेकर व्यापार को बढ़ाने अथवा कार्यालय/संस्थानों में परस्पर सम्पर्क का साधन पत्र ही है। पत्र की इन सभी उपयोगिताओं को देखते हुए पत्रों को मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है जो निम्नलिखित हैं-

अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र.

पत्र की विशेषताएँ पत्र लेखन एक कला है। पत्र की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-

  • भाषा की संक्षिप्तता पत्र लेखन में अपने भावों एवं विचारों को संक्षिप्त रूप में अभिव्यक्त किया जाना चाहिए। पत्र में अनावश्यक रूप से विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए। पत्र में व्यर्थ के शब्दों से भी बचा जाना आवश्यक है।
  • क्रमबद्धता पत्र लेखन करते समय क्रमबद्धता का ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है, जो बात पत्र में पहले लिखी जानी चाहिए उसे पत्र में प्रारम्भ में तथा बाद में लिखी जाने वाली बात को अन्त में ही लिखा जाना चाहिए।
  • भाषा की स्पष्टता एवं सरलता पत्र की भाषा पूरी तरह सरल व स्पष्ट होनी चाहिए। भाषा में स्पष्टता का गुण न होने पर पत्र पढ़ने वाला पत्र-लेखक के भावों को समझ नहीं पाएगा। स्पष्टत: पत्र लिखते समय प्रचलित शब्दों एवं सरल वाक्यों का प्रयोग किया जाना चाहिए। कठिन भाषा से पत्र नीरस हो जाता है।
  • प्रभावपूर्ण शैली पत्र की भाषा शैली प्रभावपूर्ण होनी चाहिए जिससे पाठक पत्र-लेखक के भावों को सरलता से समझ सके। पत्र की भाषा मौलिक होनी चाहिए। अनावश्यक शब्दों एवं भाषा का प्रयोग करके आकर्षक पत्र नहीं लिखा जा सकता।
  • उद्देश्यपूर्ण पत्र इस प्रकार लिखा जाना चाहिए जिससे पाठक की हर जिज्ञासा शान्त हो जाए। पत्र अधूरा नहीं होना चाहिए। पत्र में जिन बातों का उल्लेख किया जाना निश्चित हो उसका उल्लेख पत्र में निश्चित तौर पर किया जाना चाहिए। पत्र पूरा होने पर उसे एक बार अन्त में पुनः पढ़ लेना चाहिए।

पत्र लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें

पत्र लिखित समय ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं

  • पत्र लिखते समय प्रारम्भ में पत्र-लेखक व पत्र-प्राप्तकर्ता का नाम व पता दिनांक के साथ लिखा जाना चाहिए।
  • पत्र में अनावश्यक बातों का विस्तार न देकर संक्षिप्त में अपनी बात प्रभावपूर्ण तरीके से कही जानी चाहिए।
  • पत्र का विषय स्पष्ट होना चाहिए।
  • पत्र लिखते समय कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कहने की कोशिश करनी चाहिए।
  • पत्र की भाषा मधुर, आदरसूचक एवं सरल होनी चाहिए।
  • पत्र की समाप्ति इस प्रकार होनी चाहिए कि पत्र का सन्देश स्पष्ट हो सके।

सगे- सम्बन्धियों, मित्रों, रिश्तेदारों, परिचितों आदि को लिखे गए पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं, इन्हें व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है। इनमें व्यक्तिगत प्रवृत्तियों, सुख-दुःख, हर्ष, उत्साह, बधाई, शुभकामना आदि का वर्णन किया जाता है। अनौपचारिक पत्रों की भाषा आत्मीय व हृदय को स्पर्श करने वाली होती है।

अनौपचारिक पत्र के भाग

  • प्रेषक का पता अनौपचारिक पत्र लिखते समय सर्वप्रथम प्रेषक का पता लिखा जाता है। यह पता पत्र के बायीं ओर लिखा जाता है।
  • तिथि-दिनांक प्रेषक के पते के ठीक नीचे बायीं ओर तिथि लिखी जाती है। यह तिथि उसी दिवस की होनी चाहिए, जब पत्र लिखा जा रहा है।
  • सम्बोधन तिथि के बाद जिसे पत्र लिखा जा रहा है उसे सम्बोधित किया जाता है। सम्बोधन का अर्थ है किसी व्यक्ति को पुकारने के लिए प्रयुक्त शब्द। सम्बोधन के लिए प्रिय, पूज्य, स्नेहिल, आदरणीय आदि सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
  • अभिवादन सम्बोधन के बाद नमस्कार, सादर चरण-स्पर्श आदि रूप में अभिवादन लिखा जाता है।
  • विषय-वस्तु अभिवादन के बाद मूल विषय-वस्तु को क्रम से लिखा जाता है। जहाँ तक सम्भव हो अपनी बात को छोटे-छोटे परिच्छेदों में लिखने का प्रयास करना चाहिए।
  • स्वनिर्देश/अभिनिवेदन इसके अन्तर्गत प्रसंगानुसार ‘आपका’, ‘भवदीय’, ‘शुभाकांक्षी’ आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
  • हस्ताक्षर पत्र में अभिनिवेदन के पश्चात् अपना नाम लिखा जाता है अथवा हस्ताक्षर किए जाते हैं।

कार्ड या लिफाफे पर पता लिखना

इसके अतिरिक्त पता लिखना भी पत्र का आवश्यक भाग है। पत्र पाने वाले (प्रेषिती) का पता, कार्ड या लिफाफे पर इस प्रकार लिखा जाता है-सबसे पहले प्रेषिती का नाम, दूसरी पंक्ति में मकान संख्या, गली-मुहल्ला आदि, तीसरी पंक्ति में गाँव, शहर और डाकघर का नाम लिखा जाता है। अन्तिम पंक्ति में जिले और राज्य का उल्लेख रहता है। जैसे- श्री रामलखन वर्मा – आर. पी. वाजपेयी ग्राम-मौजीपुर – 15- विकास नगर पोस्ट-क्योंटी बादुल्ला (बिसवाँ) – सीतापुर (उ.प्र.) जिला-सीतापुर (उत्तर प्रदेश) – पिन-261001

अनौपचारिक पत्र के सम्बोधन, अभिवादन तथा अभिनिवेदन

अनौपचारिक पत्रों के उदाहरण

पिता द्वारा पुत्र को

♦ छात्रावास में पढ़ रहे पिता द्वारा मनीऑर्डर भेजे जाने हेतु एक पत्र लिखिए। पोखर खाली, अल्मोड़ा। दिनांक 10-4-20xx प्रिय बेटा अजय, शुभाशीष।

यहाँ सब कुशल पूर्वक हैं, आशा है तुम भी सकुशल होगे। आज ही तुम्हारा पत्र मिला मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि तुम्हारी लिखित परीक्षा के दो प्रश्न-पत्र हो गए हैं और तुमने दोनों प्रश्न-पत्रों को बहुत अच्छे ढंग से किया है। मैंने आज ही ₹ 500 का मनीऑर्डर तुम्हारे नाम भेज दिया है। आशा है पत्र के साथ वह भी मिल जाएगा। अपनी पढ़ाई का विशेष ध्यान रखना और इन पैसों का सदुपयोग ही करना। तुम्हारी माताजी ने तुम्हारे लिए प्यार और भाई-बहनों ने नमस्ते कहा है।

तुम्हारा पिता

मित्र को आमन्त्रण पत्र

♦ काव्य गोष्ठी में आमन्त्रित किए जाने पर मित्र को धन्यवाद प्रकट करते हुए एक पत्र लिखिए 5 विकास नगर, सीतापुर। दिनांक 4-3-20xx मित्रवर राकेश जी,

सप्रेम नमस्ते। आपका पत्र आज प्राप्त हुआ। यह बहुत ही खुशी की बात है कि आप अपने निवास स्थान पर कवि गोष्ठी कराने जा रहे हैं। मैं वहाँ अवश्य ही आऊँगा। स्थानीय कवियों के अतिरिक्त और कौन-कौन से कवि आ रहे हैं? मयंक जी को आमन्त्रित किया है या नहीं? यदि किसी चीज़ की आवश्यकता हो तो मुझे अवश्य लिखें; मैं उसकी व्यवस्था कर लूगाँ। यहाँ पर सब कुशल मंगल है। आशा है कि आप भी स्वस्थ एवं सानन्द होंगे।

आपका मित्र मुनीश कुमार

सलाह सम्बन्धी पत्र

♦ अपनी छोटी बहन को समय का सदुपयोग करने की सलाह देते हुए पत्र लिखिए। 18, जीवन नगर, गाजियाबाद। दिनांक 19-3-20xx प्रिय कुसुमलता,

शुभाशीष। आशा करता हूँ कि तुम सकुशल होगी। छात्रावास में तुम्हारा मन लग गया होगा और तुम्हारी दिनचर्या भी नियमित चल रही होगी। प्रिय कुसुम, तुम अत्यन्त सौभाग्यशाली लड़की हो जो तुम्हें बाहर रहकर अपना जीवन संवारने का अवसर प्राप्त हुआ है, परन्तु वहाँ छात्रावास में इस आज़ादी का तुम दुरुपयोग मत करना। बड़ा भाई होने के नाते मैं तुमसे यह कहना चाहता हूँ कि तुम समय का भरपूर सदुपयोग करना। तुम वहाँ पढ़ाई के लिए गई हो। इसलिए ऐसी दिनचर्या बनाना जिसमें पढ़ाई को सबसे अधिक महत्त्व मिले। यह सुनहरा अवसर जीवन में फिर वापस नहीं आएगा। इसलिए समय का एक-एक पल अध्ययन में लगाना| मनोरंजन एवं व्यर्थ की बातों में ज़्यादा समय व्यतीत न करना। अपनी रचनात्मक रुचियों का विस्तार करना। खेल-कूद को भी पढ़ाई जितना ही महत्त्व देना। आशा करता हूँ तुम मेरी बातों को समझकर अपने समय का उचित प्रकार सदुपयोग करोगी तथा अपनी दिनचर्या का उचित प्रकार पालन करके परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करोगी। शुभकामनाओं सहित।

तुम्हारा भाई, कैलाश

मित्र को बधाई पत्र

♦ अपने मित्र को वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान पर उत्तीर्ण होने के उपलक्ष्य में बधाई पत्र लिखिए। 40/3, नेहरू विहार, झाँसी। दिनांक 16-3-20xx प्रिय मित्र शेखर,

15 मार्च, 20xx के समाचार-पत्र में तुम्हारी सफलता का सन्देश पढ़ने को मिला। यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई कि तुमने जिला स्तर पर 12वीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

प्रिय शेखर, मुझे तुम से यही आशा थी। तुम्हारी पढ़ाई के प्रति निष्ठा और लगन को देखकर मुझे पूर्ण विश्वास हो गया था कि 12वीं कक्षा की परीक्षा में तुम अपने विद्यालय तथा परिवार का नाम अवश्य रोशन करोगें। परमात्मा को कोटि-कोटि धन्यवाद कि उसने तुम्हारे परिश्रम का उचित फल दिया है।

मेरे दोस्त, अपनी इस शानदार सफलता पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मैं उस परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि जीवन में सफलता इसी प्रकार तुम्हारे चरण चूमती रहे तथा तुम जीवन में उन्नति के पथ पर अग्रसर रहो। मुझे पूरी आशा है कि इसके पश्चात् होने वाली कॉलेज की आगामी परीक्षाओं में भी तुम इसी प्रकार उच्च सफलता प्राप्त करोगे तथा जिनका परिणाम इससे भी शानदार रहेगा। मेरी शुभकामनाएँ सदैव तुम्हारे साथ हैं।

शुभकामनाओं सहित। मोहन राकेश

निमन्त्रण पत्र

♦ अपने पुत्र के विवाह में शामिल होने के लिए अपने सम्बन्धियों को निमन्त्रण-पत्र लिखिए। || श्री गणेशाय नमः।। भेज रहा हूँ स्नेह-निमन्त्रण प्रियवर! तुम्हें बुलाने को। हे मानस के राजहंस! तुम भूल न. जाना आने को।

श्री/श्रीमती………….. परमपिता परमेश्वर की कृपा से मेरे ज्येष्ठ पुत्र चि. गिरीश का विवाह पिथौरागढ़ निवासी श्री बंशीधर तिवारी की सौभाग्याकांक्षिणी सुपुत्री प्रभा के साथ दिनांक 8-4-20XX को होना निश्चित हुआ है। आप सपरिवार पधारकर वर-वधू को आशीर्वाद देकर अनुगृहीत करें।

दर्शनाभिलाषी प्रमोद जोशी सतीश जोशी एवं समस्त परिवार

कुशल क्षेम सम्बन्धी पत्र

♦ अपने परिवार से दूर रहकर नौकरी कर रहे पिता का हाल-चाल जानने के लिए पत्र लिखिए। 20/3, रामनगर, कानपुर। दिनांक 15-3-20xx पूज्य पिताजी, सादर चरण-स्पर्श

कई दिनों से आपका कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। हम सब यहाँ कुशलपूर्वक रहकर भगवान से आपकी कुशलता एवं स्वास्थ्य के लिए सदा प्रार्थना करते हैं। पिताजी, मैंने घर की सारी ज़िम्मेदारियाँ सम्भाल ली हैं। घर एवं बाहर के अधिकांश काम अब मैं ही करता हूँ। सलोनी आपको बहुत याद करती है। वह हर समय पापा-पापा की रट लगाए रहती है। इस बार घर आते समय उसके लिए गुड़ियों का उपहार लेते आइएगा। आप अपनी सेहत का ख्याल रखना। समय पर खाना, समय पर सोना। यदि आपको स्वास्थ्य में तनिक भी गड़बड़ी महसूस हो तो डॉक्टर से परामर्श कर तुरंत ही अपना उचित इलाज करवाना।

आपके पत्र के जवाब के इन्तज़ार में। विजय मोहन

मित्र को शोक पत्र

♦ अपने मित्र को उनकी पुत्र-वधू की असामयिक मृत्यु होने पर शोक प्रकट करते हुए शोक-पत्र लिखिए। 15, स्वरूप नगर, पीलीभीत। दिनांक 1-4-20xx प्रिय बिष्ट जी,

आपकी पुत्र-वधू की असामयिक मृत्यु की सूचना पाकर अपार दुःख हुआ। मृत्यु पर किसी का वश नहीं है। आप धैर्य धारण करें। मेरी परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति तथा शोक संतप्त परिवार को शोक वहन करने की शक्ति प्रदान करें।

भवदीय उमेश सिंह

प्रधानाचार्य, पदाधिकारियों, व्यापारियों, ग्राहक, पुस्तक विक्रेता, सम्पादक आदि को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र उन लोगों को लिखे जाते हैं, जिनसे हमारा निजी या पारिवारिक सम्बन्ध नहीं होता। इसमें शालीन भाषा तथा शिष्ट शैली का प्रयोग किया जाता है। औपचारिक पत्र के अन्तर्गत शिकायती पत्र, व्यावसायिक पत्र, सम्पादकीय पत्र तथा आवेदन पत्र का वर्णन किया गया है।

औपचारिक पत्र के भाग

  • पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का पता औपचारिक पत्र लिखते समय सर्वप्रथम पत्र – भेजने वाले का पता लिखा जाता है। प्रेषक का पता बायीं ओर लिखा जाता है।
  • तिथि/दिनांक प्रेषक के पते के ठीक नीचे जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है उस दिन की दिनांक लिखी जाती है।
  • पत्र प्राप्त करने वाले का पता दिनांक के बाद जिसे पत्र लिखा जा रहा है उसका पता, पद आदि का वर्णन किया जाता है।
  • विषय जिस सन्दर्भ में पत्र लिखा जा रहा है, उसे संक्षिप्त में विषय के रूप में लिखा जाता है।
  • सम्बोधन सभी औपचारिकताओं के बाद पत्र-प्राप्तकर्ता के लिए महोदय, महोदया, मान्यवर आदि सम्बोधन के रूप में लिखा जाता है।
  • विषय-वस्तु सम्बोधन के पश्चात् पत्र की मूल विषय-वस्तु को लिखा जाता है। विषय-वस्तु में प्रत्येक बात के लिए अलग-अलग अनुच्छेदों का प्रयोग किया जाता
  • अभिवादन के साथ समाप्ति पत्र की समाप्ति पर पत्र प्राप्तकर्ता का अभिवादन किया जाता है।
  • स्वनिर्देश/अभिनिवेदन पत्र के अन्त में पत्र लिखने वाले का नाम आदि का वर्णन किया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर हस्ताक्षर भी किए जाते हैं।

औपचारिक पत्र के सम्बोधन, अभिवादन तथा अभिनिवेदन

औपचारिक पत्रों के उदाहरण

शिकायती पत्र किसी विशेष कार्य, समस्या अथवा घटना की शिकायत करते हुए सम्बन्धित अधिकारी को लिखा गया पत्र ‘शिकायती पत्र’ कहलाता है। शिकायती पत्र लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस सम्बन्ध में शिकायत की जा रही है, उसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए। शिकायत हमेशा विनम्रता के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए।

♦ अपने मुहल्ले के पोस्टमैन की कार्यशैली का वर्णन करते हुए पोस्टमास्टर को शिकायती पत्र लिखिए। 15, दूंगाधारा, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड)। दिनांक 13-4-20xx सेवा में, पोस्ट मास्टर, उप-डाकघर पोखर खाली, अल्मोड़ा। महोदय, मैं आपका ध्यान मुहल्ला दूंगाधारा के पोस्टमैन की कर्तव्य-विमुखता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। इस मुहल्ले के निवासियों की शिकायत है कि यहाँ डाक कभी भी समय से नहीं बँटती है। अतः यहाँ के निवासियों को बड़ी असुविधा है। आपसे निवेदन है कि इस मामले की जानकारी प्राप्त करके उचित कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि इस समस्या का निराकरण हो सके।

भवदीय प्रमोद पन्त

♦ माल प्राप्त न होने पर रेल विभाग के प्रबन्धक को शिकायत करते हुए पत्र लिखिए। राज क्लॉथ एम्पोरियम, नन्द नगरी, दिल्ली। दिनांक 26-5-20xx सेवा में, मण्डल रेल प्रबन्धक, दिल्ली रेल मण्डल, दिल्ली।

विषय माल की प्राप्ति न होने के सम्बन्ध में।

महोदय, हमने दिनांक 15 मई, 20XX को दिल्ली रेलवे स्टेशन स्थित पार्सल घर से चार बण्डल सूती कपड़ा मै. बजाज एण्ड कम्पनी, कानपुर को भेजने के लिए पैसेन्जर रेलगाड़ी से बुक करवाया था, जिसका R/R नं. 55/XX है। यह माल अभी तक अपने गन्तव्य तक नहीं पहुंचा है। आपसे अनुरोध है कि कृपया जाँच-पड़ताल कर एक हफ्ते के अन्दर हमें यह बताएं कि इस माल का क्या हुआ। यदि माल गलती से कहीं ओर पहुँच गया हो, तो माल को शीघ्रातिशीघ्र उक्त गंतव्य तक पहुँचाने की व्यवस्था करें।

भवदीय, हस्ताक्षर …….. (दीपक श्रीवास्तव) प्रबन्धक राज क्लॉथ एम्पोरियम

♦ माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर कम्पनी के प्रबन्धक को शिकायत करते हुए पत्र लिखिए। शंकर एण्ड सन्स, कपूरथला, पंजाब। दिनांक 20-420xx सेवा में, दीपमाला एण्ड कम्पनी, स्टेशन रोड, लखनऊ।

विषय माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर शिकायत हेतु।

महोदय, हमें आपका दिनांक 5 मार्च, 20XX का पत्र 15 मार्च, 20XX को प्राप्त हुआ था, जिसमें उल्लेख था कि यदि हम आपके यहाँ से ₹1000 से अधिक का माल खरीदते हैं, तो हमें 25% की छूट और मुफ्त पैकिंग व माल भाड़े की सुविधा प्रदान की जाएगी। परन्तु खेद है कि हमारे द्वारा ₹8000 के माल की खरीद के बावजूद भी आपने अपने दिनांक 3 अप्रैल के बिल सं. 115 द्वारा हमसे पैकिंग और माल भाड़े के शुल्क की वसूली के साथ ही हमें केवल 20% छुट ही प्रदान की। यद्यपि हमने माल प्राप्त कर लिया, परन्तु हमें आपके द्वारा की गई अतिरिक्त वसूली के लिए क्रेडिट नोट प्राप्त करने के सम्बन्ध में पूछताछ का अधिकार है। हमारे विचार से यह त्रुटि आपके बिलिंग और डिस्पैच विभाग की लापरवाही से हुई होगी। उचित कार्रवाई हेतु प्रेषित।

भवदीय, हस्ताक्षर ………….. (शिव शंकर) प्रोप्राइटर शंकर एण्ड सन्स

व्यावसायिक-पत्र आजकल व्यापार तथा व्यवसाय में काफी वृद्धि होने के कारण व्यावसायिक-पत्रों में भी वृद्धि होती जा रही है। दो व्यापारिक संस्थाओं अथवा व्यापारिक संस्था और ग्राहक के मध्य होने वाला पत्र-व्यवहार व्यावसायिक पत्राचार कहलाता है। व्यावसायिक पत्र-लेखन भी एक कला है, इसकी विशिष्ट शैली होती है। इन पत्रों में शिष्टता, सहजता, सहृदयता के दर्शन होते हैं। व्यापारिक पत्रों में सामान मँगवाने, उनकी जानकारी, शिकायतें तथा शिकायतों के निवारण जैसे विषय होते हैं।

व्यावसायिक-पत्रों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-

♦ आपको कुछ पुस्तकों की आवश्यकता है। नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी के व्यवस्थापक को सूचित करते हुए शीघ्र पुस्तक भिजवाने हेतु एक पत्र लिखिए। 19-कौशलपुरी, कानपुर। दिनांक 15-5-20xx सेवा में, सर्वश्री व्यवस्थापक, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी (उ.प्र.)।

विषय पुस्तकें मंगवाने हेतु।

महोदय, निवेदन है कि मुझे निम्नलिखित पुस्तकों की आवश्यकता है। कृपया इन्हें शीघ्र ही वी.पी. डाक द्वारा ऊपर लिखे पते पर भेज दें। वी.पी. आते ही छुड़ा ली जाएगी।

पुस्तक का नाम – लेखक – प्रतियाँ हिन्दी शब्दानुशासन – आचार्य किशोरीदास वाजपेयी – एक प्रति हिन्दी व्याकरण – पं. कामताप्रसाद गुरु – एक प्रति हिन्दी का सरल भाषा विज्ञान – गोपाल लाल खन्ना – एक प्रति चरित चर्चा और जीवन दर्शन – डॉ. सम्पूर्णानन्द – एक प्रति हिन्दी साहित्य का इतिहास – आचार्य रामचन्द्र शुक्ल – एक प्रति

सधन्यवाद। भवदीय नन्द कुमार

♦ पुस्तक भण्डार के प्रबन्धक की ओर से पुस्तकों के ऑर्डर की आपूर्ति में असमर्थता प्रकट करते हुए पत्र लिखिए। विद्या पुस्तक भण्डार, विद्या विहार, दिल्ली। दिनांक 20-5-20xx सेवा में, बुक प्वाइण्ट, मुखर्जी नगर, दिल्ली।

विषय पुस्तकों के ऑर्डर की आपूर्ति में असमर्थता हेतु।

महोदय, आपके दिनांक 13 मई, 20XX के ऑर्डर के लिए धन्यवाद, किन्तु हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है। कि आपने जिन पुस्तकों का ऑर्डर दिया है, उनका स्टॉक खत्म हो चुका है।

हमने ये पुस्तकें पुनर्मुद्रण हेतु भेजी हुई हैं, जो सम्भवतः 15 दिन में बिक्री हेतु तैयार हो जाएँगी। हमने आपका ऑर्डर अपनी ‘ऑर्डर फाइल’ में सुरक्षित रख लिया है, जैसे ही पुस्तकें तैयार हो जाएँगी, आपको भेज दी जाएँगी।

असुविधा के लिए खेद है। सदैव आपकी सेवा में तत्पर।

धन्यवाद। भवदीय, हस्ताक्षर ……….. (विशाल गुप्ता) विक्रय प्रबन्धक (विद्या पुस्तक भण्डार)

♦ सामान का ऑर्डर प्राप्त करने के लिए कम्पनी के प्रबन्धक की ओर से डीलर को पत्र लिखिए। माधवराम सोप कं., खारी बावली, दिल्ली। दिनांक 28-4-20XX सेवा में, साहनी सोप डीलर, भजनपुरा, दिल्ली।

विषय सामान का ऑर्डर प्राप्त करने हेतु।

महोदय, गत कई महीनों से हमें आपका कोई ऑर्डर प्राप्त नहीं हुआ है। इसका कोई कारण हमारी समझ में नहीं आ रहा है। आप हमारे नियमित ग्राहक हैं। प्रतिमाह हम आपसे हज़ारों रुपयों के माल का ऑर्डर प्राप्त करते हैं। हमने कभी आपको किसी प्रकार की शिकायत का मौका नहीं दिया। हो सकता है, जाने अनजाने में हमसे कोई भूल हो गई हो। जिससे आप अप्रसन्न हों। आप हमें अपनी शिकायत बताइए, हम उसे दूर करने की हर सम्भव कोशिश करेंगे। परन्तु आपसे पुनः आग्रह है कि आप इस तरह माल का ऑर्डर देना बन्द न करें। आशा है, हमें पूर्व की तरह पुनः आपसे सहयोग प्राप्त होगा। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि ग्राहकों की सन्तुष्टि ही हमारा परम ध्येय है। आपके सहयोग की अपेक्षा में।

भवदीय, हस्ताक्षर (रामसिंह) प्रबन्धक (माधवराम सोप कं.)

सम्पादकीय-पत्र

समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ हमारे ज्ञानवर्द्धन, बौद्धिक तुष्टि और मनोरंजन के साधन हैं। इनमें हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित अनेक सूचनाएँ, विज्ञापन और सुझाव भी प्रकाशित होते रहते हैं।

हमें लेख, कविता और कहानी आदि प्रकाशित कराने, सामाजिक एवं राजनीतिक समस्याओं को प्रकाशित कराकर जन-जन तक पहुंचाने के लिए सम्पादक से सम्पर्क करना पड़ता है। इसके लिए हमें उन्हें पत्र लिखना पड़ता है, ऐसे पत्र ‘सम्पादकीय-पत्र’ कहलाते हैं। ऐसे पत्र एक विशिष्ट शैली में लिखे जाते हैं। यह पत्र सम्पादक को सम्बोधित होते हैं, जबकि मुख्य विषय-वस्तु ‘जन सामान्य’ को लक्षित करके लिखी जाती है। सम्पादकीय-पत्र के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं

♦ अपने शहर में उत्पन्न पानी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए। 12, पन्त सदन, दूंगाधारा, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) दिनांक 15-1-20xx सेवा में, सम्पादक महोदय, दैनिक ‘स्वतन्त्र भारत’ विधानसभा मार्ग, लखनऊ (उ.प्र.) विषय अल्मोड़ा में पानी की समस्या।

महोदय, आपके दैनिक समाचार-पत्र में ‘अल्मोड़ा में पानी की समस्या’ पर अपने विचार प्रकाशनार्थ भेज रहा हूँ। आशा है आप इसे प्रकाशित कर हमें अनुगृहीत करेंगे।

पिछले दो सप्ताह से यहाँ पानी की बड़ी समस्या हो गई है। नलों में पानी नहीं आता है। यदि आता भी है तो बहत कम मात्रा में आता है। एक बाल्टी पानी के लिए काफ़ी समय बर्बाद हो जाता है। स्रोतों पर बड़ी भीड़ होती है, पानी की पूर्ति न होने से घण्टों इन्तज़ार करना पड़ता है। आजकल अल्मोड़ा में ऐसा लग रहा है जैसे पानी का अकाल पड़ गया हो।

जल विभाग के कर्मचारियों से सम्पर्क करने पर कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं मिलता है। कर्मचारी बात को लापरवाही से टाल देते हैं। अतः अधिकारी वर्ग से निवेदन है कि नगरवासियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए जलापूर्ति की उचित व्यवस्था कराने की कृपा करें, जिससे समय पर पानी मिल सके।

भवदीय मुकेश श्रीवास्तव

♦ देश में बढ़ रही कन्या-भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए। 142, पटेल नगर, नई दिल्ली। दिनांक 15-3-20xx सेवा में, सम्पादक महोदय, नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।

विषय कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवत्ति के सन्दर्भ में।

महोदय, आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं देश में बढ़ रही कन्या भ्रूण हत्या की प्रवृत्ति की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ। अनेक लोग गर्भ में ही लिंग परीक्षण करवाकर कन्या भ्रूण होने की स्थिति में इसे मार डालते हैं, गर्भ में ही कन्या भ्रूण की हत्या कर दी जाती है। ऐसा करने वाले केवल गरीब या, निर्धन एवं अशिक्षित लोग ही नहीं होते, बल्कि समाज का पढ़ा-लिखा एवं धनी तबका भी इसमें बराबरी की हिस्सेदारी करता है। समाज का यह दृष्टिकोण अत्यन्त रूढ़िवादी एवं पिछड़ा है, जिसे किसी भी स्थिति में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। समाज के बौद्धिक एवं तार्किक लोगों का कर्तव्य है कि वे सरकार एवं प्रशासन के साथ मिलकर कन्या-भ्रूण हत्या को अन्जाम देने वाले या उसका समर्थन करने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, जिससे समाज का सन्तुलन एवं समग्र विकास सम्भव हो सके।

धन्यवाद। भवदीया ऋतिका

♦ पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले भ्रामक विज्ञापनों की शिकायत हेतु प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए। 624, मुखर्जी नगर, दिल्ली। दिनांक 12-6-20XX सेवा में, सम्पादक महोदय, नवभारत टाइम्स, दिल्ली।

विषय समाचार पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले भ्रामक विज्ञापन हेतु।

महोदय, इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले भ्रामक विज्ञापनों की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। आज हमें दूरदर्शन, पत्र-पत्रिकाओं आदि सभी जगह विभिन्न विज्ञापन देखने को मिलते हैं। कुछ विज्ञापनों के माध्यम से हमें नई-नई जानकारी प्राप्त होती है तो कई ऐसे विज्ञापन भी देखने को मिलते हैं जिनके द्वारा आज की युवा पीढ़ी भ्रमित हो रही है। ऐसे विज्ञापनों में नाममात्र भी सच्चाई नहीं होती। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि ऐसे विज्ञापनों में विज्ञापनदाता का पता आदि भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती। अतः इस प्रतिष्ठित पत्र के माध्यम से मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह इस सन्दर्भ में जल्द ही सख्त से सख्त कदम उठाए।

भवदीया वैशाली

आवेदन-पत्र या प्रार्थना पत्र किसी फर्म-अधिकारी या किसी मन्त्रालय, विभाग या कार्यालय के अधिकारी को लिखे जाते हैं। स्कूल अथवा कॉलेज के प्रबन्धक अथवा प्रधानाचार्य को लिखे गए पत्र भी आवेदन-पत्र कहलाते हैं। चूँकि, आवेदन-पत्र अधिकारियों को लिखे जाते हैं। अत: इन्हें ‘आधिकारिक-पत्र’ भी कहा जाता है। आवेदन-पत्रों का प्रारूप अन्य पत्रों से भिन्न होता है। आवेदन-पत्र के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-

♦ राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में हिन्दी आशुलिपिक पद के लिए आवेदन पत्र लिखिए। 3, शान्ति निकेतन, नैनीताल-2 (उत्तराखण्ड)। दिनांक 17-1-20xx सेवा में, निदेशक, राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड)।

विषय नौकरी पाने के सम्बन्ध में।

महोदय, आपके 15 जनवरी, 20XX के दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार मैं ‘हिन्दी आशुलिपिक’ के पद के लिए अपनी सेवाएँ प्रस्तुत करता हूँ। मेरी योग्यता तथा अनुभव इस प्रकार हैं-

शैक्षिक योग्यताएँ 1. हाईस्कूल यू.पी. बोर्ड – प्रथम श्रेणी – 2005 2. इण्टरमीडिएट यू.पी. बोर्ड – द्वितीय श्रेणी – 2007 3. बी.ए. कुमाऊँ वि.वि. – द्वितीय श्रेणी – 2009 4. आई.टी.आई. (हिन्दी आशुलिपि) – बी ग्रेड – 2012

व्यावहारिक योग्यताएँ 1. हिन्दी आशुलिपि गति 120 शब्द प्रति मिनट। 2. हिन्दी टंकण गति 30 शब्द प्रति मिनट। 3. अंग्रेजी टंकण गति 40 शब्द प्रति मिनट।

अनुभव मैंने विगत 18 महीनों तक उपनिदेशक पशुपालन विभाग नैनीताल के कार्यालय में हिन्दी आशुलिपिक के पद पर कार्य किया है। योग्यता और अनुभव के अतिरिक्त मुझे पाठ्येतर कार्यकलापों में बड़ी रुचि रही है। मैं फुटबाल का अच्छा खिलाड़ी हूँ और कॉलेज की टीम का विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व कर चुका हूँ।

यदि उक्त पद पर सेवा करने का सुअवसर मिला तो मैं आपको आश्वासन देता हूँ कि अपने कार्य एवं व्यवहार से सदैव आपको सन्तुष्ट रदूंगा। प्रमाण-पत्रों की अनुप्रमाणित प्रतिलिपियाँ इस आवेदन-पत्र के साथ संलग्न हैं।

संलग्नक संख्या 7 भवदीय सुरेश सक्सेना

♦ आप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत् हैं। किसी ज़रूरी काम पर जाने के कारण उपार्जित अवकाश के लिए आवेदन करते हुए निदेशक को पत्र लिखिए।

हेतमापुर ग्राम, भिटौली (फतेहपुर), बाराबंकी (उ.प्र.) दिनांक 3-3-20xx सेवा में, निदेशक महोदय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बरेली।

विषय ज़रूरी काम आ जाने पर अवकाश हेतु।

महोदय, सविनय निवेदन है कि मझे गाँव में अपने पैतक मकान की मरम्मत करवानी है। आगामी बरसात में और अधिक क्षतिग्रस्त होने पर उसके गिर जाने की आशंका है। इसलिए उसकी मरम्मत अत्यावश्यक है, अतएव आपसे अनुरोध है कि मुझे दिनांक 4-3-20xx से 5-4-20xx तक 30 दिनों का उपार्जित अवकाश (E.L) प्रदान कर कृतार्थ करें। साथ ही दिनांक 3-3-20xx को कार्यकाल के उपरान्त मुख्यालय छोड़ने की भी अनुमति प्रदान करें। सधन्यवाद। आपका विश्वासपात्र धीरेन्द्र अवस्थी

♦ अपने गाँव में पाठशाला खुलवाने हेतु जिला परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखिए। नारायणपुर, बहराइच (उ.प्र.)। दिनांक 15-4-20xx सेवा में, अध्यक्ष महोदय, जिला परिषद्, बहराइच।

विषय अपने गाँव में पाठशाला खुलवाने हेतु।

महोदय, सविनय निवेदन है कि हमारे गाँव में एक प्राइमरी पाठशाला की बड़ी आवश्यकता है। गाँव के आस-पास दो मील तक कोई विद्यालय न होने से बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। सुदूर विद्यालय जाने में छोटे-छोटे बच्चों को बड़ी परेशानी होती है। हमारे गाँव की जनसंख्या भी अच्छी है। अतः आपसे प्रार्थना है कि हमारे गाँव में एक प्राइमरी पाठशाला स्थापित करने की कृपा करें, ताकि हमारे गाँव के तथा आस-पास के ग्रामवासी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें। हमें आशा ही नहीं, वरन् पूर्ण विश्वास है कि आप इस विषय पर सहानुभूतिपूर्ण विचार करके हमारे गाँव में एक प्राइमरी पाठशाला स्थापित कराएँगे।

भावदीय दिनेश

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हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing): हिंदी में कैसे लिखें फॉर्मल और इनफॉर्मल लेटर

Updated On: November 24, 2023 11:23 am IST

  • पत्र लेखन के वक्त ध्यान रखने वाली बातें (Things to …

पत्र लेखन के प्रकार (Types of Letter Writing)

औपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (format of formal letter writing), अनौपचारिक पत्र लेखन का प्रारूप (informal letter writing format).

हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing)

मानव समाज में जब भी हम एक दूसरे से संपर्क करते हैं, एक खास कला और शैली की जरूरत होती है। ये शैली मौखिक या लिखित हो सकती है। पत्र लेखन भी एक ऐसी ही शैली है, जिसके माध्यम से दो व्यक्ति एक दूसरे से संपर्क बनाते हैं और अपने विचार को एक दूसरे के साथ व्यक्त करते हैं। पत्र लेखन कई प्रकार के हो सकते हैं। ये पारिवारिक से व्यापारिक जगत प्रयोग में आता है। पत्र लेखन बहुत ही प्राचीन कला है, या यूं कहें कि विचार और समाचार आदान-प्रदान करने के क्रम में पत्र लेखन दूसरे नंबर पर आता है। पत्र लेखन से पहले लोग अपनी बात पहुंचाने के लिए संदेशवाहक का प्रयोग करते थे, जो मौखिक रूप से एक व्यक्ति का संदेश दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाता था। इसके बाद पत्र लेखन के माध्यम लोग एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाने लगे। पत्र लेखन का इतिहास कागज के अविष्कार से भी पहले हो चुका था। कागज के अविष्कार से पहले लोग ताम्रपत्र या पत्ते आदि का उपयोग पत्र लेखन के लिए करते थे। पत्र लेखन आज भी चलन में है, जब पूरी दुनिया डिजिटल हो गया है, संदेश पहुंचाने का माध्याम बदल गया है, लेकिन पत्र लेखन आज भी जारी है। ताम्रपत्र या पत्ते पर पत्र लेखन से कागज और अब डिजिटल पत्र जिसे ई-मेल भी कहते हैं, समय के साथ इसकी लेखन कला भी बदली है। हम इस लेख में फॉर्मल लेटर और इनफॉर्मल लेटर के प्रारूप के साथ उसके प्रकार और उदाहरण पर चर्चा करेंगे।

पत्र लेखन के वक्त ध्यान रखने वाली बातें (Things to Keep in Mind While Writing Letters)

  • प्रार्थना पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • सरकारी पत्र
  • गैर सरकारी पत्र
  • व्यावसायिक पत्र
  • किसी अधिकारी को लिखे पत्र
  • नौकरी के लिए आवदेन
  • संपादक के नाम पत्र
  • औपचारिक पत्र पर पत्र पाने वाले का पता लिखा जाता है।
  • इसके बाद पत्र लिखने का उद्देश्य बताया जाता है।  इसे "विषय" के रूप में वर्णित किया जाता है।
  • विषय लिखने के बाद पत्र पाने वाले के लिए फिर से "श्रीमान", "मान्यवर" और "आदरणीय" जैसे शब्द से संबोधित करते हुए पत्र लिखना शुरू करते हैं।
  • संबोधन लिखने के बाद पत्र के मुख्य विषय के बारे में विस्तार से लिखते हैं।
  • मुख्य विषय लिखने के बाद सधन्यवाद, शेष कुशल आदि का प्रयोग करते हैं।
  • इसके बाद पत्र के अंतिम भाग में "भवदीय, आपका आभारी, आपका आज्ञाकारी" जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
  • अंत में पत्र भेजने वाले का नाम, पता और तारीख का उल्लेख करते हैं।
  • जरूरत पड़ने पर पत्र के अंत में लिखने वाले का हस्ताक्षर भी हो सकता है।
  • सामाजिक पत्र
  • शोक संदेश पत्र
  • सुखद संदेश पत्र
  • अनौपचारिक पत्र लेखन में सबसे पहले बाईं ओर पत्र भेजने वाले का पता लिखा जाता है।
  • इसके बाद पते के नीचे पत्र लिखने की तारीख लिखी जाती है।
  • हां, पत्र भेजने वाले का नाम के साथ अगर किसी बड़े को पत्र लिखा जा रहा है तो, "पूजनीय, आदरणीय" जैसे शब्द से संबोधित किया जाता है। जैसे- पूजनीय पिता जी/पिता जी। किसी छोटे या बराबर के शख्स को पत्र लिख रहे हैं तो उनके नाम के साथ प्रिय मित्र/भाई/बंधु जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
  • इसके बाद पत्र को दो भाग में लिखते हैं।
  • पत्र के पहले यानी मुख्य भाग में कुशलता की प्रार्थना करते हुए समाचार/संदेश को लिखते हैं।
  • दूसरे भाग में पत्र का जवाब और वहां के हालात के बारे में सूचना मांगते हैं।
  • दोनों भाग के समाप्ति के बाद धन्यवाद लिखते हैं।
  • अंत में प्रार्थी या तुम्हारा स्नेही जैसे शब्दावली का प्रयोग करते हैं।

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How to write a letter in Hindi – हिंदी में पत्र कैसे लिखें

How to write a letter in Hindi : क्या आपको letter लिखने की सही format पता है? क्या आप स्कूल में पढ़ रहे हैं और letter सही format के साथ लिखना चाहते हो? तो चिंता करने की कोई बात नहीं. आज आपको में ये लिख में बताऊंगा की how to write letter in Hindi .  

हिंदी में एक पत्र कैसे लिखें (How to write a letter in Hindi)

पत्र-लेखन एक भावना है। एक सफल व्यापारी की सफलता बहुत-कुछ उसके अच्छे पत्र-लेखन पर निर्भर करती है।  इसके अलावा, बहुत-से लोग अपने उत्तरदायित्वपूर्ण पदों पर इसी कला की विज्ञता के आधार पर नियुक्त किए जाते है।     

  • हिंदी में निबंध कैसे लिखें .

यद्यपि विभिन्न प्रकार के पत्रों को लिखने का ढंग और भाषा अलग-अलग होती है, लेकिन सामान्य तौर पर हर प्रकार के पत्रों के निम्मनलिखित भाग होते हैं:   

  • लेखक का पता
  • पत्र लिखने की तिथि
  • अभिवादन या सम्बोधन
  • पत्र का मुख्य अंश
  • पत्र पाने वाले का पता

how to write a letter in Hindi

निचे दिए गए उदाहरण से विद्यार्थी पत्र के विभिन्न भागों को भली-भाँति समझ जायेंगे:

  • लेखक का पता :                              जलदा,

                                                      राउरकेला

  • पत्र लिखने की तिथि :       20 जुलाई, 2019 अथवा 20-7-2019  
  • अभिवादन या सम्बोधन :  पूज्य पिताजी,
  • पत्र मुख्य अंश :

कृपा कर मुझे पांच सौ रुपये भेज दें. मुझे कॉलेज की फीस देनी है तथा कुछ पुस्तकें खरीदनी है. परीक्षायें नजदीक आ गई है और में उनकी तैयारी बड़ी मेहनत से कर रहा हूँ.

माताजी को प्रणाम.

  • पादाक्षर :                 आपका स्नेहभाजन
  • हस्ताक्षर :                देबाशीष
  • पत्र पाने वाले का पता :

                                              (पोस्ट-कार्ड अथवा लिफाफे पर)

डाक-टिकट                                           श्री रमाकांत जेना
प्रिंसिपल,                                                   इस्पात ऑटोनोमस कॉलेज,राउरकेला (ओडिशा)
  • लिखने वाले का पता :

पता पहले पृष्ठ पर सबसे ऊपर दाहिनी ओर साफ अक्षरों में और पूरा होना चाहिए, क्यूंकि इसी पते पर पत्र का उत्तर आयेगा।

  • प्रत्येक मद अलग लाइन में लिखनी चाहिए।
  • प्रत्येक लाइन एक-दूसरे के ठीक नीचे से शुरू होनी चाहिए।
  • प्रत्येक लाइन के बाद अर्द्ध-विराम (कोमा) लगाना चाहिए। अंतिम लाइन के बाद विराम लगाना चाहिए।  
  • पत्र लिखने की तिथि :

लेखक के पते  के ठीक नीचे तिथि लिखी जाती है। तिथि नीचे दी गई किसी एक विधि से लिखी जा सकती है :

  • 3 मार्च, 2019
  • मार्च 3, 2019
  • 3-3-2019 अथवा 3/3/19    
  • अभिवादन अथवा सम्बोधन :      

जिस व्यक्ति को आप पत्र लिख रहे हैं, उसको सम्बोधन करने के ढंग को अभिवादन या सम्बोधन कहते हैं। पत्र लिखने वाले और जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उनके बीच सम्बन्ध और प्रगाढ़ता पर यह निर्भर करता है। कागज के बाईं ओर चौड़ा हाशिया छोड़ने के बाद तिथि की लाइन से थोड़ा नीचे अभिवादन लिखा जाता है।

जैसे प्रिय राकेश, आदरणीय मामाजी, प्रियवर सुबोध आदि।

  • पत्र का मुख्य अंश :

यह पत्र का मुख्य भाग है। इसमें सारा सन्देश, जो आप देना चाहते है, लिखा जाता है। पत्र की विषय-वस्तु को ठीक से क्रमबद्ध करना चाहिए। प्रत्येक विषय या मुख्य बात नए पैराग्राफ में लिखी जानी चाहिए. प्रत्येक पैराग्राफ की पहली लाइन थोड़ा स्थान छोड़ कर प्रारम्भ करना चाहिए और हर पैराग्राफ में पहली लाइन की दुरी समान होनी चाहिए।

पादाक्षर वह ढंग है, जिससे आप अपना पत्र समाप्त करते है। अभिवादन की ही भांति पादाक्षर भी संबन्धों की प्रगाढ़ता निर्भर करता है। अभिवादन और पादाक्षरों के विभिन्न प्रकार नीचे दिए जा रहे हैं :

रक्त सम्बन्ध, (बड़े) पूज्य या आदरणीय, पूज्य पिताजी अथवा माताजी आपका स्नेह स्नेहभाजन, आपका प्रिय पुत्र/पुत्री
रक्त सम्बन्ध, (छोटे) प्रिय प्रेम, प्रियवर कामनी, तुम्हारा स्नेह भाजर, तुम्हारा,
मित्र, प्रिय रतन आपका, सदैव आपका, आपका ही,
परिचित प्रिय श्री अथवा श्रीमती (नाम) आपका
अपरिचित या अजनबी महोदय,(या महोदया) अथवा प्रिय महोदय (या महोदया)   आपका,
व्यापारिक महोदय  भवदीय,
प्रतिष्ठान (फर्म) महोदय भवदीय,
प्रिंसिपल अथवा श्रीमान अध्यापक, प्रोफेसर   आपका आज्ञाकारी, आपका आज्ञाकारी शिष्य
  • हस्ताक्षर :

जिस ढंग से आप हस्ताक्षर करते हैं, उससे उस व्यक्ति के प्रति आपकी प्रगाढ़ता स्पष्ट होती है, जिसे आप पत्र लिख रहे हैं।

साधारण तौर पर हस्ताक्षर के निम्नलिखित दो रूप हैं :

  • औपचारिक                   आशीष कुमार साहू
  • अनौपचारिक                आशीष

यह लिफाफे अथवा पोस्टकार्ड पर लिखा जाता है। यह बड़े साफ और स्पष्ट अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। हजारों ऐसे पत्र जिन पर पूरा पता नहीं होता अथवा लिखाई समझ में नहीं आती, प्रतिदिन पुनः प्रेषण केंद्रों में पहुंचते हैं। नीचे दी गई विधियों ढंगों पर ध्यान दीजिए :

  • श्री चंदनलाल मिश्र, एल.एल.बी.,

 23, बाईपास रोड,

  शाहदरा,

 दिल्ली।

 (यहाँ पिन कोड नंबर लिखें)   

  • श्री भागवत राम,एम.ए.बी.टी.

डी.ए.वी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल,

गोरखपुर। (उत्तर प्रदेश)

(यहाँ पिन कोड नंबर लिखें)

कुछ महत्वपूर्ण नियम   (Some important rules in Hindi)

विद्यार्थियों अपना पत्र लिखते समय नीचे दिए गए महत्वपूर्ण नियमों को ध्यान में रखना चाहिए :

  • स्वाभाविक ढंग से लिखिए मानों आप संबन्धित व्यक्ति से बातें कर रहे हों।
  • घिसे-पिटे वाक्यांशों के प्रयोग से बचिए।
  • पत्र लेखन के अवसर और पत्र लेखक तथा पत्र पाने वाले के बीच सम्बन्धों के अनुसार भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
  • बिना लम्बी-चौड़ी भूमिका बाँधे, सीधे काम की बात पर आ जाना चाहिए। 
  • प्रत्येक पत्र का कोई-न-कोई उद्येश्य अवश्य होता है। ध्यान रखें कि वह उद्येश्य पूरा हो जाना चाहिए।
  • एक ही बात बार-बार न लिखें।
  • अपने पत्र के मुख्य अंश को क्रमबद्ध करें। प्रत्येक बात, जो आप लिखना चाहते हैं, अलग-अलग पैराग्राफ मैं लिखें। 
  • साफ-साफ अक्षरों में लिखना न भूलें।
  • सरल भाषा में लिखें।

ये था हमारा लिख how to write a letter in Hindi . उम्मीद है ये पत्र लिखने के बारे में जानकारी आपके लिए मददगार साबित हुआ होगा। अगर आपको ये लिख पसंद आया है तो अपने सहयोगियों के साथ जरूर share करें।

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पत्र लेखन अंग व पत्रों के प्रकार | Letter Writing In Hindi

पत्र लेखन अंग व पत्रों के प्रकार | Letter Writing In Hindi : पत्र लेखन- हर्ष, शोक, सूचना, समाचार, प्रार्थना और स्वीकृति आदि भावों को लेकर कागज पर लिखी किसी अधिकारी, स्वजन या सामान्य जन को सम्बोधित वाक्यावली को पत्र कहते है.

आज के आर्टिकल में हम विभिन्न तरह के पत्रों के लेखन के तरीके के बारे में इस लेख में जानकारी देगे.

पत्र लेखन अंग व पत्रों के प्रकार | Letter Writing In Hindi

एक कला के रूप में पत्र लेखन सदियों तक मानव विचारों, भावनाओं तथा संदेश का वाहक माध्यम रहा हैं, धीरे धीरे यह परम्परा लुप्त हो रही है आधुनिक माध्यमों में कागजी पत्र लेखन बेहद सिमित हो गया हैं.

पत्र का महत्व (importance of letter writing)

यदपि सूचना तथा दूरसंचार तकनीक के अधिक विकसित हो जाने के कारण अब पत्रों का लेखन और प्रेषण बहुत कम हो गया है.

तथापि या फिर भी पत्र लेखन का महत्व अब भी यथावत् बना हुआ है. पत्र लेखन में कुछ विशेषताएं हैं जो संदेश भेजने के अन्य माध्यमों से संभव नही है.

पत्र लेखन में हम अपने विचारों को यथारूचि विस्तार दे सकते है. पत्र में अपने भाव सोच समझकर अच्छी भाषा में लिखने का पर्याप्त अवसर रहता है.

पत्र में यदि कुछ गलत या अशोभनीय या गलत लिख जाए तो उसे निरस्त कर पुनः दूसरा पत्र लिखा जा सकता है.

पत्र को प्रमाण के रूप में कभी तक रखा जा सकता है. कभी कभी तो लोग पत्र के माध्यम से सदा के लिए मित्र बन जाते है.

एक अच्छे पत्र की विशेषताएं (Letter Writing Features/characteristic in hindi)

पत्र लेखन एक कला है. एक सुगठित और संतुलित पत्र ही उतम पत्र माना जा सकता है. एक अच्छे पत्र में निम्न लिखित विशेषताएं होनी चाहिए.

  • सक्षिप्तता – पत्र में विषय का वर्णन संक्षेप में करना चाहिए. एक ही बात को बार बार दोहराने की प्रवृति से बचना चाहिए.
  • संतुलित भाषा का प्रयोग- पत्र में सरल, बोधगम्य भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए. ऐसे शब्दों का प्रयोग नही करना चाहिए, जिन्हें पत्र पाने वाला नही समझता हो.
  • तारतम्यता – पत्र में सभी बातें एक तारतम्य में रखी जानी चाहिए. ऐसा न हो कि आवश्यक बाते छुट जाए और कम महत्व की बातों का अधिकाँश भाग में प्रयुक्त हो जाए. पत्र में सभी बातें उचित क्रम में लिखी होनी चाहिए.
  • शिष्टता- पत्र में संयमित, विनम्र और शिष्ट शब्दावली का प्रयोग किया जाना चाहिए. कडवाहट भरे शब्द लिखना या अशिष्ट भाषा का प्रयोग करना सर्वथा अनुचित है.
  • सज्जा- पत्र को साफ़ सुथरे कागज पर सुलेख में लिखा जाए. तिथि, स्थान व संबोधन यथास्थान लिखने से पत्र में आकर्षण बढ़ जाता है.

पत्र के अंग (Parts of the letter)

जो बातें सामान्यत सभी प्रकार के पत्रों में होती है, उन्हें पत्र के आवश्यक अंग कहते है. पत्रों के छ अंग होते है जो ये है.

  • संबोधन और अभिवादन- यह पत्र में बाई ओर लिखा जाता है. पारिवारिक पत्रों में संबोधन लिखा जाता है. जैसे पूज्य पिताजी, प्रिय भाई आदि. सरकारी और व्यावसायिक पत्रों में संबोधन की विधि निर्धारित होती है

, जैसे महोदय, प्रिय महोदय. अभिवादन भी व्यक्ति के पद या मर्यादा के अनुरूप लिखा जाता है. जैसे सादर प्रणाम, नमस्कार, आशीर्वाद लिखा जाता है.

पत्र भेजने की तिथि (Date of sending letters)

अनौपचारिक पत्रों में भेजने वाले के पते के नीचे, दिनाकं, महिना और सन लिखा जाता है. औपचारिक पत्रों में दिनाकं सबसे नीचे लिखा जाता है.

पत्र की विषय सामग्री (The content of the letter)

यह पत्र का मुख्य भाग है. इसी में समाचार सूचनाएँ, आवेदन, आदेश व शिकायत आदि अलग अलग अनुच्छेदों में लिखा जाता है.

पत्र का अंत (End of letter)

पत्र के अंत में बाई ओर ही पत्र लिखने वाले के द्वारा अपने सम्बन्ध या पड़ के अनुरूप शब्द यथा भवदीय, आपका, आज्ञाकारी, शुभेच्छु आदि लिखकर नीचे अपने हस्ताक्षर किये जाते है.

  • भेजने वाले का पता -बाई ओर पत्र भेजने वाले का पता लिखा जाता है. इससे पत्र प्राप्त करने वाले को, पत्र भेजने वाले का सही सही पता ज्ञात हो जाता है. और उसे उतर भेजने में कठिनाई नही होती है.
  • पत्र पाने वाले का पता – पत्र समाप्ति के बाद पोस्टकार्ड, अंतरदेशीय पत्र तथा लिफ़ाफ़े पर पत्र पाने वाले का स्पष्ट पता लिखा जाता है. पते के साथ पिनकोड अवश्य लिखना चाहिए.
  • सम्बोधन, अभिवादन तथा पत्र के अंत में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के कुछ उदहारण

गुरुजनों और परिवार के बड़े लोगों को

  • संबोधन- मान्यवर, आदरणीय, पूजनीय, श्रद्धेय, माननीय, पूजनीया
  • अभिवादन- सादर स्पर्श
  • अंत के शब्द- आपका आज्ञाकारी पुत्र, भाई, अनुज, छात्र, शिष्य, आदि स्त्रिलिग़ में आज्ञाकारी पुत्री, बहन, छात्रा, शिष्या आदि.

बराबर वालों को

  • संबोधन – प्रिय मित्र, प्रिय भाई, प्रिय बहिन, बंधुवर, प्रियवर आदि.
  • अभिवादन- नमस्कार
  • अंत के शब्द – स्त्रीलिंग में तुम्हारी प्रिय सखी, बहिन आदि.
  • संबोधन – चिरंजीव, प्रिय, आयुष्मती
  • अभिवादन- शुभाशीर्वाद, प्रसन्न रहो
  • अंत के शब्द- तुम्हारा, शुभेच्छु, शुभचिंतक, हितैषी आदि.
  • संबोधन- प्रिय (नाम), श्रीमती (नाम), विवाहितों के लिए
  • अभिवादन – नमस्ते
  • संबोधन – प्रिय, महाशय, महोदय, महोदया, श्री (नाम)
  • अंत के शब्द – भवदीय, आपका (स्त्रीलिंग में) भवदीया, आपकी

किसी अधिकारी को

  • संबोधन – महोदय, महोदया
  • अभिवादन- नमस्ते
  • अंत के शब्द – भवदीय, भवदीया

पत्र लिखने की विधि-

नगर या शहर में भेजने के लिए पोस्टकार्ड/अंतर्देशीय/लिफ़ाफ़े पर पता इस प्रकार लिखा जाता है.

श्री देवा भवन चांदनी चौक नई दिल्ली (भारत) पिन कोड…

पत्रों के प्रकार (Types of letters)

पत्रों को दो वर्गों में विभक्त किया जा सकता है.

औपचारिक पत्र (formal letter)

अनौपचारिक पत्र (informal letter).

औपचारिक पत्र व्यवहार उन व्यक्तियों के साथ किया जाता है. जिनके साथ पत्र लेखक का कोई निजी या पारिवारिक सम्बन्ध नही होता है.

औपचारिक पत्रों में व्यक्तिगत समाचार पर बातचीत अथवा आत्मीयता का कोई स्थान नही होता है. इस प्रकार के पत्रों में मुख्य तथ्य ही केंद्र होता है.

औपचारिक पत्रों में निम्न प्रकार के पत्र शामिल किये जा सकते है.

  • प्रार्थना पत्र- विद्यालय के प्रधानाचार्य/ प्रधानाचार्या/ मुख्याध्यापक/ मुख्याध्यापिका को अवकाश, शुल्क मुक्ति, आर्थिक सहायता, छात्रवृति अथवा विद्यालय से सम्बन्धित किसी प्रकार की कठिनाई या समस्या से सम्बन्धित.
  • आवेदन पत्र- किसी कंपनी, संस्था अथवा औद्योगिक इकाई आदि में नौकरी के लिए
  • बधाई पत्र- किसी अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ व्यक्ति को किसी विशेष सफलता या उपलब्धी आदि पर.
  • शुभकामना पत्र- किसी अधिकारी द्वारा अपने विभाग में कार्यरत किसी कर्मचारी को विदेश यात्रा, पदोन्नति आदि पर.
  • धन्यवाद पत्र- किसी विशेष उत्सव/ कार्य गोष्ठी/कार्यक्रम/ प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि में सहयोग देने के लिए किसी विशेयज्ञ/ शिक्षाविद् आदि को धन्यवाद देने के लिए
  • सांत्वना पत्र- किसी अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ व्यक्ति के स्वयं या उसके परिवार के किसी सदस्य के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने या किसी प्रकार की शोकजनक घटना पर सांत्वना देने के लिए.
  • शिकायती पत्र- किसी समस्या से सम्बन्धित अपने विचार या कठिनाई अधिकारियों तक पहुचाने के लिए
  • संपादकीय पत्र- किसी समाचार पत्र के संपादक के माध्यम से अपनी बात सरकार या अधिकारियों तक पहुचाने के लिए
  • व्यावसायिक पत्र – व्यापारिक प्रतिष्ठानों/ प्रकाशकों/ पुस्तक विक्रेताओं आदि को लिखे गये पत्र

अनौपचारिक पत्राचार उन व्यक्तियों के साथ किया जाता है. जिनसे पत्र लेखक का व्यक्तिगत या निजी सम्बन्ध होता है.

अपने मित्रों माता-पिता अन्य सम्बन्धियों आदि को लिखे गये पत्र अनौपचारिक के अंतर्गत आते है. अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता का भाव रहता है.

तथा व्यक्तिगत बातों का उल्लेख भी किया जाता है. अनौपचारिक पत्रों में निम्नलिखित प्रकार के पत्र रखे जा सकते है.

  • शुभकामना पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र
  • सांत्वना पत्र
  • किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए
  • कोई सलाह आदि देने के लिए

पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य सावधानियाँ (Letter writing to keep in mind considerations)

  • पत्र लेखक तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए
  • पत्र सारगर्भित होना चाहिए
  • पत्र सुलेख में लिखा होना चाहिए
  • पत्र में सरल भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए
  • पत्र में विषय दिनांक, भेजने वाले का नाम आदि का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए.
  • पत्र में काट छांट नही होनी चाहिए.

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15+ Letter Writing in Hindi Examples – पत्र लेखन उदाहरण

Tomy Jackson

आज के समय में हम सभी को Hindi Letter writing आनी चाहिए । हमें पता होना चाहिए कि पत्र के कितने प्रकार होते हैं, इसे कैसे लिखा जाता है और formats क्या हैं । यकीन मानिए अगर आप एक उच्च कक्षा में पढ़ाई करने वाले छात्र हैं और आपको पत्र लेखन नहीं आता तो यह बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है । इसलिए इस आर्टिकल में मैं आपको Letter writing in Hindi सिखाऊंगा ।

आपको लेटर राइटिंग से जुड़ी हर जानकारी इस आर्टिकल में दी जाएगी । विभिन्न मौकों पर अलग अलग प्रकार के पत्र लिखे जाते हैं इसलिए आर्टिकल में आपको 15+ letter examples भी दिए जाएंगे ताकि आप उनकी मदद से अपने हिसाब से पत्र लेखन कर सकें ।

What is letter writing in Hindi

Letter writing या पत्र लेखन लिखित या मुद्रित संदेशों का आदान-प्रदान है । औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र इसके दो प्रकार हैं जिन्हें विभिन्न मौकों पर लिखा जाता है । आमतौर पर इसे हाथ से या टाइप करके लिखा जाता है और मेल के जरिए दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है ।

एक पत्र आमतौर पर या तो जानकारी प्रदान करने, एक संदेश देने, किसी कार्य को करने के लिए अनुरोध करने या किसी स्थिति के बारे में रिपोर्ट करने के उद्देश्य से लिखा जाता है । काफी समय से पत्र लेखन हमारी जिंदगी का एक हिस्सा है । कई बार जो बातें हम सामने वाले व्यक्ति से कह नहीं पाते, उन्हें लेटर लिखकर जता देते हैं । यह application letter जैसा ही होता है ।

Types of letter in Hindi

पत्र कई प्रकार के होते हैं जिन्हें विभिन्न मौकों पर हम लिखते हैं । पत्र मोटे तौर पर दो प्रकार के होते हैं, औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र । हालांकि, इनसे हटकर भी कुछ अन्य प्रकार भी हैं जो अपने उद्देश्य, सामग्री और औपचारिकताओं पर आधारित हैं । चलिए देखते है कि Hindi letter writing के कितने प्रकार हैं :

1. Formal Letter

ये पत्र एक निश्चित प्रतिरूप और औपचारिकता का पालन करते हैं । ऐसे पत्र आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों, सहकर्मियों, वरिष्ठों आदि को लिखे जाते हैं, न कि व्यक्तिगत संपर्कों, मित्रों या परिवार को । किसी भी प्रकार का व्यावसायिक पत्र या अधिकारियों को लिखा गया पत्र इसी श्रेणी में आता है ।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी कंपनी के मैनेजर को त्यागपत्र कारण बताते हुए लिखा जाए तो उसे formal letter या औपचारिक पत्र लेखन ही कहेंगे । इसमें आपको एक निश्चित प्रतिरूप का पालन करते हुए अनुशासित ढंग से पत्र लिखना होगा और पत्र लेखन के कारण पर ध्यान ज्यादा केंद्रित किया जाता है ।

2. Informal Letter

ये व्यक्तिगत पत्र होते हैं । इन्हें किसी निर्धारित प्रतिरूप का पालन करने या किसी औपचारिकता का पालन करने की आवश्यकता नहीं है । अनौपचारिक पत्रों में व्यक्तिगत जानकारियां या लिखित बातचीत होती है । अनौपचारिक पत्र लेखक के करीबी परिचितों, उनके दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों आदि को लिखे जाते हैं ।

उदाहरण के तौर पर, आप अपने शिक्षिका की सेहत के बारे में जानने के लिए अनौपचारिक पत्र यानि informal letter लिखेंगे । इसमें आप Dear Mrs. Sinha लिखकर पत्र लेखन की शुरुआत कर सकते हैं और उनसे उनकी खराब सेहत के बारे में पूछ सकते हैं । इसके अलावा, आप लिख सकते हैं कि आप उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं । परंतु जब यही पत्र उसी शिक्षक को नए पाठ्यक्रम की जानकारी लेने के लिए लिखा जायेगा तो वह formal यानि औपचारिक पत्र होगा ।

3. Employment Letter

Employment Letter या रोजगार पत्र औपचारिक पत्र होते हैं जिन्हें किसी भी व्यक्ति की नौकरी के संबंध में लिखा जाता है । रोजगार पत्र नौकरी देने वालों और नौकरी चाहने वालों के बीच के पत्र हैं । एक रोजगार पत्र एक नियोक्ता और एक कर्मचारी के बीच नियमों और शर्तों को निर्दिष्ट करता है ।

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उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी कंपनी में कार्य करना चाहते हैं तो आप कम्पनी के मैनेजर को रोजगार पत्र लिख सकते हैं जिसमें अपने qualifications, achievements, previous roles इत्यादि का जिक्र कर सकते हैं । इसके जवाब में अगर मैनेजर आपको नौकरी पर रखने के लिए सहमत हो जाता है तो आपको एक पत्र लिख सकता है जिसमें वह आपसे कम्पनी के सभी नियम और शर्त मानने के लिए कहेगा ।

4. Business Letter

Business Letter या व्यावसायिक पत्र मुख्य रूप से दो व्यवसायों के बीच लिखा जाता है । एक व्यावसायिक पत्र एक प्रकार का पत्र है जो विभिन्न व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए लिखे गए संचार के साधन के रूप में कार्य करता है । यह औपचारिकता का पालन करके लिखा जाने वाला पत्र है इसलिए इसे औपचारिक या formal letter कहते हैं ।

उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि आपको कोई कंपनी है जो बर्तन बनाने का काम करती है । बर्तन बनाने के लिए आपकी कंपनी को कच्चे माल की जरूरत है जिसकी आपूर्ति कोई अन्य कम्पनी कर सकती है । ऐसे में, आप औपचारिक तरीके से दूसरी कंपनी को एक पत्र लिखेंगे जिसमें आप उस कंपनी से कच्चा माल खरीदने की मंशा को व्यक्त करेंगे ।

5. Social Letter

किसी विशेष घटना के अवसर पर लिखे गए व्यक्तिगत पत्र को सामाजिक पत्र के रूप में जाना जाता है । यह किसी व्यक्ति को खास महसूस कराने या किसी भावना को व्यक्त करने के लिए लिखे जाते हैं । इन्हें अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में रखा जाता है जिसमें पत्राचार की भाषा सरल और सहज होती है और भावना से परिपूर्ण होती है ।

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उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि आपके किसी खास दोस्त के पिता की मृत्यु हो जाती है । ऐसी परिस्थिति में सोशल लेटर लिखे जाते हैं जिसमें सामने वाले व्यक्ति को सांत्वना दी जाती है । इस प्रकार के पत्राचार आपसी मेलजोल और बंधुत्व की भावना का विकास करते हैं । तो ये रहे Letter writing in Hindi के कुल 5 मुख्य प्रकार की जानकारी ।

Hindi letter writing format

अब आप अच्छे से समझ चुके हैं कि Hindi letter writing के कितने types होते हैं । अब जरूरी है कि आप letter writing formats को भी समझें ताकि भविष्य में आप इन्हीं प्रारूपों के आधार पर पत्र लिख सकें । मैंने औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन प्रारूप के बारे में एक के बाद एक जानकारी नीचे दी है ।

1. Formal letter format in Hindi

1. श्रीमान – पदनाम जैसे प्रधानाध्यापक, धनाध्यक्ष इत्यादि

2. पता – यहां पर संस्था या व्यक्ति का आधिकारिक पता लिखें

3. दिनांक – जिस दिन पत्र लेखन कर रहे हों, उस दिन का दिनांक डालें

4. विषय – आप जिस कारणवश यह पत्र लिख रहे हैं, उसे 4 से 5 शब्दों में लिखें

5. संबोधन – औपचारिक पत्रों में संबोधन के तौर पर श्रीमान, श्रीमती, महोदय/महोदया, माननीय या नाम का प्रयोग करें

6. विषय वस्तु – अब आपको विस्तारपूर्वक अपना परिचय देते हुए पत्र लिखने का कारण लिखना है । इसमें आपको “ सविनय निवेदन यह है कि ” से शुरुआत करना है और अपनी समस्या या पत्र लिखने के कारण को स्पष्ट करना है । इसके बाद दूसरे पैराग्राफ में “ आपसे विनम्र निवेदन है कि ” लिखने की शुरुआत करते हुए यह लिखें कि आप जिसे पत्र लिख रहे हैं उनसे क्या चाहते हैं ।

7. हस्ताक्षर और नाम – विषय वस्तु लिखने के पश्चात आपको धन्यवाद प्रकट करना है । इसके नीचे आपको सबसे पहले भवदीय लिखें और फिर हस्ताक्षर व नाम लिखें ।

8. प्रेषक का पता – अंत में प्रेषक यानि पत्र भेजने वाले व्यक्ति का संपूर्ण पता लिखें जिसमें ज्यादातर Pin Code लिखना भी जरूरी है । यह इसलिए ताकि पदाधिकारी सीधे तौर पर आपसे संपर्क कर सके ।

2. Informal letter format in Hindi

1. प्रेषक पता और परिचय – सबसे पहले पत्र के दाएं भाग में पत्र भेजने वाले का नाम और पता लिखें ।

2. दिनांक – जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है इस दिन का दिनांक डालें ।

3. संबोधन – जिसे पत्र लिख रहे हैं उसकी उम्र के हिसाब से संबोधन लिखे जैसे आदरणीय, पूज्यनीय, प्रिय मित्र, चिरंजीव इत्यादि ।

4. अभिवादन – आप सादर प्रणाम, सादर चरणस्पर्श, प्रिय मित्र इत्यादि अभिवादन लिख सकते हैं ।

5. विषय वस्तु – विषय वस्तु में सामने वाले व्यक्ति का सबसे पहले कुशलक्षेम पूछें और अपना भी हालचाल बताएं । इसके बाद, पत्र लिखने के मूल कारण को स्पष्ट रूप से लिखें । अंत में सामने वाले व्यक्ति के हिसाब से उसे प्रणाम, प्यार या सांत्वना भेजें ।

6. समाप्ति – इसमें आप आपका पुत्र, तुम्हारा दोस्त, तुम्हारा प्रिय इत्यादि लिखकर खुद का नाम लिखें ।

Letter writing in Hindi examples

नीचे आप जानेंगे कि Hindi letter writing examples कौन कौन से हैं ताकि आप इनकी मदद से अलग अलग मौकों पर पत्र लिख सकें ।

1. Letter Writing in Hindi to Friend

हिंदपीड़ी, लेक रोड

रांची झारखंड

20 अक्टूबर, 2021

प्रिय मित्र देवेंद्र,

सप्रेम नमस्कार ।

मुझे तुम्हें यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि मेरी बड़ी बहन का विवाह 26 अक्टूबर, 2021 को होना तय हुआ है । शादी की सभी रस्में कल से शुरू हो जाएंगी इसलिए तुम्हारा परसों तक यहां आना अपेक्षित है । मुझे अपने विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि फिलहाल तुम्हारे कॉलेज में किसी भी प्रकार की परीक्षाएं आयोजित नहीं होंगी । इसलिए कृपया करके न आने का कोई बहाना न बनाना ।

मुझे पूरा विश्वास है कि तुम जरूर आओगे और हम मिलकर खूब मजे करेंगे । तुम्हारा इंतजार सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि मेरे माता पिता भी कर रहे हैं, आखिर तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो । तुम्हारे आने से विवाहोत्सव की खुशियां कई गुना बढ़ जाएंगी । आंटी और अंकल को मेरा सादर प्रणाम कहना ।

तुम्हारा दर्शनाभिलाषी

2. Birthday invitation letter to friend in Hindi

11 नवंबर, 2020

प्रिय मित्र नीरज,

तुम्हें यह जानकारी प्रसन्नता होगी कि 13 नवंबर को मेरे छोटे भाई ऋतिक का जन्मदिन है । हर वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी ऋतिक के जन्मदिन पर हम सत्या होटल में एक उत्सव का आयोजन कर रहे हैं । पिछले वर्ष तुम व्यस्तता का बहाना बनाकर नहीं आए थे परंतु इसबर यह नहीं चलेगा । सायं 5 बजे से सत्या होटल में उत्सव शुरू हो जायेगा और जलपान के साथ ही रात्रि भोजन की भी व्यवस्था भी की गई है ।

इस उपलक्ष्य पर हमारे घर के सदस्यों ने कई नृत्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया है । मुझे इस बार पूर्ण विश्वास है कि तुम सही समय पर अवश्य आओगे और छोटे भाई ऋतिक को तुम्हारा स्नेह प्राप्त होगा । हम भी पिछले कई समय से एक दूसरे से नहीं मिले हैं, इसी बहाने हम मिल भी लेंगे । मैंने कक्षा के सभी मित्रों को भी आमंत्रित किया है इसलिए खूब मजा आयेगा । अंकल आंटी को मेरा प्रणाम कहना और छोटी बहन सिमर को ढेर सारा प्यार!

3. प्रिय मित्र के पिताजी की असमय मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए पत्र

25, केजी मार्ग

29 सितंबर, 2020

प्रिय मित्र सुरेश

मुझे कुछ देर पहले ही तुम्हारे पिताजी की असमय निधन के बारे में पता चला जिसे सुनकर मैं स्तब्ध हूं । मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि तुम्हारे साथ इतना बुरा हुआ । मुझे पता है कि यह अब तुम्हारे लिए मुश्किल समय है, लेकिन मुझे और मेरे परिवार को तुम्हारी बहुत परवाह है । वे एक बहुत ही सज्जन व्यक्ति थे और वे मेरे साथ भी पुत्रवत व्यवहार किया करते थे ।

मृत्य एक ऐसी लीला है जिसके आगे किसी की नहीं चलती है । मुझे इस बात का दुख रहेगा कि अंतिम समय में मैं उनके दर्शन नहीं कर पाया । भगवान उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे । तुम्हारे इस दुख की भरपाई कोई नहीं कर सकता परंतु मैं और मेरा पूरा परिवार इस दुख की घड़ी में तुम्हारे साथ हैं ।

तुम्हारा प्रिय मित्र

4. अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर उसकी पढ़ाई के बारे में जानकारी लें

266, रघुवीर नगर

18 जनवरी, 2021

प्रिय सुधांशु,

चिरंजीवी रहो ।

मुझे तुम्हारे हिंदी शिक्षक का पत्र मिला जिसमें उन्होंने पढ़ाई के प्रति तुम्हारी लापरवाही के बारे में लिखा है । यह जानकर मुझे बहुत दुख हुआ कि तुम अपना ध्यान पढ़ाई में नहीं लगा रहे हो और फालतू कार्यों में व्यर्थ समय गंवा रहे हो । तुम समय की कीमत को नहीं समझ रहे हो जोकि एक बार जाने के बाद दोबारा लौट कर नहीं आता है । अगर आज तुम इस अमूल्य धन को गंवाओगे तो कल को तुम जरूर पछताओगे ।

तुम्हें इस बात का भलीभांति ज्ञान है कि पिछली कक्षाओं में भी तुम्हारे अंक अच्छे नहीं आए थे । इसका अर्थ है कि तुम अपने भविष्य को अंधेरे के गर्त में धकेल रहे हो । समय का सही सदुपयोग करना सीखो और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए अनुशासन का पालन करो । तुम्हारी वार्षिक परीक्षाएं अगले 2 महीने में शुरू हो जाएंगी जिसमें तुम्हारे अच्छे अंक अपेक्षित हैं । समय के सही उपयोग और अनुशासन के बल पर तुम कुछ भी कर सकते हो ।

तुम्हारा अग्रज

5. Write a letter to the younger brother wishing him on his birthday

B-56, सौहार्दनगर

24 फरवरी, 2020

आशा करता हूं कि तुम वहां स्वस्थ होगे और अपने जन्मदिन की तैयारियों में व्यस्त होगे । मेरी तरफ से भी तुमको 16वें जन्मदिवस पर जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं । मेरी बहुत इच्छा थी कि तुम्हारे जन्मदिन के उपलक्ष्य पर मैं भी उपस्थित रहूं परंतु मुझे मेरे काम से छुट्टी नहीं मिल रही है । मैं तुम्हारे अगले जन्मदिन पर आने की पूरी कोशिश करूंगा । मुझे पता है कि तुम नाराज होगे परंतु तुम्हें मेरी मजबूरी समझनी होगी ।

मुझे आशा है कि तुम अपने जन्मदिन को बड़े ही धूम धाम से मनाओगे और अपने दोस्तों के साथ खूब मजे करोगे । यही वह समय है जब तुम जीवन के हर पल का उत्सव मनाओ और साथ ही पढ़ाई पर भी ध्यान दो । अगले ही महीने तुम्हारी वार्षिक परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी जिसकी तैयारी में भी जुट जाओ । मम्मी और पापा को मेरा सादर प्रणाम कहना ।

मैंने तुम्हें एक प्यारा से उपहार भेजा है । ऊपर देखकर मुझे अवश्य बताना कि वह तुम्हें कैसा लगा ।

6. अपनी पढ़ाई के बारे में जानकारी देते हुए पिताजी को पत्र लिखें

रामपुर, रामगढ़

30 मार्च, 2021

पूज्यनीय पिताजी,

सादर प्रणाम ।

मुझे आज सुबह ही आपका पत्र मिला और यह जानकारी मुझे बहुत खुशी हुई कि आप सभी लोग घर पर कुशल और मंगल हैं । अगले महीने छोटे भाई के जन्मदिन पर मैं जरूर आऊंगा । वर्तमान में मेरी वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं और मैं पूरी लगन और मेहनत से परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं ।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि मुझे अच्छे अंक मिलेंगे । बस आप सभी अपना आशीर्वाद मुझपर बनाए रखें ।

7. Write a letter to your mother informing about your studies

रिहंद नगर, बिजपुर

1 मार्च, 2021

आदरणीय माताजी,

मुझे आज सुबह ही आपका पत्र मिला । मुझे यह जानकर अत्यंत खुशी हुई कि हमारा पूरा परिवार अगले महीने मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए जाना चाहता है । इस महीने के अंत में मेरी परीक्षाएं भी समाप्त हो जाएंगी इसलिए मैं अवश्य आऊंगी । मेरी भी इच्छा है कि मैं मां विंध्यवासिनी का दर्शन करूं ।

मुझे पता है कि आपको मेरी बहुत याद आती होगी और मैं भी आपको बहुत याद करती हूं । मैंने आपके लिए एक खास उपहार भी लिया है जो आपको काफी पसंद आएगा । मुझे आपसे ढेर सारी बातें करनी है इसलिए परीक्षा खत्म होते ही मैं आपसे मिलूंगी । पिताजी को मेरा प्रणाम कहना और प्रज्ञा को मेरा स्नेह देना ।

8. रुपए भेजने के लिए पिता को पत्र

29 दिसंबर, 2020

आदरणीय पिताजी,

मैं आशा करता हूं कि आप सभी कुशल मंगल से होंगे । मैं भी यहां सकुशल हूं ।

मेरी वार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं जिसकी वजह से मैं पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रहा हूं । हमारे कॉलेज में भी पढ़ाई जोरों शोरों से चल रही है ताकि सभी विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाओं में अच्छे अंक ला सकें । हमें प्रतिदिन गृहकार्य दिया जाता है और रोज उसकी जांच भी की जाती है । कई प्रकार के परियोजना कार्य भी हमसे बनवाए जा रहे हैं ताकि हम परीक्षा के लिए अच्छे से तैयार हो सकें ।

हाल ही में कॉलेज से हमें एक बड़ा परियोजना कार्य मिला है जिसे पूरा करने के लिए मुझे 1000 रुपए की जरूरत है । यह परियोजना कार्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके अंक हमारे अंकपत्र में जोड़े जाएंगे । इसलिए कृपया मुझे एक हजार रुपए भेज दें । मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं रुपयों का बिल्कुल भी अपव्यय नहीं करूंगा ।

मां को मेरा प्रणाम और छोटे भाई अंशुल को ढेर सारा प्यार!

9. नौकरी लगने पर माताजी को पत्र

शाहजहांबाद, भोपाल

मध्य प्रदेश

25 जुलाई, 2021

पूज्यनीय माताजी

मैं आशा करता हूं कि आप सभी कुशल मंगल से होंगे । मैं भी यहां सकुशल और काफी प्रसन्न हूं ।

मेरी वर्षों की मेहनत और तुम्हारा मेरी हर परिस्थिति में दिया गया सहयोग आज रंग लाया । आज मेरी नौकरी एक बड़े ही प्रतिष्ठित बैंक में लग गई है और मेरा वेतनमान 55000 रूपए प्रतिमाह तय किया गया है । आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन है । काश आप सभी इस पल मेरे साथ होते तो यह खुशी चौगुनी हो जाती । मैं जल्द ही आप सभी लोगों से मिलने आऊंगा ।

मैंने आपसे वादा किया था कि जब मेरी नौकरी लग जायेगी तो मैं आपके लिए एक प्यारा सा उपहार खरीदूंगा । इसलिए मैंने एक प्यारा सा उपहार खरीद कर पत्र के साथ ही भेज दिया है । अब आप यह मत कहना कि इसकी क्या जरूरत थी । इस उपहार को मेरा प्यार समझकर रख लेना ।

मुझे आपसे और पिताजी से ढेर सारी बातें करनी हैं । पिताजी को मेरा प्रणाम ।

10. Write a Hindi letter to your girlfriend/lover/gf

चेतगंज, भेलूपुर

10 फरवरी, 2021

प्रिय असीमा

ढेर सारा प्यार!

मैं आशा करता हूं कि तुम सकुशल हो । मैं भी यहां कुशल मंगल से हूं ।

मेरे कुशल मंगल होने से यह मत समझना कि मुझे तुम्हारी याद नहीं आती है । बस जल्द से जल्द करियर बनाने और तुमसे शादी करने की जद्दोजहत में तुम्हें याद करके खुश हो लेता हूं । मेरे पास हम दोनों की साथ वाली तस्वीर है जिसे हर रात देखकर ही मुझे नींद आती है । मुझे तुम्हारा पत्र एक सप्ताह पहले मिला जिसका जवाब देरी से देने के कारण मैं तुमसे क्षमा मांगता हूं । दरअसल करियर को लेकर मैं कुछ ज्यादा ही भागदौड़ कर रहा हूं ।

तुम्हें तो पता ही है कि मेरी पार्ट टाइम नौकरी से मेरा खुद का खर्च निकालना ही कितना मुश्किल है । इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ ही अच्छी सी नौकरी भी ढूंढ रहा हूं । हां पता है कि तुम जानना चाहती हो कि मैं तुमसे कब मिलने आऊंगा । जल्द ही! पिछले 1 साल से हम नहीं मिले हैं इसका मुझे बहुत दुख है । पर इस बार मैं तुम्हें सरप्राईज करना चाहता हूं इसलिए तारीख या समय नहीं बता सकता ।

तुमने मेरा इतना इंतजार किया, बस कुछ दिन, समय, घंटे और! बाकी ढेर सारी बातें मिलने के बाद ।

सिर्फ तुम्हारा

11. Formal letter in Hindi to Principal

प्रधानाचार्य

लिटिल फ्लावर पब्लिक स्कूल

रामनगर, वाराणसी

विषय: पानी की उचित व्यवस्था कराने हेतु ।

निवेदन यह है कि मैं कक्षा दसवीं का छात्र सुरेश कुमार हूं। पिछले कुछ दिनों से हमारे स्कूल में पीने का पानी गंदा आ रहा है । इस वजह से स्कूल के सभी विद्यार्थियों को बाहर पानी पीने जाना पड़ता है । यहां तक कि कुछ विद्यार्थी बाजार से बोतलबंद पानी महंगे दामों में रोज खरीदते हैं जिससे रुपए भी अनावश्यक खर्च हो रहे हैं ।

आपसे प्रार्थना है कि आप अतिशीघ्र अच्छे पानी की व्यवस्था करें ताकि पानी की परेशानी दूर हो जाए । विद्यार्थियों को स्कूल में कई बार पानी पीना होता है । पानी गंदा होने के कारण विद्यार्थियों को प्यासा ही रहना पड़ता है । आशा है कि आप शीघ्र समस्या का समाधान करेंगे ।

आपका आज्ञाकारी छात्र

सुरेश कुमार

12. Letter to Principal for leave

केंद्रीय विद्यालय

रॉबर्ट्सगंज, सोनभद्र

विषय: बीमारी में 2 दिनों के अवकाश हेतु अनुरोध ।

मैं आपको इस पत्र के माध्यम से सूचित करना चाहता हूं कि मुझे कल रात से ही बुखार है जिसकी वजह से मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं । कल रात मैं एक होटल में खाने के लिए गया था परंतु शायद खाना अच्छे से पच नहीं पाया और आधी रात को मेरी तबियत खराब हो गई । इसकी वजह से मुझे तेज बुखार और उल्टी होने लगी ।

मैं इस स्थिति में विद्यालय में उपस्थित नहीं पाऊंगा । डॉक्टर ने मुझे पूरी तरह से ठीक होने तक आराम करने की सलाह दी है । मैं इस पत्र के साथ चिकित्सा प्रमाण पत्र संलग्न कर रहा हूं जिसमें डॉक्टर ने मुझे कम से कम 2 दिनों तक आराम करने की सलाह दी है ।

इसलिए, आपसे अनुरोध है कि कृपया मुझे 2 दिनों का अवकाश 05/07/2021 से 06/07/2021 तक प्रदान करें, ताकि मैं आराम कर सकूं और जल्द स्वस्थ होकर विद्यालय आ सकूं । मैं इस कृतज्ञता के लिए आपका सदैव आभारी रहूंगा ।

कक्षा: 10 ‘अ’

अनुक्रमांक: 11

13. दूरदर्शन अधिकारी को कार्यक्रमों में सुधार हेतु सुझाव पत्र लिखिए ।

अग्रसेन चौक,दिल्ली 120762

दिनांक : 23.05.2021

दूरदर्शन केंद्र

संसद मार्ग, नई दिल्ली

विषय: दूरदर्शन कार्यक्रमों हेतु सुझाव

दूरदर्शन देश के लाखों लोगों के मनोरंजन व ज्ञान का स्रोत है । दूरदर्शन द्वारा दिखाए जा रहे चित्रहार, कृषि दर्शन, रामायण आदि कार्यक्रम दर्शकों की विशेष पसंद हैं । परंतु, बच्चों के कार्यक्रमों में काफी कमी आई है । यदि आप बच्चों के ज्ञानवर्धन से जुड़े कार्यक्रम भी दिखाएं तो यह ज्यादा बेहतर होगा ।

इसके लिए शनिवार की शाम और रविवार का दिन सबसे बढ़िया रहेगा जब बच्चे आसानी से ज्ञानवर्धक कार्यक्रम देख सकेंगे । आप खासकर कि विज्ञान और गणित से संबंधी रुचिकर कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकते हैं । बच्चों को टेलीविजन देखना पसंद है तो क्यों न उन्हें ज्ञानवर्धन चीजें ही दिखाई जाएं ।

आशा है कि मेरे सुझाव आपको पसंद आएँगे और आप उक्त समस्त बातों को ध्यान में रखकर ही कार्यक्रम प्रसारित करेंगे ।

सुशील कुमार

14. Letter to municipal health officer in Hindi

अध्यक्ष महोदय

नगर निगम स्वास्थ्य विभाग

अंबेडकर नगर, नई दिल्ली

विषय: सफाई के संबंध में ।

निवेदन यह है कि देश की राजधानी का सबसे आलीशान इलाका अंबेडकर नगर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है । यहां सड़कों और गलियों में कूड़े का ढेर लगा रहता है । यहां नियुक्त किए गई सफाईकर्मियों को कई बार बोलने पर भी उन्होंने बात को अनसुना कर दिया । देशव्यापी स्वच्छता अभियान का असर हमारे क्षेत्र में नहीं दिख रहा है जिसकी वजह से कई प्रकार की बीमारियां पैदा होने का डर है ।

मैं अंबेडकर नगर में स्थित श्याम कॉलोनी में रहता हूं जहां सबसे ज्यादा गंदगी की समस्या है । इस क्षेत्र के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं जिसका जल्द से जल्द समाधान करना अतिआवश्यक है । आपको इस क्षेत्र में निरीक्षक भेज कर यहां के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेना चाहिए ।

अतः महोदय से अनुरोध है कि जल्द से जल्द नियुक्त कर्मचारियों को सफाई करने का आदेश दें और निरीक्षक को भेज कर स्वास्थ्य व्यवस्था चाकचौबंद करें ।

पूर्ण सहयोग की आशा में,

26/129, अंबेडकर नगर

15. बढ़ते धूम्रपान पर अखबार के संपादक को पत्र

श्रीमान संपादक जी

दैनिक जागरण, नई दिल्ली

विषय: सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ते धूम्रपान पर चिन्ता

सविनय निवेदन यह है कि केंद्र सरकार की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगाई थी । रोक लगने के तुरंत बाद काफी अच्छा प्रभाव देखने को मिला और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान लगभग न के बराबर हो गए । परंतु, यह जुर्माना भरने का एक डर मात्र था जिसकी वजह से कुछ दिनों के लिए बदलाव देखने को मिला । परंतु, अब स्तिथि पहले जैसी ही हो रही है ।

अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि अस्पतालों, सिनेमाघरों, बस या ट्रेन स्टेशनों आदि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान फिर से शुरू हो गया है । यह न सिर्फ प्रदूषण और बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है बल्कि युवा पीढ़ी भी इससे प्रभावित होकर इसकी लत लगा रही है । धूम्रपान करना तो जैसे अब फैशन हो गया है ।

धूम्रपान स्वास्थ्य के साथसाथ धन की भी बरबादी है । यह टी. वी. तथा कैंसर जैसी बीमारियों की जड़ है । इसकी वजह से हमारा देश काफी पिछड़ रहा है और हमारा नौयुवक देश की प्रगति के बारे में सोचने के बजाय धूम्रपान की गंदी आदत का शिकार हो रहा है । हर साल धूम्रपान की वजह से लाखों जानें जा रही हैं । अगर सार्वजनिक धूम्रपान पर रोक लगा दी जाए तो यह हमारे समाज के लिए बेहतर होगा । दैनिक जागरण देश के सबसे पढ़ा जाने वाला अखबार है जो समाज में एक सकारात्मक बदलाव की पहल कर सकता है ।

अतः आपसे निवेदन है कि अपने समाचार पत्र के माध्यम से इस बुराई पर कड़ा प्रहार करें और लोगों को जागरूक करें । आप रचनात्मक तरीके से सार्वजनिक धूम्रपान के खिलाफ अभियान छेड़ सकते हैं जिसमें हर देशवासी आपका साथ देगा ।

नया सवेरा मंडल

गौतमबुद्ध नगर, नई दिल्ली

7 अगस्त, 2021

Hindi letter writing : Conclusion

Hindi letter writing में मैंने आपको letter writing types, formats और examples के बारे में समझाया । इसमें दिए गए Hindi letter writing examples की मदद से आप ढेरों प्रकार के Hindi letter लिख सकते हैं । अगर आपको लगता है कि किसी प्रकार का पत्र छूट गया है तो आप कॉमेंट से बताएं और उसे हम जोड़ देंगे ।

  • Word meaning in Hindi
  • Book review कैसे लिखें ?
  • Gk Questions for class 5 in Hindi
  • डायरी कैसे लिखें ?
  • Case study कैसे लिखें ?
  • Assignment का first page कैसे बनाएं ?
  • Handwriting कैसे सुधारें ?
  • Application in Hindi

अगर आपको यह आर्टिकल helpful लगा हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें । आप इसे अपनी कक्षा के व्हाट्सएप ग्रुप इत्यादि में शेयर कर सकते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Hindi letter writing के बारे में जान सकें ।

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Letter Writing in Hindi || हिंदी पत्र लेखन

आज की पोस्ट में हम हिंदी लेखन में हिंदी पत्र लेखन( Letter Writing in Hindi ) के बारे में जानेंगे और पत्रों के प्रकारों के बारे में भी जानेंगे ।

पत्र लेखन – Patra Lekhan

How many letters in hindi

Table of Contents

letter writing in hindi

पत्रों के प्रकार(Type of Letter)

सामान्यतः विषय के अनुसार पत्रों को अनेक श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जैसे-प्रेम-पत्र, निमंत्रण-पत्र, विवाह-पत्र, संवेदना-पत्र, जन्म-दिन पत्र इत्यादि, परन्तु शैली व शिल्प की दृष्टि से पत्रों का मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है।

  • अनौपचारिक पत्र(Informal letter)
  • औपचारिक पत्र(Formal letter)

1. अनौपचारिक पत्र (Informal letter)

जिन लोगों के साथ हमारा व्यक्तिगत संबंध होता है, उनके साथ किया जाने वाला पत्राचार अनौपचारिक पत्रों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे पत्रों में व्यक्तिगत सुख-दुःख का ब्योरा भी प्रस्तुत किया जाता है। ये पत्र अपने परिवार के लोगों मित्रों और निकट संबंधियों को लिखे जाते हैं।

2. औपचारिक पत्र (F ormal letter)

जिन लोगों के साथ हमारा कोई निजी परिचय नहीं होता है, उनके साथ किया जाने वाला पत्राचार औपचारिक पत्रों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे पत्रों में व्यक्तिगत लगाव या आत्मीयता गौण होती है। इनमें तथ्यों और सूचनाओं को ही अधिक महत्त्व दिया जाता है। इस वर्ग में निम्नलिखित पत्र शामिल किये जाते है:-

(क) आवेदन – पत्र(Request Letter) (ख) व्यावसायिक – पत्र(Business Letter) (ग) अव्यावसायिक संस्थाओं के साथ पत्राचार (घ) सरकारी या कार्यालयी – पत्र(Official Letter)

सरकारी या कार्यालयी लेखन-प्रक्रिया(Official or official writing process)

⇒ जहाँ से किसी सरकारी, अर्द्ध सरकारी, गैर-सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं के प्रशासन का संचालन होता है, उसे कार्यालय कहा जाता है तथा ऐसे स्थानों से निकलने वाले पत्र ’कार्यालयी-पत्र’, ’सरकारी-पत्र’ या ’ऑफिशियल लेटर’ कहलाते हैं। ⇒ संकुचित अर्थ में जो पत्र सरकार के किसी एक कार्यालय से अन्य कार्यालय को/कर्मचारी को/अधिकारी को भेजा जाता है, जिसमें सरकार की नीति/समस्या/निर्णय या किसी आशय का उल्लेख होता है, उसे कार्यालयी या सरकारी पत्र कहते हैं।

कार्यालयी पत्रों के विविध प्रकार

(1) औपचारिक पत्र (फाॅर्मल लेटर) (2) टिप्पण (नोटिंग) (3ं) अनुस्मारक या स्मरण-पत्र (रिमाइंडर) (4) अर्ध-सरकारी पत्र (डेमी-ऑफिशियल लेटर) (5) कार्यसूची (एजेंडा) (6) कार्यवृत्त (मिनिट्स) (7) प्रेस विज्ञप्ति (प्रेस रिलीज) (8) परिपत्र (सर्कुलर) (9) शासनादेश (गवर्नमेंट ऑर्डर) (10) कार्यालय आदेश (ऑफिस ऑर्डर) (11ं) अधिसूचना (नोटिफिकेशन) (12) पृष्ठांकन (एण्डोर्समेंट) (13) अशासकीय पत्र (अन-ऑफिशियल लेटर) (14) संकल्प/प्रस्ताव (रिसाॅल्यूशन) (15) विज्ञापन (एडवरटाईजमेंट) (16) निविदा (टेंडर) (17) स्वीकृति या मंजूरी पत्र (सेंक्शन लेटर) (18) पावती (एक्नाॅलिजमेंट)

1. अधिसूचना (NOTIFICATION)

किसी भी सरकारी राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति, पदोन्नति, अवकाश-प्राप्ति, त्याग-पत्र तथा सरकारी नियमों, आदेशों व आज्ञाओं की राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को अधिसूचना कहते हैं।

अधिसूचाएँ किसी व्यक्ति विशेष से सम्बन्धित भी हो सकती है किन्तु इनका सम्बन्ध सामान्य जनता से होता है इसलिए इन्हें राजकीय राज पत्र में अनिवार्यतः प्रकाशित किया जाता है तथा आवश्यक होने पर समाचार पत्र में भी प्रकाशित कराया जाता है। अधिसूचना किसी अधिनियम के अन्तर्गत जारी की जाती है तथा अन्य पुरुष शैली में लिखी जाती है। ⇒ यह पत्र सरकार के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किया जाता है।

⇔ सरकार के द्वारा बनाये गये नियमों/उपनियमों/आदेशों/नीतियों/शक्तियों के लागू होने के लिए अथवा उनमें संशोधन आदि करने के लिए जिस पत्र में सूचना प्रकाशित की जाती है वह ’अधिसूचना पत्र’ कहलाता है। ⇒ सरकार के राजपत्रित अधिकारियों को कोई कार्यभार देने के लिए अथवा उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए भी अधिसूचना पत्र जारी किया जाता है। ⇔ यह पत्र प्रायः सचिव स्तर के अधिकारी के द्वारा जारी किया जाता है।

⇒ इस पत्र में पत्र प्रेषिति अधिकारी का नाम, पदनाम व पता सबसे नीचे बांई और अंकित किया जाता है।

राजस्थान सरकार ऊर्जा विभाग क्रमांकः ऊवि/2018-19/101       जयपुर, दिनांक: 27 अप्रैल, 2018 अधिसूचना

राजस्थान सरकार केन्द्रीय अधिनियम 1948 की धारा 29 की उपधारा (2) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कोटातापीय विद्युतगृह, कोटा में छठी इकाई स्थापित करना चाहती है। अतः एतद् द्वारा सूचित किया जाता है कि यदि कोई भी इस परियोजना के सम्बन्ध में कोई प्रतिवेदन करने का इच्छुक हो तो वह अपना प्रतिवेदन इस अधिसूचना के जारी होने से दो माह की अवधि के अन्दर सचिव, राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम, विद्युत भवन, विद्युत मार्ग ज्योतिनगर, जयपुर को प्रेषित कर सकता है।

राज्यपाल महोदय की आज्ञा से, हस्ताक्षर (हस्ताक्षरकर्ता का नाम) उपशासन सचिव ऊर्जा विभाग

प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ प्रेषित: 1. सचिव, राजस्थान राज्य विद्युत् वितरण निगम, जयपुर। 2. अधीक्षक, राजकीय मुद्रणालय, जयपुर।

ज्ञापन MEMORANDUM (स्मरण – पत्र)

कार्यालयी कर्मचारियों के पत्रों, आवेदन – पत्रों, याचिकाओं, व्यक्तिगत पत्रों या अनुस्मारक का उत्तर देना हो अर्थात् विषय सामग्री कम महत्त्वपूर्ण हो तब कार्यालय द्वारा प्रेषित पत्र ज्ञापन या स्मरण पत्र कहलाता है। ज्ञापन में किसी को अभिवादन नहीं होता है, यह प्रायः अन्य पुरुष में लिखा जाता है। इसमें एक ही अनुच्छेद होता है तथा अन्तिम प्रशंसात्मक वाक्यांश भी नहीं होता। इस पर मुख्य अधिकारी के हस्ताक्षर न होकर कार्यालय अधीक्षक या वरिष्ठ लिपिक के ही हस्ताक्षर होते हैं प्रेषिति का नाम व पता पत्र के नीचे बायीें ओर लिखा जाता है।

⇒ किसी कार्यालय में कोई प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन पत्र प्राप्त होने पर उसके उत्तर के रूप में जो पत्र जारी किया जाता है, उसे ही ज्ञापन कहते हैं। ⇔ ज्ञापन में प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र प्राप्त होने की सूचना अथवा उस पर जारी कार्यवाही की सूचना अथवा उस पर लिये गये निर्णय की सूचना का उल्लेख किया जाता है।

ज्ञापन लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें:

⇒ ज्ञापन-पत्र सदैव अन्य पुरुषवाचक एवं कर्मवाच्य शैली में लिखा जाता है। ⇔ ज्ञापन में न तो कोई सम्बोधन होता है एवं न ही स्वनिर्देश होता है। (’भवदीय’ जैसे शब्द प्रयुक्त नहीं होते हैं) ⇒ इसमें विषयानुरूप संक्षिप्तता का विशेष ध्यान रखा जाता है। ⇔ आवश्यकतानुरूप विषय का उल्लेख होता है। ⇒ नीचे केवल प्रेषक के हस्ताक्षर एवं पदनाम का उल्लेख होता है। ⇔ जिसके नाम का ज्ञापन होता है, उसका नाम और पद, हस्ताक्षर के नीचे, पृष्ठ के बायें कोने में लिख दिये जाते हैं। ⇒ ज्ञापन में यदि एक से अधिक अनुच्छेद हों तो प्रथम अनुच्छेद के बाद शेष अनुच्छेदों को क्रमांक अंकित कर दिया जाता है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर

स्मरण पत्र क्रमांकः रालोसेआ/अज/2018-19/1234 दिनांक: 10 जून, 2018

विषय: हिन्दी व्याख्याताओं की नियुक्ति।

श्री दुष्यन्त कुमार को सूचित किया जाता है कि वे दिनांक 25 जून, 2018 को प्रातः 10 बजे आयोग कार्यालय में साक्षात्कार के लिए उपस्थित हों। वे अपने साथ सभी प्रमाण-पत्रों तथा प्रशंसा-पत्रों की मूल प्रतियाँ भी लेकर आवें। उन्हें यह ज्ञात रहे कि आयोग की ओर से यात्रा किराया एवं भत्ता किसी प्रकार का देय नहीं होगा।

आज्ञा से हस्ताक्षर सचिव के लिए

श्री दुष्यन्त कुमार गोयल ओसियाँ (जाधपुर)

patra lekhan

सरकारी एवं गैर सरकारी प्रतिष्ठानों द्वारा अपने किसी निर्माण कार्य को सम्पन्न कराने, सामान की आपूर्ति करने आदि के लिए उक्त कार्य कर सकने वाले व्यक्तियों की सूचनार्थ समाचार पत्रों आदि में जो आमन्त्रण प्रकाशित किया जाता है, उसे निविदा कहते है।

निविदा प्रपत्र का शुल्क, धरोहर राशि एवं प्रचार के मानदण्ड समय समय पर सरकार द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।

⇒ किसी भी सरकारी कार्यालय के द्वारा नया सामान खरीदने के लिए अथवा पुराने सामान को बेचने के लिए अथवा कोई निर्माण कार्य करवाने के लिए अन्य पक्षों से जब मूल्य सूचि एवं अन्य शर्तों के साथ प्रस्ताव आमन्त्रित किये जाते हैं एवं अन्य पक्षों के द्वारा वे प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाते हैं, तो उसे ही निविदा पत्र कहा जाता है।

⇔ निविदा एक प्रकार का प्रपत्र होता है, जिसमें सामान के आपूर्तिकर्ता के द्वारा निर्धारित समय में सामान की आपूर्ति करने हेतु क्रेता को न्यूनतम मूल्य बतलाये जाते हैं अर्थात् न्यूनतम दर पर सामान की आपूर्ति के आश्वासन को ही निविदा पत्र कहा जाता है।

निविदा पत्र लेखन के समय ध्यातव्य तथ्य – यह पत्र लिखते समय निम्नलिखित तथ्यों का लिखा जाना आवश्यक होता है –

1. कार्यालय का नाम व पता। 2. पत्र क्रमांक व दिनांक। 3. निविदा संख्या। 4. कार्य का सम्पूर्ण विवरण। 5. निविदा प्रस्तुत करने की दिनांक व समय। 6. निविदा खोलने की दिनांक व समय व स्थान। 7. अनुमानित लागत राशि। 8. कार्य पूर्ण करने की समय सीमा। 9. निविदा प्रपत्र का मूल्य। 10. धरोहर राशि व उसे जमा कराने की तरीका। 11. निविदा जारी करने वाले अधिकारी के नाम/पदनाम सहित हस्ताक्षर।

राजस्थान -सरकार कार्यालयः जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), कोटा।

क्रमांकः जिशिअ/कोटा/2018-19/1511

                                            दिनांक: 20 जून, 2018

निविदा सूचना संख्या 05 वर्ष 2018-19

राजस्थान के राज्यपाल की ओर से निम्न हस्ताक्षरकर्ता के कार्यालय में निम्नलिखित सामान की आपूत्र्ति हेतु मोहरबन्द निविदाएँ आमन्त्रित की जाती हैं। इस हेतु प्रपत्र दिनांक 10 जुलाई 2018 को 3.00 बजे अपराह्न तक कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं और दिनांक 11 जुलाई 2018 को 3.30 बजे अपराह्न तक बंद लिफाफे में कार्यालय में जमा करवाये जा सकते हैं।

दिनांक 13 जुलाई 2018 को 4.00 बजे अपराह्न उपस्थित निविदादाताओं के समक्ष खोली जाएगी। सामान के बारे में पूर्ण वितरण किसी भी कार्य दिवस को कार्यालय समय में निविदा शुल्क जमा कराकर कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं।

क्रम संख्या सामान का विवरणअनुमानित

राशि लाखों में

धरोहर

राशि रुपये

   निविदा- शुल्क        रुपयेसामान आपूर्ति की अवधि
1.कम्प्यूटर 3.00 6000 100 2 माह
2. स्टील आलमारी2.00 4000100  2 माह
3. स्टेशनरी सामान 0.50 1000 501 माह

आवश्यक शर्तें:

1. सशर्त निविदाएँ मान्य नहीं होगी। 2. तार द्वारा प्राप्त निविदाएँ, विलम्ब से प्राप्त निविदाएँ मान्य नहीं होंगी। 3. बिना कारण बताए किसी निविदा अथवा समस्त निविदाओं को स्वीकृत/अस्वीकृत करने अधिकार निम्न हस्ताक्षरकर्ता का सुरक्षित है।

हस्ताक्षर जिला शिक्षा अधिकारी (मा.) कोटा

परिपत्र (गश्ती पत्र) (CIRCULAR)

जब एक ही सूचना आदेश, निर्देश या सन्देश कई व्यक्तियों अथवा कार्यालयों को भेजना हो, ऐसी परिस्थिति में लिखा जाने वाला पत्र परिपत्र या गश्तीपत्र कहलाता है। परिपत्र में एक सरकारी पत्र के सभी लक्षण होते हैं किन्तु इसमें प्रेषिति के पद के नाम के पूर्व समस्त शब्द का प्रयोग किया जाता है।

परिपत्र को आवश्यकतानुसार टाइप, साइक्लोस्टाइल या छपवा लिया जाता है। परिपत्र की सभी प्रतियों पर अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होते हैं, केवल कार्यालय प्रति पर ही होते हैं।

⇒ जब कोई आदेश, निर्देश, अनुदेश, सूचना आदि से समस्त अधीनस्थ कार्यालयों/कार्मिकों को अवगत कराना होता है तो इस हेतु प्रयुक्त किये जाने वाला पत्र परिपत्र कहलाता है। ⇔ सामान्यतः कार्यालय पत्र का वह रूप जिसमें एक साथ किसी कार्यालय के एकाधिक कर्मचारियों, अधिकारियों, विशेषज्ञों को किसी बात की सूचना/आदेश/निर्देश दिये जाते है तो वह परिपत्र कहलाता है।

⇒ परिपत्र केन्द्रीय कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों को, एक कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ समस्त अनुभागों/शाखाओं को तथा उच्च अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को अथवा एक विभाग के अधिकारी के द्वारा अन्य विभागीय अधिकारियों को भेजा जाता है। ⇔ किसी बैठक में लिये गये महत्त्वपूर्ण निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए भी परिपत्र जारी किया जाता है। किसी मुद्दे पर होने वाला फैसला भी परिपत्र के रूप में जारी किया जाता है जिसमें निर्णय को कार्यान्वित किये जाने के निर्देश होते हैं।

राजस्थान सरकार वित्त – विभाग (आय-व्ययक अनुभाग)

क्रमांक: प 9(1) वित्त-(1) आ.व्य./2018 जयपुर,                                       दिनांक 13 जून 2018

प्रेषित: समस्त शासन सचिव, राजस्थान। ⇒समस्त सम्भागीय आयुक्त, राजस्थान। समस्त विभागाध्यक्ष, राजस्थान। ⇒समस्त जिला कलेक्टर।

विषय: राजकीय व्यय में मितव्ययता।

राज्य में भयंकर अकाल की स्थिति को देखते हुए शासन द्वारा राजकीय व्यय में मितव्ययता करने तथा राजकीय कार्य में सादगी अपनाने के उद्देश्य से यह परिपत्र जारी किया जा रहा है। निम्ननिर्णय तुरन्त प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक प्रभावी रहेंगे –

1. किसी भी विभाग में नई नियुक्ति से पूर्व वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग की सहमति की आवश्यकता होगी। 2. समस्त विभागों में नये पदों के सृजन/क्रमोन्नयन पर प्रतिबंध रहेगा। 3. हवाई जहाज से यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। 4. वाहन, एयर कन्डीशनर, सैल्यूलर फोन की खरीद पर प्रतिबंध रहेगा। 5. राजकीय भोज आयोजित करने पर प्रतिबंध रहेगा।

आज्ञा से हस्ताक्षर (हस्ताक्षरकर्ता का नाम) वित्त सचिव, वित्त विभाग।

विज्ञप्ति (A COMMUNIQUE)

विज्ञप्ति शब्द से तात्पर्य है सूचित करने की क्रिया। सरकारी या गैर सरकारी प्रतिष्ठान अपने किसी निर्णय, निश्चय, घोषणा, निर्देश, योजना आदि से सम्बन्धित सूचनाओं को सम्बन्धित व्यक्तियों एवं आम जनता तक पहुँचाना चाहते हैं, उसे विज्ञप्ति कहते हैं।

यदि विज्ञप्ति की सूचना कार्यालय के कर्मचारियों तक ही पहुँचाना हो तो उसे निश्चित प्रारूप में लिखकर कार्यालय के सूचना पट्ट पर लगवा दिया जाता है किन्तु यदि विज्ञप्ति के व्यापक प्रसार की आवश्यकता हो तो उसे समाचार पत्रों में भी प्रकाशित किया जाता है।

⇒ जब कोई सरकारी सूचना राजपत्र में प्रकाशित होती है तब तो वह अधिसूचना कहलाती है एवं जब कोई सूचना सामान्य समाचार पत्रों में प्रकाशित होती है तो वह विज्ञप्ति कहलाती है। ⇔ सरकारी विभागों/कार्यालयों के द्वारा अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए अथवा आम जनता तक कोई सूचना पहुँचाने के लिए सामान्य समाचार पत्रों के माध्यम से कोई पत्र प्रकाशित किया जाता है तो वह विज्ञप्ति पत्र कहलाता है। ⇒ यह पत्र कार्यालय के मुख्य अधिकारी की ओर से जारी किया जाता है। ⇔ यह पत्र अन्य पुरुषवाचक शैली में लिखा जाता है।

⇒ इस पत्र में सबसे ऊपर दाहिनी और प्रकाशनार्थ/प्रसारणार्थ शब्द लिखा जाता है। ⇔ विज्ञप्ति पत्र के प्रकाशन के लिए समाचार पत्र कार्यालयों को शुक्ल भी चुकाना पङता है। ⇒ विज्ञप्ति पत्र के साथ एक आवरण पत्र भी लिखा जाता है, जिसमें उस विज्ञप्ति के प्रकाशन की दिनांक, अखबार की पृष्ठ संख्या तथा आकार का उल्लेख किया जाता है। ⇔ जब कोई सरकारी सूचना शुक्ल लिए बिना ही अन्य खबरों की तरह ही अखबार में प्रकाशित कर दी जाती है तो वह प्रेस विज्ञप्ति कहलाती है।

कार्यालयः आयुक्त, राजस्थान राज्य चुनाव आयोग, जयपुर।

क्रमांक: आराचुआ/जय/2018-19/102                                                   दिनांक: 1 जुलाई, 2018

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि केन्द्रीय चुनाव आयोग ने मतदाता परिचय-पत्र की अनिवार्यता, इलेक्ट्रानिक मशीनों का प्रयोग, सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर न लगाने, चुनाव प्रचार हेतु ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग न करने, चुनाव व्यय का हिसाब रखने आदि से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण सुधार लागू किये हैं।

अतः समस्त प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों और नागरिकों से अपेक्षित सहयोग की आशा की जाती है कि वे उक्त सुधारों की सफल क्रियान्विति में सहयोग प्रदान करेंगे, ताकि राज्य में निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो सकें।

हस्ताक्षर नाम हस्तारक्षरकर्ता मुख्य चुनाव आयुक्त, राजस्थान राज्य चुनाव आयोग, जयपुर।

प्रेस-विज्ञप्ति/विज्ञप्ति

⇒ कोई संस्थान या व्यक्ति किसी विषय या किसी बैठक में जो निर्णय लेता है, उसे प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सर्वसामान्य तक पहुँचाया जाता है। ⇔ इसमें निर्णय में विलम्ब के कारण एवं उससे होने वाले लाभों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाती है।

⇒ सामान्यतः किसी सरकारी अथवा गैर-सरकारी संस्था द्वारा अपनी विविध गतिविधियों/आयोजनों/नीतिगत निर्णयों/निश्चयों/योजनाओं आदि का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए सामाचार-पत्रों के लिए जो संक्षिप्त एवं सारगर्भित रिपोर्ट तैयार की जाती है, तो वह प्रेस-विज्ञप्ति कहलाती है। ⇔ प्रेस विज्ञप्ति समाचार के रूप में प्रकाशित की जाती है। ⇒ समाचार पत्रों के सम्पादक इन्हें अपनी इच्छानुसार शीर्षक और स्वरूप देकर प्रकाशित करते हैं।

                                                                                                प्रकाशनार्थ

कार्यालयः जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा, श्रीगंगानगर

पत्रांक:- जिशिअ/प्राशि/सी/सा/2018/106 श्रीगंगानगर,                                               दिनांक – 7 जनवरी 2018

प्रेस – विज्ञप्ति रविवार को भी खुले रहेंगे विद्यालय

दिनांक 19 जनवरी 2018, रविवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पल्स पोलियो टीकाकरण का अभियान रखा गया है, जिसमें 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को पोलियों वेकसीन की दो बूँदे पिलाई जायेगी। अतः समस्त संस्था प्रधान (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय) उक्त दिवस को विद्यालय खुला रखेंगे एवं अभियान में सहयोग प्रदान करेंगे।

हस्ताक्षर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा, श्रीगंगानगर पत्रांक जिशिअ/प्राशि/सी/सा/2018/107-109 श्रीगंगानगर,              17 जनवरी 2018

प्रतिलिपि: प्रकाशनार्थ प्रेषित है –

1. श्रीमान सम्पादन, राजस्थान पत्रिका, श्रीगंगानगर 2. श्रीमान सम्पादन, दैनिक भास्कर, श्रीगंगानगर 3. श्रीमान सम्पादन, आस-पास, श्रीगंगानगर 4. रक्षित पत्रावली

हस्ताक्षर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा, श्रीगंगानगर

अर्द्ध शासकीय पत्र

जब कोई सरकारी अधिकारी सरकारी कार्य के लिए अन्य किसी सरकारी अधिकारी को व्यक्तिगत नाम से अपेक्षित सूचनाओं, स्पष्टीकरण एवं सम्मति प्राप्ति के क्रम में कोई पत्र भेजता है अथवा पूछता है या ध्यानाकर्षण करता है, तो वह पत्र व्यक्तिगत पत्र शैली में लिखा होने के कारण उसे अर्द्ध शासकीय या अर्द्ध सरकारी पत्र कहते हैं। ऐसे पत्रों में बायीं ओर प्रेषक का नाम व पद का उल्लेख होता है तथा दायीं ओर कार्यालय का पता लिखा जाता है।

पत्र क्रमांक के पूर्व अर्द्ध शासकीय शब्दों का प्रयोग किया जाता है तथा दिनांक दायीं ओर लिखी जाती है। जिसे यह पत्र लिखा जाता है उसके नाम या उपनाम के पूर्व प्रिय या प्रिय श्री सम्बोधन का प्रयोग होता है।

पत्र के अन्त में हितैषी, शुभचिन्तक या विश्वास पात्र आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तथा नीचे उसी अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं एवं हस्ताक्षर के नीचे कोष्ठक में नाम लिखा जाता है किन्तु नाम के नीचे पद का उल्लेख नहीं किया जाता है। प्रेषिति का नाम व पता सबसे नीचे बायीं ओर लिखा जाता है।

⇒ ये पत्र बिना किसी निर्धारित प्रक्रिया एवं औपचारिकता बरते सरकारी अधिकारियों द्वारा लिखे जाते हैं। ⇔ इन पत्रों का विषय तो शासकीय (सरकारी) होता है, परन्तु भाषा व्यक्तिगत पत्रों जैसी होती है। ⇒ अर्ध-सरकारी पत्र तब लिखे जाते हैं जब लिखने वाला अधिकारी संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत स्तर पर जानता हो। ⇔ इन पत्रों के लेखन का प्रमुख अधिकारियों की व्यक्तिगत सम्मति (राय) जानना या किसी विषय की सूचना पाना या किसी विचार विमर्श का आदान प्रदान करना माना जाता है।

⇒ इस प्रकार का पत्र उस स्थिति में भी लिखा जाता है जब किसी खास मसले पर संबंधित अधिकारी का ध्यान व्यक्तिगत रूप से आकर्षित कराया जाता है या उसका व्यक्तिगत परामर्श लिया जाता है। ⇔ यह पत्र उत्तम पुरुष शैली में मित्रतापूर्ण भाषा में लिखा जाता है। ⇒ इस पत्र के प्रारूप में शीर्ष पर बाईं ओर प्रेषक का नाम एवं पदनाम लिखा जाता है। ⇔ यह पत्र प्रायः कार्यालय के ’लेटर हेड’ पर ही लिखा जाता है, परन्तु ’लेटर हेड’ उपलब्ध न होने की स्थिति में साधारण कागज का प्रयोग भी किया जा सकता है।

⇒ इन पत्रों के प्रारम्भ में संबोधन के रूप में ’महोदय’ जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करके ’प्रिय श्री’ या ’प्रियवर श्री’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। ⇔ पत्र के अंत में ’अधोलेख’ के रूप में दाहिनी ओर ’भवदीय’ के स्थान पर ’आपका’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।

⇒ इन पत्रों के अन्त में बाईं ओर संबंधित प्राप्तकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम और पूरा पता दिया जाता है। ⇔ सरकारी पत्र सामान्यतः कार्यालय लिपिक द्वारा टंकित या कम्प्यूट्राईज्ड किये जाते हैं, परन्तु अर्ध सरकारी पत्रों में निम्न भाग पत्र प्रेषक अधिकारी द्वारा अपने हाथ से लिखे जाते है:- (। ) सम्बोधन का उपनाम (।।) पत्र के अन्त में ’सादर/साभिवादन/आदर सहित/शुभकामनाओं सहित (।।।) पत्र प्रेषक के हस्ताक्षर

डाॅ. रामलाल वर्मा                                                                           राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय अधीक्षक                                                                                                                                          अजमेर। अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक/राजनेचि/अज/2018-19/1511

दिनांक: 1 जुलाई, 2018

प्रिय श्री गुप्ता साहब,

जैसा कि आपको विदित है कि यह चिकित्सालय प्रथम श्रेणी का चिकित्सालय है एवं यहाँ चिकित्सा की सभी सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, लेकिन बच्चों के प्रवेश एवं निदान के लिए कोई अलग से वार्ड नहीं है। अतः परिस्थितियों एवं क्षेत्रीय माँग को दृष्टि में रखते हुए इस चिकित्सालय में 50 बेडयुक्त बच्चों के लिए एक अतिरिक्त वार्ड निर्माण की अविलम्ब आवश्यकता है। कृपया 50 शय्याओं के एक वार्ड निर्माण हेतु अतिरिक्त अनुदान राशि की व्यवस्था करा कर इस आवश्यकता को पूरा कराने का कष्ट करें।

श्री ओ पी गुप्ता साहब                                                   आपका शुभेच्छु निदेशक                                                                        हस्ताक्षर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य                                                    (डाॅ. रामलाल वर्मा) राजस्थान सरकार, जयपुर।

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Formal Letter in Hindi

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औपचारिक पत्र  Formal Letter in Hindi format, Types, Examples

हिंदी पत्र लेखन  –  Hindi Letter Writing

Formal Letter in Hindi – औपचारिक पत्र – Hindi Letter writing or writing letters in any language is an art and we know that all these letters have a pre-specified format. Formal letters are specially written to authorities such as leave application to the school authorities, letter to the editor of a newspaper, or application to any government departments so that they stay on record. Here we have tried to let you know the correct format and language of formal letters in Hindi with examples.

  • औपचारिक पत्र video
  • पत्र की आवश्यकता क्यों है?
  • पत्रों के प्रकार
  • Leave application samples (Hindi)

Aupcharik patr FAQs

औपचारिक पत्र  letter writing in hindi – see video for explanation and summary of the formal letter.

Letter Writing in Hindi – पत्र-लेखन

Formal Letter in Hindi – हिंदी में पत्र लेखन एक कला है इसलिए पत्र लिखते समय पत्र में सहज, सरल तथा सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिससे पत्र को प्राप्त करने वाला पत्र में व्यक्त भावों को अच्छी प्रकार से समझ सकें।

पत्र-लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है।

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पत्र की आवश्यकता क्यों है? 

दूर रहने वाले अपने सबंधियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए और अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं। आजकल हमारे पास बातचीत करने के लिए, हालचाल जानने के लिए अनेक आधुनिक साधन उपलब्ध हैं, जैसे- टेलीफ़ोन, मोबाइल फ़ोन, ईमेल आदि।

प्रश्न यह उठता है कि फिर भी पत्र-लेखन सीखना क्यों आवश्यक है? पत्र लिखना महत्वपूर्ण ही नहीं अत्यंत आवश्यक भी है, फ़ोन आदि पर बातचीत अस्थायी होती है, इसके विपरीत लिखित दस्तावेज स्थायी रूप ले लेता है। उदाहरण- जब आप विद्यालय नहीं जा पाते, तब अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र लिखना पड़ता है।

Type of Letters – पत्रों के प्रकार –

मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है –

(1) औपचारिक-पत्र (2) अनौपचारिक-पत्र

औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों में अंतर- (Difference between formal and informal letter)

औपचारिक पत्र (Formal letter) –

औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। इन पत्रों में केवल काम या अपनी समस्या के बारे में ही बात कही जाती है।

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अनौपचारिक पत्र (informal letter) –

अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध रहता है। अनौपचारिक पत्र अपने परिवार के लोगों को जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सगे-सम्बन्धिओं और मित्रों को उनका हालचाल पूछने, निमंत्रण देने और सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं। इन पत्रों में भाषा के प्रयोग में थोड़ी ढ़ील की जा सकती है। इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातों का भी समावेश होता है।

औपचारिक पत्र format

औपचारिक पत्र किसे कहते हैं? ( formal letter)

यह पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। औपचारिक पत्रों में केवल काम से सम्बंधित बातों पर ध्यान दिया जाता है। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को ही अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें संक्षिप्तता अर्थात कम शब्दों ने केवल काम की बात करना, स्पष्टता अर्थात पत्र प्राप्त करने वालों को बात आसानी से समझ आये ऐसी भाषा का प्रयोग तथा स्वतः पूर्णता अर्थात पूरी बात एक ही पत्र में कहने की अपेक्षा (उम्मीद) की जाती है।

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Types of formal letter in Hindi – औपचारिक-पत्र के प्रकार

औपचारिक-पत्रों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है- (1) प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं। (2) कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं। (3) व्यवसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यवसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।

औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें –

(i) औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं। (ii) इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता। (iii) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए। (iv) पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए। (v) यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए। (vi) पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें। (vii) पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे। (viii) प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।

औपचारिक-पत्र FORMAT (प्रारूप) के निम्नलिखित सात अंग होते हैं –

(1) ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें। (2) विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें। (3) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें। (4) विषय-वस्तु – इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए- पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें। दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें। (5) हस्ताक्षर व नाम – धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें। (6) प्रेषक का पता – शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि। (7) दिनांक ।

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औपचारिक-पत्र की प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन व समाप्ति में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए- प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द) – श्रीमान, श्रीयुत, मान्यवर, महोदय आदि। अभिवादन – औपचारिक-पत्रों में अभिवादन नहीं लिखा जाता। समाप्ति – आपका आज्ञाकारी शिष्य/आज्ञाकारिणी शिष्या, भवदीय/भवदीया, निवेदक/निवेदिका, शुभचिंतक, प्रार्थी आदि।

Leave application samples (Hindi Letter Writing Examples)

हिंदी में पत्र लेखन के उदहारण.

1. भाई के विवाह के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु आवेदन पत्र 

 2. कोविड होने के कारन प्रधानाचार्या को आकाश हेतु प्रार्थना पत्र 

3. बीमार होने के कारण प्राचार्य को दो दिन के अवकाश का प्रार्थना पत्र 

4. बहन की सगाई में शामिल होने के लिए दो दिन के अवकाश हेतु पत्र 

5. मंकी पॉक्स वायरस से बीमार होने के कारण स्कूल टीचर द्वारा प्रधानध्याकपक को पत्र 

6. शादी में शामिल होने के लिए दफ्तर को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र 

7. मातृत्व अवकाश हेतु दफ्तर में प्रार्थना पत्र 

8. लेक्चरर द्वारा कॉलेज प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु पत्र 

9. भाई की सगाई में शामिल होने हेतु दफ्तर को अवकाश हेतु पत्र 

10. स्वयं की शादी के लिए अवकाश हेतु दफ्तर को प्रार्थना पत्र 

  • आप निधि/नवीन ग्लोबल स्कूल, मेरठ की छात्रा हैं। दिल्ली में अपने चचेरे भाई के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानाध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखिए।

श्रीमान प्रधानाध्यापक  

ग्लोबल स्कूल

विषय- अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र। 

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10वीं की छात्रा हूं। महोदय, मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि मेरी चचेरी बहन की शादी तय हो गई है और विवाह समारोह दिनांक 22/12/22 को दिल्ली में होना प्रस्तावित है। यह हमारे परिवार की पहली शादी हैं जिसमें परिवार के सभी छोटे-बड़े सदस्य आने वाले हैं, अतः मैं भी इस पारिवारिक प्रसंग में शामिल होना चाहती हूं। इसी कारणवश मैं दिनांक 15/12/22 से 25/12/22 तक अवकाश लेना चाहती हूं । मैं जानती हूं इस बार दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक है किंतु मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि विवाह समारोह से वापस आकर मैं मन लगाकर पढ़ाई करूंगी और दसवीं की परीक्षा उत्कृष्ट नंबरों से उत्तीर्ण करूंगी ।

अतः आपसे निवेदन है कि उक्त दिनांक तक मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। 

आपकी आज्ञाकारी छात्रा 

कक्षा -दसवीं 

रोल नंबर -1111111

दिनांक- 06/12/22

  • . आप रमेश/राधा, पीपीएस, करनाल के छात्र हैं।  प्रधानाचार्य को सूचित करें कि आप COVID पॉजिटिव हैं और दो सप्ताह के लिए चिकित्सा आधार पर अवकाश प्राप्त करना चाहते हैं, इस हेतु आवेदन पत्र लिखिए।

श्रीमान प्रधानाचार्य ‌

पी पी एस‌ स्कूल

करनाल, हरियाणा

विषय – अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र। 

सविनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत छात्र हूं। महोदय जी मेरा स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा है,‌ सर्दी-खांसी के लक्षण है। अतः डॉक्टर साहब से जांच करवाने गया,‌ पर उन्होंने कोविड-19 टेस्ट करवाने की सलाह दी और कल ही मेरी रिपोर्ट आई है । माननीय मेरी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, मुझे कोरोना हो गया है । डॉक्टर साहब ने मुझे घर पर ही आइसोलेट रहने  और आराम करने की सलाह दी है।

अतः इस कारणवश मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं ।  इसी कारणवश मैं दिनांक 16/06/22 से 30/06/22 तक अवकाश लेना चाहती हूं ।अतः आपसे निवेदन है कि मुझे लगभग 2 सप्ताह का चिकित्सकीय अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

कक्षा- दसवीं 

रोल नंबर- 1111111

दिनांक- 16/06/22

  • . आप दिल्ली के पलाश पब्लिक स्कूल के छात्र जीना है। आप बीमार हैं और आपको दो दिनों के लिए स्कूल से छुट्टी चाहिए। इसके लिए प्राचार्य को आवेदन पत्र लिखिए।

श्रीमान प्राचार्य महोदय 

पलाश पब्लिक स्कूल

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा नवमी का छात्र हूं । अचानक मेरा स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण, मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं । मैंने डॉक्टर से जांच भी करवाई हैं और उन्होंने कुछ दवाइयां दी है और घर पर आराम करने को कहा है। अतः इस कारणवश मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं।

अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे दिनांक 20/07/22 और 21/07/22 दो दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा ।

आपका आज्ञाकारी छात्र

 कक्षा- नवमी अ 

रोल नंबर 22522555

दिनांक  19/07/22

  • आपकी चचेरी बहन की सगाई हो रही है और आपको जयपुर के समारोह में शामिल होना है।  आप मोहन, जैन विद्यालय, आगरा के छात्र हैं।  प्रधानाध्यापक को दो दिन की छुट्टी के लिए पत्र लिखिए।

जैन विद्यालय

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में अध्यनरत छात्र हूं। मुझे यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि मेरी चचेरी बहन की सगाई तय हो गई हैं और यह कार्यक्रम जयपुर में होने जा रहा हैं । यह हमारे परिवार का पहला वैवाहिक प्रसंग हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मौजूद होंगे और दुल्हन का भाई होने के नाते मुझे भी कई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, सगाई की तैयारियों में मुझे भी मेरा दायित्व निभाना हैं। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि इस कार्यक्रम से मेरी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी। अपना कक्षा कार्य मैं समारोह से आने के पश्चात पूरा कर लूंगा । आपको शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा।

अतः महोदय जी से निवेदन है कि मुझे दिनांक 09/08/22 और 10/08/22 दो दिनों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

 कक्षा- ग्यारहवी

दिनांक  07/08/22

  • आप एक स्कूल टीचर‌ है जिनका नाम मधुलिका हैं । आप मंकी पॉक्स वायरस के कारण बीमार हैं और डॉक्टर ने दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन रहने की सलाह दी है।  विद्यालय के प्रधानाध्यापक को इस बारे में सूचित करते हुए अवकाश हेतु आवेदन पत्र लिखिए।

श्रीमान प्राचार्य महोदय

दिल्ली पब्लिक स्कूल

दिनांक  16/10/22

विनम्र निवेदन है मैं आपके विद्यालय में गणित विषय की प्राध्यापिका हूं। मैं कक्षा छठवीं से दसवीं तक के बच्चों को गणित पढ़ाती हूं । महोदय कुछ दिनों से मैं स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना कर रही हूं और शरीर पर जगह-जगह दाने निकल आए हैं। डॉक्टर से जांच करवाने पर पुष्टि हुई कि मुझे मंकी पॉक्स वायरस हुआ है और इस वजह से मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हुई है। मेरी तरह किसी और को यह वायरस ना हो इसलिए मैं घर पर ही आराम करना चाहती हूं । डॉक्टर ने मुझे लगभग दो हफ्ते तक घर पर ही क्वारंटाइन रहने की सलाह दी है। अतः ऐसी अवस्था में विद्यालय आकर अध्यापन कार्य करने में असमर्थ हूं ।

अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे स्वास्थ्य लाभ हेतु 17/10/22 से 02/11/22 तक दो हफ्तों का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

गणित अध्यापिका

  • आप भारत के महाधिवक्ता के कार्यालय में लेखाकार के रूप में कार्यरत हैं।  आप 1 सप्ताह के लिए छुट्टी चाहते हैं क्योंकि आपको एक शादी समारोह में शामिल होना है।  इसके लिए अपने कार्यालय प्रभारी को पत्र लिखिए।

श्रीमान कार्यालय प्रभारी

महाधिवक्ता कार्यालय

दिनांक  24/12/22

विषय – एक सप्ताह का अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र। 

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके ऑफिस में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हूं। माननीय मेरे परिवार में एक मांगलिक कार्यक्रम होने जा रहा है, गत 10 वर्षों पश्चात पहली बार यह शुभ अवसर आया है कि परिवार के सभी गणमान्य सदस्य एक साथ होंगे। अतः मैं भी इस विवाह समारोह में शामिल होना चाहता हूं। जिस हेतु  दिनांक 25/12/22 से 30/12/22 तक एक हफ्ते का अवकाश प्रार्थना पत्र आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। साथ ही‌ आपको शादी का आमंत्रण पत्र प्रेषित कर रहा हूं, आपको सपरिवार आना हैं। इस मांगलिक कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति मेरे लिए अनुकरणीय होगी ।

महोदय निवेदन हैं कि इस आवेदन पत्र पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाने की कृपा करें।  मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा। 

श्रीकांत शर्मा

जूनियर अकाउंटेंट

  • आप गरिमा हैं, XYZ सॉफ्टेक में सीनियर  कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हैं।  कंपनी पॉलिसी के अनुसार छह माह के मातृत्व अवकाश की मांग करते हुए एच आर डिपार्टमेंट को पत्र लिखिए।  आवश्यक विवरण भी‌‌ दें।

श्रीमान एच आर

XYZ सॉफ्टेक कंपनी

दिनांक  08/09/22

विषय – मातृत्व अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र। 

सविनय निवेदन हैं कि मैं आपकी कंपनी में सीनियर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं । महोदय मैं आपको इस शुभ सूचना से अवगत कराना चाहती हूं कि मैं मां बनने वाली हूं।  शादी के पांच साल बाद मैं अपनी पहली संतान को जन्म देने वाली हूं। मैंने कल ही डॉक्टर से जांच करवाई है, सब कुछ ठीक है और उन्होंने मुझे आराम करने की सलाह दी हैं ।  अब‌ मैं ‌कुछ माह अपने घर पर आराम करना चाहती हूं ताकि अपना और अपने आने वाले बच्चे की सेहत का अच्छे से ख्याल रख सकूं। 

महोदय मैं आपका ध्यान अपनी कंपनी की पॉलिसी पर आकर्षित करवाना चाहती हूं जिसमें यह स्पष्ट लिखा हैं कि गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम छः माह का मातृत्व अवकाश निश्चित दिया जाना चाहिए।  इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैं आपसे इस अवकाश की मांग कर रही हूं।

आशा करती हूं आप मेरे इस आवेदन पत्र को स्वीकार करेंगे और मुझे छः माह (जुलाई से दिसंबर तक) का मातृत्व अवकाश देने की कृपा करेंगे।

सीनियर कंटेंट राइटर

  • आप एबीसी हैं, गवर्नमेंट कॉलेज, मोहाली में लेक्चरर हैं।  प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर सूचित करें कि आपके पास 6 अर्जित अवकाश हैं और सूरजकुंड मेले में भाग लेने के लिए एक सप्ताह की छुट्टी चाहते हैं जहाँ आपके भाई ने हस्तशिल्प की दुकान लगाई है।

श्रीमान प्रधानाचार्य 

गवर्नमेंट कॉलेज 

दिनांक 28/11/22

सविनय निवेदन है कि मैं आपके कॉलेज में साइंस लेक्चरर के पद पर गत‌ 2 वर्षों से कार्यरत हूं । महोदय मैं आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूं कि लेक्चर को शासन द्वारा  साल भर के लिए दी गई कुल छुट्टियों में से अभी मेरे हिस्से में 6 छुट्टियां शेष है । जिनका मैं सदुपयोग करना चाहता हूं अर्थात मैं एक साथ 6 दिन का अवकाश लेना चाहता हूं। दरअसल मेरे छोटे भाई ने सूरजकुंड मेले में हस्तशिल्प कलाकृतियों का स्टॉल लगाया है। अतः मैं उस मेले में शामिल होकर अपने भाई का उत्साहवर्धन करना चाहती हूं। इस कारणवश 6 दिन का अवकाश लेना चाहता हूं। कॉलेज में अभी सेमेस्टर ब्रेक चल रहे हैं और रेगूलर कक्षाएं भी अभी शुरू नहीं हुई हैं । 

अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे दिनांक 2‌9/11/22‌ से 04/12/2 2 तक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा।

साइंस लेक्चरर

  • आप कोला ड्रिंक्स कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रहे हैं।  आपको अपने भाई की सगाई में शामिल होना है। दो दिन के अवकाश की मांग करते हुए एचआर‌ को पत्र लिखिए।

श्रीमान एचआर‌‌

कोला ड्रिंक्स कंपनी

दिनांक 20/12/22

सविनय निवेदन है कि मैं आपकी कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर गत‌ 5 वर्षों से कार्यरत हूं । महोदय मुझे आपको यह‌ बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरे बड़े भाई की सगाई तय हो गई है और पंडित जी ने इसी माह की 25 तारीख का शुभ मुहूर्त निकाला है। बहुत समय‌ बाद‌‌ परिवार में ऐसा शुभ प्रसंग होने जा रहा है। अतः मेरा इस‌‌ कार्यक्रम में शामिल होना अत्यंत आवश्यक है । समय बहुत कम है और कई तैयारियां करनी हैं। 

अतः‌ महोदय से निवेदन है कि कृपया कर मुझे  दिनांक 24/12/22 और 25/12/22 का‌ अवकाश प्रदान करने का कष्ट करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूंगा।

सौरभ भारद्वाज

मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव

  • आप RIZ India Ltd में एक तकनीकी सहायक के रूप में कार्यरत हैं। आपको एक महीने की छुट्टी चाहिए क्योंकि आपकी शादी हो रही है।  इसके लिए सभी आवश्यक विवरणों के साथ एक पत्र लिखें।

RIZ India Ltd

दिनांक 01/10/22

सविनय निवेदन है कि मैं आपकी कंपनी में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर गत‌ 1 वर्ष से ‌ कार्यरत हूं । मुझे बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरा विवाह तय हो गया है। कन्या, दिल्ली की रहने वाली है और हमें परिवार सहित बारात लेकर दिल्ली रवाना होना है और विवाह की ढेर सारी तैयारियां भी करनी है। महोदय मैं मेरे घर का इकलौता बेटा हूं और इस वजह से मेरे ऊपर कई जिम्मेदारियां भी है और विवाह की तैयारी हेतु बहुत ही कम समय शेष है । 

पंडित जी ने अगले महीने की 10 तारीख का शुभ मुहूर्त निकाला है । समय बहुत ही कम बचा है और कई सारी तैयारियां करनी है। इस कारणवश मैं  एक माह का‌‌ अवकाश लेना चाहता हूं । ताकि सारे काम अपनी देखरेख में सुचारू रूप से संपन्न करवा सकूं।

मैं आपको शादी का कार्ड भी भेजूंगा, आपको सपरिवार आना है। आप की उपस्थिति मेरे लिए अनुकरणीय होगी।

अतः महोदय से निवेदन है कि मुझे एक माह का‌ वैवाहिक अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

तकनीकी सहायक

औपचारिक-पत्र के उदाहरण – Examples of Formal Letter in Hindi

प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र का प्रारूप- सेवा में, प्रधानाचार्य, विद्यालय का नाम व पता…………. विषय- (पत्र लिखने के कारण)। महोदय जी, पहला अनुच्छेद …………………. दूसरा अनुच्छेद …………………. आपका आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या, क० ख० ग० कक्षा…………………. दिनांक ………………….

Example – उदाहरण: दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।

प्रधानाचार्य मोहदय, डी.ए.वी. स्कूल, रामनगर (दिल्ली)

विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र।

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है। जिसकी दिनांक 10/09/2018 और 11/09/2018 निश्चित हुई है, मैं अपने पिता का इकलौता पुत्र हूँ, अतः शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इसी कारण मुझे 08/09/2018 से 12/09/2018 तक का अवकाश चाहिए। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य, नाम – स्वाधीन शर्मा कक्षा – 10वीं रोल नंबर – 34 दिनांक – 07/09/2018

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कार्यालयी-पत्र का प्रारूप – सेवा में, प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार), कार्यालय का नाम व पता…………. दिनांक…………. विषय- (पत्र लिखने के कारण)। महोदय, पहला अनुच्छेद …………………. दूसरा अनुच्छेद …………………. समाप्ति (धन्यवाद/आभार) भवदीय/भवदीया (नाम,पता,फोन नम्बर)

Example – उदाहरण: बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए। सेवा में, अध्यक्ष, हिमाचल राज्य परिवहन निगम, शिमला। दिनांक- 25 अप्रैल, 2019

हिंदी में पत्र लेखन – औपचारिक पत्र  के उदहारण

विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना।

कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया। मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था। मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ। धन्यवाद। भवदीय रमेश कुमार 38/5 हीमुंडा कॉलोनी, शिमला। दूरभाष – xxxxxxxxxx

Example – उदाहरण: आपके नाम से प्रेषित एक हजार रु. के मनीआर्डर की प्राप्ति न होने का शिकायत पत्र अधीक्षक पोस्ट आफिस को लिखिए। सेवा में, अधीक्षक, मुख्य डाकघर, बरेली दिनांक-25 अप्रैल, 2019

विषय- मनीआर्डर की प्राप्ति नहीं होने पर कार्यवाही हेतु पत्र।

मैं बरेली का रहने वाला हूँ। मेरे घर से मेरे पिताजी ने दिनांक 3 अप्रैल, 2019 को 1000 रुपये का मनीआर्डर (रसीद संख्या xxxx) किया था। परन्तु अभी तक यह मनीआर्डर मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। इस विषय पर मैंने अपने क्षेत्र के पोस्ट आफिस के स्टाफ से संपर्क किया। परन्तु उनका कहना है कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है। हमारा परिवार बहुत गरीब है और पिताजी दिहाड़ी की मजदूरी मेहनत करके मुझे पैसे भेजते हैं। आपसे निवेदन है कि इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएं और जल्द-से-जल्द मुझे मनीआर्डर वाले पैसे दिलवाएं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मेरी इस समस्या पर ध्यान देते हुए, उचित कार्यवाही करेंगे। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा। धन्यवाद। भवदीय रामप्रकाश 47, अशोक नगर बरेली। दूरभाष – 98723xxxxxx

यदि आप परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं तो पत्र का प्रारूप कुछ इस तरह से होगा – परीक्षा भवन, अ. ब. स. दिनांक -…… सेवा में, प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार), कार्यालय का नाम व पता…………. विषय- (पत्र लिखने के कारण)। महोदय, पहला अनुच्छेद …………………. दूसरा अनुच्छेद …………………. समाप्ति (धन्यवाद/आभार) भवदीय/भवदीया (नाम,पता,फोन नम्बर)

Example – उदाहरण: नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रबंधक को पत्र लिखकर हिंदी में प्रकाशित नवीनतम बाल साहित्य की पुस्तकें भेजने हेतु अनुरोध कीजिए।

परीक्षा भवन, अ. ब. स.(परीक्षा भवन का नाम) दिनांक -25 अप्रैल, 2019 सेवा में, प्रबंधक नेशनल बुक ट्रस्ट मुख्य डाकघर नई दिल्ली।

विषय – पुस्तक मंगवाने हेतु प्रार्थना-पत्र।

हमने छोटे बच्चों के लिए एक सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत की है। जिसमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, रामायण व महाभारत संबंधित पुस्तकों का संकलन होगा। मुझे निम्नलिखित दस पुस्तकें शीघ्र भिजवा दें। इस आर्डर की पुस्तकों की कीमत की राशि 2000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट नं xxxxx दिनांक 20 अप्रैल, 2019 इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ। पुस्तकें भेजते हुए पहले यह सुनिश्चित कर लीजियेगा कि पुस्तकें अंदर से या बाहर से कटी-फटी न हों और सभी पुस्तकों पर कवर लगा हुआ हो। आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि सारी पुस्तकें बच्चों के सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए हैं, अतः हमारे द्वारा माँगी गई सभी किताबों, पत्र-पत्रिकाओं पर जितनी हो सके उतनी छूट दें। आपसे विनम्र निवेदन है जितनी शीघ्र हो सके, निम्न पुस्तकों की 5-5 प्रतियाँ भिजवा दें – 1- मन्दाकिनी 2- अमन, प्रेम व आजादी 3- चम्पक 4- चन्द्रकान्ता 5- नन्दन 6- पंचतन्त्र की कहानियाँ 7- बच्चों की जातक कथाएँ 8- जंगल बुक 9- सिंहासन बत्तीसी 10- हितोपदेश धन्यवाद। सचिव, सार्वजनिक पुस्तकालय मनीआर्डर भेजने का पता – प्रकाश चौधरी नई दिल्ली।

Example – उदाहरण: विद्यालय में योग-शिक्षा का महत्त्व बताते हुए किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए। सेवा में, सम्पादक महोदय, दैनिक जागरण, सेक्टर 30, दिनांक-26 अप्रैल, 2019 चण्डीग़ढ़, ज़िरखपूर।

विषय- योग-शिक्षा का महत्त्व।

जान-जान की आवाज, जान-जान तक पहुँचाने के लिए प्रसिद्ध आपके पत्र के माध्यम से मैं विद्यालय में योग-शिक्षा के महत्त्व को बताना चाहती हूँ और प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाना चाहती हूँ। योग-शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगें। योग शिक्षा उनके स्वास्थय के लिए बहुत अधिक लाभदायक है। योग के माध्यम से वे अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर सकते हैं। योग के जरिए वे अपने तन-मन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं और उनके सर्वांगीण विकास में भी सहायता मिलती रहेगी। आपसे विनम्र निवेदन है कि आप अपने समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों को योग के प्रति जागरूक करे और लोगों को योग-शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह करें। धन्यवाद। भवदीया (नाम, पता, दूरभाष)

Q1 औपचारिक पत्र किसे कहते हैं ? उतर – किसी भी छात्र/व्यक्ति द्वारा प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र, व्यवसाय से संबंधी या सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र इत्यादि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों में सरल एवं विनम्र भाषा का प्रयोग करते हुए सिर्फ काम या समस्याओं की बात की जाती है।

Q2 औपचारिक पत्र किसे भेजा जाता है ? उतर – औपचारिक पत्र स्कूल के प्रिंसिपल, कॉलेज में प्रोफेसर या डीन और व्यवसाय में HR या मैनेजर को भेजा जाता है। अथवा किसी भी स्कूल/कॉलेज, दफ्तर/कार्यालय या संस्था के हेड व्यक्ति को औपचारिक पत्र भेजा जाता है।

Q3 औपचारिक पत्र का प्रारूप बताइये। उतर – औपचारिक पत्र के प्रारूप निम्नलिखित हैं – (1) सबसे पहले ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिखकर पत्र की शुरुआत करें। (2) विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें। (3) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करें। (4) विषय-वस्तु– इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए- पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें। दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें। (5) हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें। (6) प्रेषक का पता– शहर का मोहल्ला/इलाका, शहर, पिन कोड आदि। (7) दिनांक।

Q4 क्या मित्र को औपचारिक पत्र भेज सकते हैं ? उतर – नहीं

Q5 औपचारिक पत्र के मुख्य विषय बताइये। उतर – औपचारिक पत्र के मुख्य विषय निम्नलिखित है- 1. बहन/भाई के विवाह के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु आवेदन पत्र 2. अचानक कहीं जाना हो इसके लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र 3. बीमार होने के कारण आचार्य को दो/तीन दिन के अवकाश का प्रार्थना पत्र 4. बहन की सगाई में शामिल होने के लिए एक दिन के अवकाश हेतु पत्र 5. चिकन पॉक्स/कोविड से संक्रमित होने पर स्कूल टीचर द्वारा प्रधानाध्यापक को पत्र 6. शादी समारोह में शामिल होने के लिए दफ्तर को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र 7. लेक्चरर द्वारा कॉलेज प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु पत्र 8. भाई की सगाई में शामिल होने हेतु दफ्तर को अवकाश हेतु पत्र 9. स्वयं की शादी के लिए अवकाश हेतु दफ्तर को प्रार्थना पत्र 10. मातृत्व अवकाश हेतु दफ्तर में प्रार्थना पत्र

Q6 क्लास १० में औपचारिक पत्र के प्रश्न के बारे में बताइये। उतर – क्लास 10 में अभिव्यक्ति की क्षमता पर केंद्रित एक औपचारिक पत्र का प्रश्न पूछा जाता है जो 5 अंकों लिए होता है और लगभग 100 शब्दों में उत्तर देना होता है।

Q7 औपचारिक पत्र के कितने प्रकार हैं ? उतर – औपचारिक पत्र तीन प्रकार के होते है। (1) प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं। (2) कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी कामकाज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और आचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं। (3) व्यावसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेनदेन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यावसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।

Q8 फॉर्मल लेटर कैसे लिखा जाता है ? उतर – फॉर्मल लेटर में सबसे पहले ‘सेवा में’ लिख कर पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिखा जाता है। उसके बाद पत्र का विषय, फिर उसके नीचे संबोधन (महोदय/महोदया, माननीय) लिखा जाता है। फिर उसके नीचे ‘सविनय निवेदन यह है कि’ लिख कर अपनी समस्या के बारे में लिखा जाता है। अंत में अपना हस्ताक्षर और नाम लिख कर पत्र को समाप्त कर दिया जाता है।

Q9 इंग्लिश में औपचारिक पत्र को क्या कहते हैं ? उतर – इंग्लिश में औपचारिक पत्र को फॉर्मल लेटर कहते हैं।

Q10 फॉर्मल लेटर का अंत कैसे लिखा जाता है ? उतर – फॉर्मल लेटर का अंत अगर पत्र प्रिंसिपल को लिखा है तो आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा, कार्यालय प्रभारी को पत्र लिखा है तो भवदीय/भवदीया लिखकर अपने हस्ताक्षर किया जाता है तथा उसके नीचे अपना नाम लिखा जाता है। Top

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How to Write an Essay in Hindi – अच्छा निबंध कैसे लिखें

आज की कनेक्टेड दुनिया में निबंध लेखन एक मूल्यवान कौशल है जो शिक्षा जगत की सीमाओं से परे तक फैला हुआ है। चाहे आप असाइनमेंट पर काम करने वाले छात्र हों, पेशेवर क्राफ्टिंग रिपोर्ट, या आप कोई ऐसा व्यक्ति हैं जो विचारों को व्यक्त करना पसंद करता है, निबंध लेखन की कला में महारत हासिल करने से प्रभावी ढंग से संवाद करने की आपकी क्षमता में वृद्धि होती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम सीखेंगे कि how to write a good essay in Hindi in easy steps – सरल चरणों में एक अच्छा निबंध कैसे लिखा जाए।

निबंध क्या है और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

निबंध लेखन अभिव्यक्ति का एक रूप है जो आपको किसी विशिष्ट विषय पर अपने विचार, अंतर्दृष्टि और राय साझा करने की सुविधा देता है। निबंध आपको अपने विचारों को व्यवस्थित करने, तर्क प्रस्तुत करने और जानकारी को सुसंगत और संरचित तरीके से संप्रेषित करने में सक्षम बनाते हैं। उनका महत्व कक्षा से परे है; निबंध विभिन्न क्षेत्रों में संवाद करने, मनाने और प्रभावित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक शक्तिशाली उपकरण है। निबंध लेखन में महारत हासिल करके, आप अपने आप को एक ऐसे कौशल से लैस कर रहे हैं जिसका वास्तविक दुनिया में उपयोग होता है और जो लोगों पे स्थायी प्रभाव डालता है।

जरूर पढ़ें – How To Write A Letter in Hindi: Complete Guide.

Types of Essay – निबंध के प्रकार

यह विभिन्न प्रकार के होते हैं, प्रत्येक का अपना उद्देश्य और शैली होती है:

कथात्मक निबंध:

ये निबंध एक कहानी बताते हैं, जो अक्सर व्यक्तिगत अनुभवों से ली जाती है। वे ज्वलंत कल्पनाएं बनाकर और भावनाएं जगाकर पाठकों को बांधे रखते हैं।

व्याख्यात्मक निबंध:

व्याख्यात्मक निबंध का लक्ष्य सूचित करना और समझाना है। ये निबंध तर्कों का समर्थन करने के लिए तथ्यों और सबूतों पर भरोसा करते हुए, किसी विषय का संतुलित विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।

तर्कपूर्ण निबंध:

तर्कपूर्ण निबंध में, आप किसी विशेष मुद्दे पर एक रुख अपनाते हैं और अपने दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए तर्क प्रस्तुत करते हैं। इसका उद्देश्य पाठक को आपके दृष्टिकोण से सहमत होने के लिए राजी करना है।

प्रेरक निबंध:

तर्कपूर्ण निबंधों के समान, प्रेरक निबंधों का उद्देश्य पाठक को आश्वस्त करना है, लेकिन वे अक्सर तार्किक तर्क के साथ-साथ भावनात्मक अपील पर भी जोर देते हैं।

Important Tips for Writing Essay in Hindi – निबंध लिखने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

लेखन प्रक्रिया में गहराई से उतरने से पहले, आपका मार्गदर्शन करने के लिए इन आवश्यक युक्तियों पर विचार करें:

  • अपने दर्शकों को जानें: अपने निबंध को अपने इच्छित पाठकों के अनुरूप बनाएं। क्या वे क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं या जानकारी चाहने वाले सामान्य पाठक हैं?
  • एक स्पष्ट और प्रासंगिक विषय चुनें: एक ऐसा विषय चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जो आपके निबंध के उद्देश्य से मेल खाता हो। सुनिश्चित करें कि विषय न तो बहुत व्यापक हो और न ही बहुत संकीर्ण।
  • अपने निबंध की योजना बनाएं: एक स्पष्ट रूपरेखा बनाएं जिसमें एक अच्छी तरह से संरचित परिचय, तार्किक रूप से व्यवस्थित मुख्य पैराग्राफ और एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली निष्कर्ष शामिल हो।
  • एक मजबूत थीसिस कथन तैयार करें: आपका थीसिस कथन आपके निबंध की रीढ़ है। इसे आपके मुख्य तर्क को संक्षेप में प्रस्तुत करना चाहिए और आपके निबंध की दिशा का मार्गदर्शन करना चाहिए।
  • सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें: अपने लेखन में स्पष्टता के लिए प्रयास करें। ऐसे शब्दजाल या अत्यधिक जटिल शब्दों के प्रयोग से बचें जो आपके पाठकों को भ्रमित कर सकते हैं।
  • दिखाएँ, बताएं नहीं: केवल एक बिंदु बताने के बजाय, अपने पाठकों को आपके विचारों को अधिक प्रभावी ढंग से देखने और समझने में मदद करने के लिए वर्णनात्मक भाषा और उदाहरणों का उपयोग करें।

How To Write An Essay in Hindi Essential Steps – निबंध लेखन में आवश्यक कदम

एक अच्छी तरह से संरचित और सम्मोहक निबंध बनाने के लिए इन बुनियादी चरणों का पालन करें:

चरण 1 : निबंध लिखने से पहले – Before Writing Essay

  • विषय चयन: ऐसा विषय चुनें जो आपके अनुरूप हो और आपके उद्देश्य से मेल खाता हो। सुनिश्चित करें कि यह प्रासंगिक और दिलचस्प हो।
  • अनुसंधान : विभिन और प्रतिष्ठित स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करें और विस्तृत नोट्स लें। यह आपके निबंध का आधार बनेगा।
  • थीसिस वक्तव्य तैयार करना : एक स्पष्ट और संक्षिप्त थीसिस वक्तव्य विकसित करें जो आपके निबंध के मुख्य तर्क या संदेश को समाहित करता हो।

जरूर पढ़ें – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध, कारण, उपाय – Noise Pollution Essay in Hindi .

चरण 2 : निबंध लिखते समय – While Writing Essay

  • परिचय : एक मनोरम हुक के साथ शुरुआत करें, आवश्यक संदर्भ प्रदान करें और अपना थीसिस विवरण प्रस्तुत करें।
  • मुख्य पैराग्राफ : प्रत्येक पैराग्राफ को एक स्पष्ट विषय वाक्य से शुरू होना चाहिए जो मुख्य विचार का परिचय देता है। प्रासंगिक साक्ष्यों और उदाहरणों के साथ इस विचार का समर्थन करें।
  • परिवर्तन : अनुच्छेदों के बीच विचारों का सहज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए संक्रमणकालीन वाक्यांशों का उपयोग करें।
  • निष्कर्ष : अपने मुख्य बिंदुओं को सारांशित करें, अपनी थीसिस को दोबारा दोहराएं।

चरण 3 : संपादन एवं प्रूफरीडिंग – Editing and Proofreading

  • प्रूफरीडिंग : व्याकरण संबंधी त्रुटियों, वर्तनी की गलतियों और विराम चिह्न त्रुटियों के लिए अपने निबंध की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें।
  • स्पष्टता और सुसंगतता : सुनिश्चित करें कि आपके वाक्य और पैराग्राफ तार्किक रूप से जुड़े हुए हैं, जिससे पाठकों के लिए आपके तर्क का पालन करना आसान हो जाता है।
  • उद्धरण जाँच : साहित्यिक चोरी से बचने के लिए उचित उद्धरण शैली का उपयोग करके अपने स्रोतों को उचित रूप से उद्धृत करें।

List of Essays / Essay Topics

Important Tips on How to write an essay in Hindi by The Hindi Insider - Students Writing Essay

निबंध लेखन की कला में महारत हासिल करना एक मूल्यवान कौशल है जिसे कोई भी व्यक्ति अभ्यास और समर्पण के माध्यम से विकसित कर सकता है। विभिन्न निबंध प्रकारों को समझकर, आवश्यक चरणों का पालन करके और व्यावहारिक सुझावों को लागू करके, आप ऐसे निबंध बनाने में सक्षम होंगे जो आपके विचारों को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करेंगे।

Essay Writing in Hindi FAQs

मैं अपने निबंध के लिए एक अच्छा विषय कैसे चुनूँ? ऐसा विषय चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जो आपके निबंध के उद्देश्य से मेल खाता हो।

मैं अपना निबंध प्रभावी ढंग से कैसे शुरू करूं? एक मनोरम हुक से शुरुआत करें जो आपके पाठक का ध्यान खींचता है।

मैं अपने निबंध के मुख्य अनुच्छेदों को कैसे व्यवस्थित करूं? प्रत्येक अनुच्छेद को साक्ष्य और उदाहरणों द्वारा समर्थित एक विचार पर केंद्रित करना चाहिए।

मैं एक सम्मोहक निष्कर्ष कैसे लिखूं? अपने मुख्य बिंदुओं को सारांशित करें, अपनी थीसिस को दोबारा दोहराएं और पाठकों को एक विचारोत्तेजक अंतिम विचार छोड़ दें।

थीसिस कथन क्या है? थीसिस कथन एक संक्षिप्त वाक्य है जो आपके मुख्य विचार या तर्क को प्रस्तुत करता है।

मेरा निबंध की कितने लंबाई होनी चाहिए? निबंध की लंबाई अलग-अलग होती है, लेकिन अकादमिक निबंध आम तौर पर 500 से 800 शब्दों के होते हैं। अपने प्रशिक्षक द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।

मैं अपने निबंध की स्पष्टता कैसे सुधार सकता हूँ? स्पष्ट और सरल भाषा का प्रयोग करें और सुनिश्चित करें कि आपके विचार एक पैराग्राफ से दूसरे पैराग्राफ तक तार्किक रूप से प्रवाहित हों।

प्रूफ़रीडिंग का उद्देश्य क्या है? प्रूफरीडिंग आपको अपने निबंध में व्याकरण, वर्तनी और विराम चिह्न त्रुटियों को पकड़ने में मदद करती है।

अगर आपको how to write an essay in Hindi पर हमारा आर्टिकल पसंद आया तो कृपया कमेंट करें और इस पेज के लिंक को अपने दोस्तों और स्टूडेंट्स के साथ साझा करें।

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है और विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तथा भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया तथा इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Guide to Writing a Hindi Essay

Guide to Writing a Hindi Essay

Do you need help understanding the basics of writing a great essay in Hindi? It can be difficult to know where to begin, but this guide is here to help! In it, we’ll discuss all the steps necessary for creating an effective essay in Hindi. From researching your topic and developing an outline to crafting compelling sentences with accurate grammar and vocabulary – we’ve got you covered. So read on – let’s get started on that winning essay!

1. Introduction to Hindi Essay Writing

Essay Writing in Hindi Hindi is one of the most widely spoken languages on Earth and it has been used for centuries to communicate. It is also a popular language amongst essay writers, as they can express their ideas fluently with its distinctive dialects. Writing essays in Hindi may seem daunting but by following some simple steps you can become an expert at constructing effective essays.

The first step to writing a great essay in Hindi is understanding how to essay writing in Hindi correctly. This involves having an awareness of sentence structure, grammar rules, punctuation usage and appropriate vocabulary. You should pay close attention to the words you use so that your sentences are clear and concise without any errors or omissions. Additionally, when selecting topics for your essay consider relevant current events taking place around India which will be interesting for readers from all walks of life.

To ensure your final piece reads well incorporate various approaches into each component of the article such as description, narration and argumentation; this will help engage readers more actively with the content presented within it . Furthermore , how to write clearly using persuasive techniques needs practice ; take advantage of opportunities like testing out exercises online or joining clubs where members help each other during workshops dedicated towards learning about proper formatting rules . Lastly , try reading successful papers written by professionals who know how to effectively compose pieces focused on topics connected with different areas relating  to hindi literature – these resources provide insightful knowledge on how best utilize words creatively throughout entire articles while keeping syntax organized logically together so that audiences can understand points being conveyed accurately concerning issues discussed .

2. Research – Methods and Tools for Gathering Information

Primary Research Gathering of primary research is the foundation for all successful projects. Primary research can be conducted through direct observation and interviews, both on-site and online. Properly formulated interview questions should be used to elicit engaging responses from participants while efficiently obtaining the necessary information. Additionally, surveys are a great tool for collecting data that specifically answer certain defined parameters in an efficient manner.

Secondary Research Effective projects often include secondary sources such as books, academic articles, journal entries, websites, blogs etc., which provide valuable insight into context or background needed to support conclusions found via primary research methods. For example when researching how to essay writing in Hindi , one might use previous published works from past students who have tried their own attempts at it as guides towards completing its challenge more successfully with each iteration. Furthermore by reading up on existing work before beginning ones own project concerning this topic regardless of language concerned will give any researcher a better understanding regarding what has been done previously so they do not unintentionally repeat something already covered exhaustively.

Also critical analysis needs to be applied during the process of gathering data from these varied sources since much may have changed over time due to technological advancements alone; meaning new approaches besides old must also be taken into consideration when conducting valid research related t o how to essay writing in Hindi. .

3. Structuring Your Hindi Essay

Writing an essay in Hindi is a rewarding experience, but it can be challenging for students who are not familiar with the language. To tackle this challenge, there are certain steps that must be taken when structuring your essay.

  • Decide on your topic: Before you start writing, decide on the main idea or theme of your essay and make sure it ties into what you already know about Hindi.
  • Organize Your Ideas: After deciding the focus of your essay, come up with several points that relate to each other. Make sure they flow logically from one point to another so readers understand how each point relates back to the main concept.

Once these basic components have been established, you’re ready to get down to business! Find resources such as books and online articles related to “how-to” topics like grammar rules and sentence structure tips specific for writing an excellent Hindu Essay. When putting together all required elements (introduction body conclusion etc..) think about how these fit within expected conventions used in essays written by native speakers of hindi as outlined through various sources discussing “How To Write An Excellent Hindu Essay”. Additionally if needed consult reference material like dictionaries or grammar guides specifically designed for use while constructing complete sentences meaningfully expressing intended thoughts both audibly and visually.

4. Captivating the Reader with Engaging Content

Making Content Engaging Creating content that sparks interest and engages readers is essential for any writer. In order to captivate the reader, a few tips should be considered:

  • Write with purpose – ensure each sentence has a clear objective and moves your message forward.
  • Keep it concise – get to the point quickly without using unnecessary words or clauses.

Once these two elements are established, there are many techniques writers can use to keep their readers interested in reading further. In particular, Hindi essay writing provides several useful methods which writers of all backgrounds can apply – such as providing context before introducing one’s main topic or argument. Additionally, incorporating helpful visuals such as graphs and tables into posts can help convey complex ideas more easily while keeping readers engaged.

5. Crafting a Convincing Argument

A convincing argument should be based on facts, rationale, and logic. To craft a convincing argument it is important to consider the audience you are writing for as this can influence what points you should make and how strong they need to be. In addition, one must ensure that all statements made are accurate and supported by evidence.

  • Understand Your Audience:

It is important to understand who your audience will likely be when crafting an argument in order to tailor your message accordingly. Consider their background knowledge level of the subject at hand; if they have little understanding then further explanation may need to occur while those knowledgeable about the topic won’t require much elaboration. Additionally, take into account any potential bias or preconceived notions which could negatively affect reception of presented information.

  • Gather Supporting Evidence:

6. Review, Edit & Submit: Polishing Your Work of Art

Before submitting your work, it is essential to review, edit and proof read your essay. A great way of polishing your writing work of art is by following these steps:

  • Reread Your Work. Read out loud what you have written to pick up on any errors or clumsy phrasing that stands out when heard.
  • Check for Grammar & Spelling Errors. Utilize online resources like spell checkers and grammar tools if needed. For an extra set of eyes, get someone else to go over the paper with a fine-toothed comb.

.For those learning how to write essays in Hindi language specifically, utilize similar techniques such as reading aloud three times (पाठ की बारी तीन बा Results will vary greatly depending on the type of project being completed but reviewing each aspect carefully can save time later down the road%.

When edits are done, reread entire piece again thoroughly before submission – this final check ensures nothing has been missed or overlooked previously during editing process% Reviewing content also helps build confidence in author’s own ability/work which could help lead them closer towards success%. After completing all review steps mentioned above ensure that no further changes need be made then submit finished product knowing that special care was taken throughout entire process accordingly!

7 Lasting Impression: Making an Impact Through Your Writing

Writing is an essential tool for making a lasting impression. Whether it be in the form of creative writing, business communication or academic essays, effective and quality writing is key to having your work remembered. When undertaking this task it is important to keep these seven focus points in mind;

  • Audience: Clearly identify who you are writing for – tailoring language and information specific to their needs.
  • Structure: Plan out the content accordingly – use headings/subheadings along with bullet points where necessary as they help the reader understand your message quickly and easily.
  • Clarity & flow: Ensure that there are no grammar and spelling errors present. Make sure each sentence reads well flows from one idea to another without any abrupt changes in topic or style.

Building on those steps, here’s how you can make a lasting impact through your own writing;

Begin by researching extensively so that your facts are accurate enough to write confidently about them. Keep the audience in mind as every piece of written work should have purpose beyond just passing time — ask yourself whether what you’re saying dovetails into some larger goal? Break down complex ideas into smaller chunks so that readers don’t get lost while reading — adding visual elements such as graphs, charts etc can go a long way too! Finally end strong on whatever note serves best for its purpose but also ensure clarity with regards to call-to-action (if applicable). By following these simple practices you will be able create something which has potential timelessness associated with it ! We hope this guide has been of help to you as you start your journey into writing Hindi essays. After all, it is through our own language and expression that we get to express ourselves the best! So pick up a pen and paper, let those ideas flow in Hindi and watch them turn into something beautiful. Happy Writing!

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पत्र पर निबंध essay on letter in hindi

Essay on letter in hindi.

आज हम आपके लिए लाए हैं पत्र पर निबंध चलिए अब हम पढ़ेंगे पत्र पर निबंध ।

दोस्तों पुराने समय में जब किसी को कुछ खबर पहुंचाना पढ़ती थी तब कबूतरों को हम पत्र दे देते थे और कबूतर उस पत्र को उस व्यक्ति के पास पहुंचा देता था । वह व्यक्ति उस पत्र को पढ़कर उस पत्र का जवाब दूसरे पत्र में लिख कर उसी कबूतर को दे देता था और वह कबूतर उस पत्र को हमारे पास लेकर आ जाता था । इस तरह से हम एक दूसरे को खबर पहुंचाने का काम पहले किया करते थे । धीरे-धीरे यह दुनिया बदलती गई तब पत्र भेजने की प्रक्रिया भी धीरे-धीरे बदलती चली गई फिर डाकिया के द्वारा पत्र हमारे पास आने जाने लगे हैं । अब हम कोई पत्र किसी व्यक्ति को लिखते हैं तो वह पोस्ट ऑफिस में डाल देते हैं और पोस्ट ऑफिस उस पत्र को डाकिए के द्वारा सामने वाले व्यक्ति के पास पहुंचा देता है ।

essay on letter in hindi

पत्र लिखते समय हम सामने वाले व्यक्ति का हाल-चाल पूछते हैं । फिर उसके बाद अपने हाल-चाल बताते हैं और उस व्यक्ति को धन्यवाद देते हैं । पत्र कई तरह के लिखे जाते हैं यदि हमारे घर में किसी की शादी हो तो सामने वाले व्यक्ति को बुलाने के लिए हम पत्र लिखते हैं । पत्र में पहले हम अपना हाल बताते हैं इसके बाद उस व्यक्ति के बारे में पूछते हैं कि आपके परिवार में सभी कैसे हैं फिर उसको बताते हैं कि हमारे घर में शादी का माहौल है और उस शादी में आप और आपके परिवार को आमंत्रित किया जाता है । आप इस शादी में आकर चार चांद लगाएं । और भी तरह-तरह के पत्र लिखे जाते हैं जब हमें किसी व्यक्ति की याद आती है और उसका हालचाल पूछने के लिए हम उसको पत्र लिखते हैं तब पत्र उस व्यक्ति के पास पहुंचता है तो वह भी पत्र लिखता है । इस तरह से पत्र लिखने की परंपरा रही है । पुराने समय में पत्र पहुंचने में बहुत समय लग जाता था लेकिन आज स्पीड पोस्ट से हमारा पत्र बहुत ही जल्दी पहुंच जाता है और बहुत जल्दी जवाब आ जाता है । बदलती हुई दुनिया में पत्र ना जाने कहां लुप्त होते जा रहे हैं क्योंकि आज आदमी मोबाइल और ईमेल के जरिए बातचीत करने लगा है ।

जब मैं पढ़ाई करने के लिए बाहर गया था तब मैं हर महीने अपने घर पर पत्र लिखता था उस पत्र में मैं अपने हाल-चाल लिखता था जब मेरे द्वारा लिखा हुआ पत्र मेरे घर पर पहुंचता था तब मेरी मां बहुत ही खुश होती थी और वह भी पत्र लिखती थी । पत्र में यह पूछती थी कि तुम घर घूमने के लिए कब आओगे मैं अपने घर पर हर महीने पत्र लिखा करता था । जब मेरी मां के द्वारा लिखा हुआ पत्र मेरे पास पहुंचता था तब मुझे बड़ी खुशी होती थी और मुझे आनंद भी आता था । जब में उस पत्र को पड़ता था तो मुझे मेरी मां की बहुत याद आने लगती थी । मुझे ऐसा लगता था कि मैं अभी पढ़ाई छोड़ कर अपने घर चला जाऊं लेकिन उस पत्र में यह लिखा होता था कि तुम तुम्हारी पढ़ाई अच्छे से करना । हम सभी यहां पर ठीक है तुम भी अपना ख्याल रखना यह पढ़कर मुझे सिर्फ पढ़ाई करने की बात याद आ जाती थी । पहले जब हमारे पास तरह-तरह के संसाधन नहीं थे तब पत्र बहुत अच्छा साधन माना जाता था । जब हम घर से कहीं दूर रहते थे तब पत्र के द्वारा ही हम एक दूसरे से बात किया करते थे । आज सभी स्कूलों और विद्यालयों में भी पत्र पर निबंध लिखे जाते हैं एवं पत्र पर निबंध प्रतियोगिताएं भी की जाति हैं । हम सभी पांचवी कक्षा से ही पत्र लिखना सीख गए थे । हमें हर विषय पर पत्र लिखना आता है और यह हमें हमारे स्कूलों में सिखाया गया था ।

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल पत्र पर निबंध essay on letter in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद ।

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Type in hindi, type in english, get in hindi.

  • English To Hindi Typing
  • FREE English to Hindi Translation
  • Hindi Alphabet
  • Learn Hindi
  • Hindi Keyboard
  • Languages of India

Special Characters:

Independent vowels:, dependent vowels:, consonants:, additional consonants:, devanagari digit:.

Subscribe our Channel and Watch How to Type in Hindi Online

Word or two about our Hindi tool:

Features you should know:.

For example, typing "Aap Kasai hai?" becomes "आप कैसे हैं?" .
  • Use the backspace key or click on any words to get more choices of words on a dropdown menu.
  • Press (Ctrl + G) together to toggle (switch) between English and Hindi language.
  • Any text you type on the above text area is automatically saved on your computer for a week. This is useful in the event of a crash or sudden shutdown of your computer.
  • Easily copy or download Hindi text on your computer or mobile devices.
  • You can insert special characters (e.g. ।, ॐ, ॥, ॰) and many other Hindi characters by clicking on the help button - which is located just below the bottom right corner of the typing text area.
  • You can also send email in Hindi to your friends and family for FREE.
  • Finally, if you like to support us then please donate or buy us a coffee at ko-fi.com .

Hindi got its name from the Persian word Hind, which means ”land of the Indus River”. It is spoken by more than 528 million people as a first language and around 163 million use it as a second language in India, Bangladesh, Mauritius and other parts of South Asia.

Hindi is written with the Devanagari alphabet , developed from the Brahmi script in the 11th century AD. It contains 36 consonants and 12 vowels . In addition, it has its own representations of numbers that follow the Hindu-Arabic numeral system.

  • 14 Independent Vowels (१३ स्वर):  अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, ऋ, ॠ
  • 36 Consonants (३६ व्यंजन):  क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह
  • 3 Joint Words (संयुक्त अक्षर):  क्ष, त्र, ज्ञ
  • Full Stop (पूर्ण विराम):  ।
  • Numbers in Hindi (हिंदी में नंबर) :  १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९, ०, .

To give you an example, if you type in "Swagatam" it will be converted to "स्वागतम्" .

Additionally, you will get a list of matching words on the dropdown menu when you press backspace or click on the word.

Our Hindi transliteration also supports fuzzy phonetic mapping. This means you just type in the best guess of pronunciation in Latin letters and our tool will convert it into a closely matching Hindi word.

Hindi transliteration is a process of phonetically converting similar-sounding characters and words from English to Hindi. For Example, you can type in " Aap kaise hain? " in Latin to get " आप कैसे हैं? ".

You can use our online Hindi input tool to transliterate unlimited Hindi words for FREE. Our online software is supported on both desktop and mobile devices such as Apple iPhone , Xiaomi Redmi Note , Samsung and more.

Hindi translation is a process of converting word or sentence from one language to Hindi and vice versa. For instance, typing " Hindi is spoken by 366 million people across the world. " in English will be translated into " दुनिया भर में ३६६ मिलियन लोगों द्वारा हिंदी बोली जाती है। ".

Our site uses machine translation powered by Google. You can use our online software to translate English to Hindi , Hindi to English , Hindi to Marathi , Hindi to Malayalam and many other languages for FREE.

Additionally, you can seek help from a professional translator for accurate translation. Use this link to order a professional translation by a human translator.

Hindi Unicode is a set of unique numeric values that is assigned to display Hindi characters , letters, digits and symbols. You can view the complete set of Hindi Unicode Character Code charts by visiting The Unicode Consortium .

Hindi Keyboard Layout with Kurti Dev font mapping.

Fig 1. Hindi Keyboard Layout for Kurti Dev and Delvys Font

Kurti Dev Font Keyboard Layout with Dark Background Theme

Fig 2. The Hindi Keyboard Layout for Devanagari Kurti Dev Font

Currency Unit Indian Rs.
U. S Dollar 1 Dollar ($)
UK Pound 1 Pound (£)
Euro 1 Euro
Saudi Riyal 1 S. Riyal
Bahrain Dinar 1 Dinar
Qatari Riyal 1 Q. Riyal
Welcome swagatam
स्वागतम्
Hello Namaste
नमस्ते
Thank you Dhanyabaad
धन्यवाद
Yes Haan
हाँ
No No
नहीं
Maybe Shaayad
शायद
Excuse me kshama keejiy!
क्षमा कीजिय!
Sorry maaf keejiye
माफ़ कीजिये
I love you main tumase pyaar karata hoon
मैं तुमसे प्यार करता हूँ

India Typing - Language Portal of India - Typing, Translate, Fonts

Hindi Typing - हिंदी टाइपिंग

Special characters:, independent vowels:, dependent vowels:, consonants:, additional consonants:.

Free Mobile App - Hindi Typing in Mobile Phone

Hindi Typing is very easy with above method. Just type in English as you type messages in Mobile and press space bar. It will convert in Hindi. If you think you don't get desired word, you can press backspace key to open word suggestion list from which you can select best fit word for your typing. Suggestions list will also appear when you click on that word with mouse.

India Typing is Free and Fastest method for Type in Hindi online - हिन्दी मे टाइप कैसे करे, without learning Hindi keyboard actually.

Type in English - "  nav varsh 2024 me aapka swagat hai "

Get in Hindi - "नव वर्ष २०२४ में आपका स्वागत है"

Hindi Typing

How to Type in Hindi

1. Type with your English keyboard and press space bar.

2. You will see your English typed word gets converted in Hindi.

3. If you not get desired word you can press backspace key to get more suggestion words, choose one from them. (To pop-up suggestion list you can click on particular word also)

4. If not found your desired word in suggestion list, try another combinations of English letters. This Hindi transliteration works on Phonetics so make English letters combination as the sound vibrates from your mouth.

5. Click on Help link placed on typing box you will get complete list of Hindi letters with corresponding English letters.

6. You can download your typed Hindi text as either notepad file (.txt) or MS-Word file (.doc).

7. After completing your Hindi typing work, you can make formatting also with open in editor option.

Convert Unicode Text in Krutidev Font

What you have typed here in Hindi is in Unicode Font, You can copy and paste it anywhere. However if you want the same in Krutidev font, You can always  convert Unicode Font in Krutidev  Check Here.

English to Hindi Translation

With above tool you have seen how Hindi can be typed using English. If you are looking for Hindi Translation you can check below given link:

English to Hindi Translation Free

Hindi Speech to Text

Getting bored with type on keyboard, or your fingers want's some rest, Why don't you try latest  Hindi speech to Text . Just Speak in Mic and the software will automatically type in Hindi for you !!!

New : Hindi Speech Typing in Mobile phone without Internet

Convert Devanagari to other Indian Scripts

You can convert your Hindi text in other Indian languages also. Like You can convert this text in Tamil, Telugu, Malayalam, Kannada, Gujarati, Oriya, Bengali, Punjabi etc.

Explore Hindi Typing

Hindi (हिंदी) is the third-most natively spoken language in the world. Almost 600 million (i.e. 60 Crore) people in India reported Hindi to be their native language. Hindi is written in Devanagari script ( देवनागरी लिपि ). Devanagari consists of 11 vowels and 33 consonants and is written from left to right.

Extra Knowledge : What we speak is language so "Hindi is language", and What we write is known as script, so "Devanagari is a script". We Speak Hindi and Write in Devanagari Script.

For more information about Hindi Alphabets and Letters Click on link

कंप्यूटर पर हिंदी में टायपिंग करना बहुत आसान बना दिया है - Hindi Typing on Computer is a buzz keyword search on Google Now days. Everyone want to type in Hindi , on Facebook, Twitter, Blogs, Comments, Webpages, MS Word or in many more applications. Here we have given easy Hindi Typing software that work's online and provides fast and accurate Hindi typing. The Online Hindi Typing you made here is typed in Unicode Hindi Font, so you can use it anywhere on the digital world. There are no. of methods to type in Hindi. Here the List:

1. Hindi Transliteration Software

Its fastest and simplest method of Hindi Typing without actually practice any keyboard. Hindi Transliteration software works on Phonetics. What you typed in Roman script is converted into Devanagari script. Means you type from you qwerty keyboard and software will convert it in Devanagari script. Some symbols like, Purn Viram and Deergh Viram, OM sign, etc. can be made using button given above. so when you have to insert these characters press corresponding button on the screen.

2. Hindi Typing Using Krutidev or Devlys etc Font

Hindi Typing also possible using some legacy fonts - like Krutidev, Devlys and many more. Just simply download and install the Hindi font, open MS Word or Notepad, Select Krutidev as font family and start typing. But in this Krutidev Typing you have to learn or practice Keyboard, the traditional typewriter keyboard. Keyboard layout of typewriter keyboard or Remington Keyboard for Hindi Typing.

Read More About  Hindi Font  and  typewriter (Remington) Keyboard  

3. Hindi Typing Using Inscript Keyboard

Inscript Keyboard is Modern Keyboard Made by Indian Govt. and standardized for Hindi Typing using Unicode Technology. The Inscript Keyboard used Unicode Base Hindi font for Hindi Typing. To be type in Inscript Keyboard you have to enable Inscript Keyboard or Devanagari Inscript Keyboard on your computer system.

See Here Complete procedure of  Enabling Devanagari Inscript Keyboard

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});  

4. hindi typing using remington gail keyboard.

The Remington Gail Keyboard layout is actually the Modified layout of traditional Remington (typewriter) layout for Hindi Typing. The Traditional Layout Work's on legacy fonts while Remington Gail layout works on Unicode font. If we see in a while we found the both keyboard layout is similar but it's not true. The two key layout has many difference.

Read More About  Remington Gail Keyboard Layout  

hindi typing software download

Take a quick start with Hindi Language........

1. Hindi Alphabets

Hindi language written in Devanagari consists vowels and consonants. Let's explore Hindi alphabets .

2. Hindi Numbers

Hindi language has there own numeral symbols and counting system and units. Learn more about Hindi counting .

3. Hindi Punctuation Marks

Punctuation is the system of symbols that used to separate written sentences and parts of sentences, and to make their meaning clear. For better structuring of our typing we need to learn about Hindi punctuation marks .

Interesting Fact About Hindi

i. Hindi is the Third most spoken language in the world.

ii. Hindi language is spoken by more than 615 million (61.5 Crore) people globally.

iii. Hindi Spoken in India, Nepal, South Africa and Singapore.

iv. Hindi is official language of the India, Nepal and Fiji.

v. The first printed book in Hindi was John Gilchrist's Grammar of the Hindoostanee Language which was published in 1796.

vi. Hindi first started to be used in writing during the 4 th century AD. It was originally written with the Brahmi script but since the 11th century AD it has been written with the Devanagari alphabet.

Frequently Asked Questions ?

1. Is it safe type important document here on website ?

Yes, we respect your privacy and don't save your typed text on our server; actually we don't know what you are typing here. What you have typed is with your computer only.

2.  How the English to Hindi typing works ?

It is Hindi Transliteration, in fact it's a machine transliteration software as service, enables you to type in Hindi right from your English keyboard.

3. What is the difference between Hindi  transliteration and Hindi  translation ?

Transliteration  or transcription is the process of changing the script of words from one language to another language. While on another hand, a  translation  tells you the meaning of sentence in another language.

In Roman Alphabets - Corona se bachav ke liye tikakaran jaruri hai Hindi Transliteration (transcription) - कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरुरी है English Translation - Vaccination is necessary to avoid corona.

4. How to change font of Hindi text ?

What you have typed with English to Hindi converter is in Unicode font so its very portable means you can use this Hindi text anywhere on the digital world. You can copy from here and paste it on Facebook, WhatsApp, twitter, blogs, comment section at any site. You could download Hindi text in either as notepad file (.txt format) or document file (MS word).

If you are looking for change font of your typed content there is two option. First one is you can convert your Hindi text in ANSI Hindi font like "krutidev" or "devlys" with Unicode to Krutidev Converter tool. Second option you can change font after download in your system. After download Hindi text open with MS word or Notepad and change font family. You can download Hindi Unicode fonts from our website download menu.

5. Can I get my typed Hindi text in English also ?

Yes, you can get English translation of your text. Just copy the Hindi text you have typed and paste on Hindi to English translator tool. You will get translation in seconds.

6. Can I get Hindi text without type it ?

Necessity is the mother of invention. Yes we have an alternative for typing without keyboard, what you are looking for is Hindi voice typing . Let your mic to do typing for you, just speak and your speech will be typed automatically.

7. Why Use Indiatyping.com ?

We made website for spread the knowledge we have, so other people like you also gets benefit with that. We the team behind indiatyping.com believes that "Education should be free for all" and the best way to achieve this goal is "online education".

8. Country of Origin ?

This website is  made in India  with love.

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Date - May 7, 2023

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Date - Feb 24, 2023

Excellent writer, cuts down on working hours

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While Simplified has many other features besides its AI writer which I hope to explore in the future, as the owner of multiple health websites, I love how it handles writing technical and health content with ease.

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Date - May 2, 2023

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I reviewed several AI content writers and settled on Simplified. What I like best is it is so easy to use and yet gives you so many customizable options. It is sooooo quick and easy for beginners I would highly recommend it!

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Simplified is now an essential writing tool in my life. Better than ChatGPT which is already mind blowing in and of itself so that is saying a lot.

Joshua B.

Date - Mar 10, 2023

I loved the communication. AI including the diverse amount of options for generating!

Simplified allows anyone from a simple to an expert user of the AI—whether a beginner or expert writer—to use precise commands, prompts, context and lists to "communicate" with the said software to generate well-organised text that fits into whatever you form it to.

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Writing has always been the most labor-intensive and time-consuming part for creators. You can say goodbye to writer’s block with Smodin’s AI Writer. Smodin’s Artificial intelligence content generator makes content creation as simple as clicking a button. You will also be saving significant amounts of time, and, as it is written by artificial intelligence, the text is unlikely to be plagiarized, you will be generating original content in most cases. Content will come to you like magic and you will be able to get more traffic to your website. Our AI-written text generator writes your essays and articles quickly and easily in any language. It can also help you to generate marketing content for Facebook ads, Google ads, Amazon product descriptions, LinkedIn posts, and more.

What is a Text Generator?

A text generator is an online tool that uses AI and complex algorithms to generate a text from a shortly added seed of characters. A text generation tool carries all of the key points in a text over to the expanded version. The content you receive contains a complete expansion of the initial text you added.

Why should you use a text generator?

Writing is not natural for everyone, which means that some people struggle more than others. Generating text provides a simple step to ensure that you can create something with as little effort as possible. You don’t need to be a professional writer to create fascinating works. You don’t need to scan the Internet, your brain, friends, and online resources to check for ideas. Our text generation tool takes that time-consuming effort and puts it all on a single text. With just a few clicks, your text will be generated and ready for use or correction, thus saving you time, energy, and stress. Using the text generator tool can also help you learn and increase your imagination.

What content can a text generator write?

Our text generator can write all types of text, in multiple languages, you can use it to write blogs, articles, books, essays, below is a more in-depth list of what you can use the writer to write. it can also be used as a big source of inspiration, removing writer’s block, generating new ideas and unexpected outcomes.

Smodin Author Testimonials

From plagiarism-free homework essays to high-quality, unique articles for your blog, Smodin’s AI Writer can help you generate compelling, converting text that’s either descriptive or argumentative with just a few prompts from you. Generate marketing copy for ads, product descriptions, social media content, and more within minutes and in just a few clicks.

Write Essays

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Frequently Asked Questions

What kind of essays and articles can i write with the ai.

As long as you provide us with the right prompt and sufficient context, our AI Writer can generate long text on just about any topic. You can write essays that span a range of topics for any educational level, articles in any niche, and even marketing content for Facebook ads, Google ads, Amazon product descriptions, LinkedIn posts, and more.

What technology should I learn to use this AI Writer?

There are no software or programming skills required to use this tool. Our AI Writer tool has a user-friendly interface where you can generate text in a few simple steps. Just fill in the required information about your topic and we’ll do the rest.

Are essays and articles generated unique and plagiarism-free?

Our AI Writer can produce unique and plagiarism-free content every time as long as you provide us with the right prompt. The essays are 100% generated content, whereas the articles are scraped from content from the web and might contain plagiarised content. Although all essays and all rewritten articles are expected to pass Copyscape or TurnItIn, you should use our plagiarism checker to confirm.

Do I need to edit the essays or articles generated by the AI?

The writing generated by our AI Writer may be a finished product, or may need editing. When using AI writer, there is a possibility of generating unfinished content. We provide an editor and a user-friendly interface to edit and make changes to the generated text the way you want.

How much does the AI Writer cost?

Smodin’s AI Writer is currently free to use. We will be adding additional paid options soon.

AI Writer and Text Generator in Other Languages

© 2024 Smodin LLC

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AI Autocomplete Text

Use AI to finish sentences/paragraphs, enhancing writing flow and quality.

Text Editing: Continue Writing

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Text Inflator

Expand Content turns one sentence or paragraph into two with rewrites.

Grammar Checker & Text Improver

Refine content for clarity, grammar, and tone.

AI Paragraph Generator

Add contextually relevant paragraphs to content for enhanced depth.

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Rephrase content for clarity, conciseness, and unique presentation.

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Generate unique blog ideas and outlines for engaging content.

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Donald J. Trump, wearing a blue suit and a red tie, walks down from an airplane with a large American flag painted onto its tail.

Trump and Allies Forge Plans to Increase Presidential Power in 2025

The former president and his backers aim to strengthen the power of the White House and limit the independence of federal agencies.

Donald J. Trump intends to bring independent regulatory agencies under direct presidential control. Credit... Doug Mills/The New York Times

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Jonathan Swan

By Jonathan Swan ,  Charlie Savage and Maggie Haberman

  • Published July 17, 2023 Updated July 18, 2023

Donald J. Trump and his allies are planning a sweeping expansion of presidential power over the machinery of government if voters return him to the White House in 2025, reshaping the structure of the executive branch to concentrate far greater authority directly in his hands.

Their plans to centralize more power in the Oval Office stretch far beyond the former president’s recent remarks that he would order a criminal investigation into his political rival, President Biden, signaling his intent to end the post-Watergate norm of Justice Department independence from White House political control.

Mr. Trump and his associates have a broader goal: to alter the balance of power by increasing the president’s authority over every part of the federal government that now operates, by either law or tradition, with any measure of independence from political interference by the White House, according to a review of his campaign policy proposals and interviews with people close to him.

Mr. Trump intends to bring independent agencies — like the Federal Communications Commission, which makes and enforces rules for television and internet companies, and the Federal Trade Commission, which enforces various antitrust and other consumer protection rules against businesses — under direct presidential control.

He wants to revive the practice of “impounding” funds, refusing to spend money Congress has appropriated for programs a president doesn’t like — a tactic that lawmakers banned under President Richard Nixon.

He intends to strip employment protections from tens of thousands of career civil servants, making it easier to replace them if they are deemed obstacles to his agenda. And he plans to scour the intelligence agencies, the State Department and the defense bureaucracies to remove officials he has vilified as “the sick political class that hates our country.”

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  22. Hindi Typing

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